Crime – एक महीने की तैयारी, तीन कॉलम वाली चेकलिस्ट और दीवार पर टंगा सीक्रेट नोट… फिर अतुल सुभाष ने खत्म कर ली अपनी जिंदगी- #INA

अतुल सुभाष सुसाइड केस.
AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस (Atul Subhash Case) को जानकर देश का हर नागरिक सन्न है. मामले में कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं. बेंगलुरु पुलिस ने अतुल के भाई कि तहरीर पर पत्नी निकिता सिंघानिया सहित 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. इस बीच अतुल के बारे में ऐसी जानकारी सामने आई है जिससे पता चला कि वो एक महीने पहले से ही खुदकुशी करने की तैयारी में थे. उनकी एक चेकलिस्ट (Checklist) मिली है, जिसमें हैरान कर देने वाली चीजें दिखीं.
अतुल सुभाष ने अपनी सुसाइड जैसा खौफनाक कदम उठाने से पहले एक चेकलिस्ट बनाई थी. यह चेकलिस्ट उनके हर एक काम की थी, जो कि तीन भागों में बंटी है. उनकी इस चेकलिस्ट को पुलिस ने बेंगलुरु स्थित घर से बरामद किया है. दीवार पर अतुल ने यह चेकलिस्ट लगाई थी. चेकलिस्ट के बगल में एक और कागज चिपका था जिस पर लिखा था- इंसाफ मिलना चाहिए.
जानकारी के मुताबिक, खुदकुशी की प्लानिंग 34 साल के अतुल ने महीने भर पहले कर ली थी. उन्होंने मौत से पहले जरूरी काम निपटाने के लिए चेकलिस्ट को तीन हिस्सों में बांटा था. ‘जिंदगी के आखिरी दिन से पहले’, ‘मौत का दिन’ और ‘अंतिम समय से सुसाइड से पहले’ के काम तय किए थे और वैसा किया भी. यह लिस्ट महीनों पहले इतनी सावधानी से बनाई गई थी ताकि उनसे जुड़ा कोई काम पेंडिंग न रहे.
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अतुल सुभाष की चेकलिस्ट
अतुल सुभाष ने इस चेकलिस्ट को तीन हिस्सों में बांटा था. ये हिस्से थे- ‘Before last day’, ‘Last day’और ‘Execute last moment’. इसका मतलब था कि अपने फोन का फिंगरप्रिंट और फेस रिकग्निशन हटाना, ताकि उनके मरने के बाद उनके परिचित इसे एक्सेस कर सकें. अपनी कार, बाइक और कमरे की चाबियां फ्रिज पर छोड़ना, ऑफिस के काम को पूरा करना और अपने लैपटॉप और चार्जर को जमा करना आदि.
एक अलग कॉलम
चेकलिस्ट में एक कॉलम था जिसमें होने वाले कामों को चेक किया जा सकता था. कुछ काम इसमें से पूरे कर लिए गए थे. जिन्हें अलग से दर्शाया गया था. इनमें अपने पैसे को सेफ करना, ऑफिस का काम पूरा करना, कानूनी तैयारियां करना, सभी कम्युनिकेशन को इकट्ठा करना और डेटा का बैकअप लेना आदि शामिल थे.
आत्महत्या में क्यों हुई देर?
यह सभी चेक लिस्ट बनाने में सुभाष ने काफी सावधानी बरती थी. अतुल सुभाष के सुसाइड नोट से पता चलता है कि उन्हें यह तय करने में वक्त लगा कि उनकी सभी पेंडिंग रिस्पांसिबिलिटी अब पूरी हो गई हैं. अतुल सुभाष ने लिखा है कि इस काम को पूरा करने में उन्हें कुछ महीने लग गए, सरकारी दफ्तरों में काफी धीरे काम होता है और इस वजह से उन्हें आत्महत्या करने में देरी हुई है.
‘परिवार को कोई नहीं करेगा परेशान’
अतुल सुभाष अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखते हैं कि वह जितना अधिक मेहनत करेंगे उतना ही उन्हें और उनके परिवार को परेशान किया जाएगा, उनसे जबरन वसूली की जाएगी और यह पूरा न्यायिक सिस्टम उनका उत्पीड़न करने वालों की मदद करेगा. अगर वह इस संसार से चले जाएंगे तो उनके पास कोई पैसा नहीं होगा और उनके बूढ़े माता-पिता और उनके भाई को परेशान नहीं किया जाएगा.
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