Crime- क्या है पोंजी स्कीम? जिसमें गुजरात में ठगे गए 6 हजार करोड़ रुपए, ‘जाला’ कैसे चला रहा था ये स्कैम!

क्या है पोंजी स्कीम? जिसमें गुजरात में ठगे गए 6 हजार करोड़ रुपए, ‘जाला’ कैसे चला रहा था ये स्कैम!

गुजरात में एक बार फिर पोंजी स्कीम के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है. करीब 3 महीने से चल रही सीआईडी क्राइम गुप्त इंक्वायरी में इस 6 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ है. इसके बाद सीआईडी टीम ने घोटाले के कर्ता धर्ता भूपेंद्र सिंह जाला और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें अरेस्ट कर लिया है. इसी के साथ सीआईडी टीम ने इन जालसाजों की करोड़ों रुपए की संपत्ति को भी सीज कर दिया है. यह घोटाला गुजरात के उत्तरीय इलाके साबरकांठा, अरवलली, मेहसाणा,बनासकांठा, गांधीनगर समेत कई अन्य जिलों में हुआ है.

सीआईडी के अधिकारियों के मुताबिक भूपेंद्र सिंह जाला ने इन सभी जिलों में अपना ठगी का नेटवर्क बनाया था. करीब एक साल से वह पोंजी स्कीम की आड़ में लोगों से वसूली कर रहा था. लेकिन पुलिस और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं थी. अधिकारियों के मुताबिक पिछले दिनों एक शिकायत मिली थी. इस शिकायत के आधार पर टीम ने गोपनीय जांच शुरू की और पूरा मामला सामने आने के बाद जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर यह कार्रवाई की गई है.

ऐसे बिछाया ठगी का जाल

पुलिस के मुताबिक ठग भूपेंद्र सिंह जाला ने अपने नेटवर्क में शिक्षकों, सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों और व्यापारियों को जोड़ रखा था. इन्हें BZ ग्रुप की अलग अलग स्कीम में निवेश करने पर 5 से 25 फीसदी तक मुनाफे का लालच दिया गया था. वहीं एजेंटों को अधिक से अधिक मेंबर बनाने पर टीवी, मोबाइल फोन या कार आदि इनाम में देने की बात कही गई थी. सीआईडी क्राइम के एडीजी राजकुमार पांडियन के मुताबिक किसी भी निवेशक से 500000 रुपये निवेश कराने पर उसे 32 इंच की एलईडी टीवी के अलावा मोटा रिटर्न देने का झांसा देते थे.

साबरकांठा का रहने वाला है जालसाज

इसी प्रकार 10 लाख रुपये के निवेश पर गोवा ट्रिप और एक निश्चित राशि की एफडी देने का दावा किया जाता था. एडीजी सीआईडी के मुताबिक जालसाज भूपेन्द्र सिंह परबत सिंह जाला मूल रूप से साबरकांठा के हिम्मतनगर तहसील में डेरा गांव का रहने वाला है. उसने बीएससी, बीएड, एमडी, एलएलबी तक पढ़ाई की है. उसके माता-पिता निम्न मध्यम परिवार से हैं और खेती किसानी करते हैं. पुलिस ने इस जालसाज और इसके एजेंट की 7 महंगी कारें जब्त की हैं. इसके अलावा इनकी 11 कंपनियों और 27 बैंक अकाउंट के रिकार्ड को भी फ्रीज करा दिया है. अधिकारियों के मुताबिक इस जालसाज ने लोकसभा चुनाव में नामांकन भी किया था. हालांकि बाद में इसने BJP प्रत्याशी के समर्थन में पर्चा वापस लिया.


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