आगरा में अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर मनाया गया सांस्कृतिक कार्यक्रम
आगरा: 24 दिसंबर। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर “अटल गीत गंगा” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम डा.एमपीएस वर्ल्ड स्कूल के हॉल में हुआ, जहाँ नृत्य, गीत-संगीत और नाटक की त्रिवेणी बही। इस विशेष मौके पर आयोजित कार्यक्रम ने अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक अनूठा तरीका पेश किया।
कार्यक्रम की शोभा: नृत्य, गीत और नाटक
“अटल गीत गंगा” कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला और महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर उन्हें याद किया गया। स्कूली बच्चों ने अटल जी के जीवन से जुड़े नाटक के माध्यम से उनकी महानता को उजागर किया। इसके साथ ही, प्रख्यात गायक सुधीर नारायण की आवाज ने अटल जी के गीतों का समां बांध दिया।
बच्चों की प्रतिभा और कला
इस कार्यक्रम में डा.एमपीएस वर्ल्ड स्कूल के बच्चों की प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। बच्चों ने नाटक के माध्यम से अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन के कई पक्षों को दर्शाया। नाटक में अटल जी के संघर्ष और उनकी उपलब्धियों को बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया। वहीं, सुधीर नारायण ने अटल जी का प्रसिद्ध गीत “हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन, रग-रग हिंदू मेरा परिचय” गाकर सभी उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया। इसके साथ ही, कवयित्री रुचि चतुर्वेदी ने “ये अटल गीत गंगा बहती रहेगी” सहित कई अन्य रचनाओं का पाठ किया, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
अटल सम्मान: समर्पण और श्रद्धांजलि
इस कार्यक्रम के दौरान, “अटल सम्मान” भी प्रदान किया गया। महापौर हेमलता दिवाकर और अन्य अतिथियों ने इस सम्मान के माध्यम से उन व्यक्तियों को सराहा, जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की विचारधारा और कार्यों को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला, आरएसएस के विभाग प्रचारक आनंद, समारोह के अध्यक्ष पूरन डावर, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अटल जी के योगदान को याद करते हुए नई पीढ़ी को प्रेरित किया।
स्मृति ग्रन्थ का विमोचन
कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी पर एक स्मृति ग्रंथ का विमोचन भी किया गया। इस ग्रंथ का संपादन आदर्श नंदन गुप्ता करेंगे। यह ग्रंथ अटल जी की पहल और उनके दृष्टिकोण को समर्पित है जो उनके जीवन को और भी जीवंत बनाता है। विमोचन के समय उपस्थित सभी अतिथियों ने अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
“अटल गीत गंगा” कार्यक्रम ने अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को सही तरीके से उजागर किया। इस कार्यक्रम ने न केवल अटल जी के विचारों को याद किया, बल्कि हमारी संस्कृति और कला के प्रति भी एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। यह आयोजन एक प्रेरणा देने वाला अनुभव था, जिसने सभी उपस्थित लोगों को अटल जी के आदर्शों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
इस प्रकार, अटल गीत गंगा का आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम था, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ी को अटल बिहारी वाजपेयी की महानता से अवगत कराने का एक प्रयास भी था। इस कार्यक्रम ने हमें यह समझाया कि अटल जी की शिक्षाएँ और उनके विचार आज भी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।