Delhi-Ncr एक नागा, एक कुकी और एक मैतेई को टेबल पर बैठाकर देखो, तब समझ आएगी मणिपुर की समस्या; WITT में बोले हिमंत बिस्वा सरमा- #INA

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा.

टीवी9 नेटवर्क के महामंच व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे (WITT) के तीसरे संस्करण का बीते शुक्रवार को आगाज हुआ. सम्मेलन का आगाज पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. वहीं दूसरे दिन भी तमाम दिग्गज सम्मेलन में शामिल हुए. इसी में से एक थे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा. हिमंत बिस्वा सरमा ने सम्मेलन में नॉर्थ ईस्ट के प्रमुख राज्य मणिपुर की समस्या पर खुलकर बात की. जब उनसे पूछा गया कि आखिर केंद्र और राज्य सरकार मणिपुर में शांति क्यों नहीं ला पाई तो उन्होंने कहा कि एक नागा, एक कुकी और एक मैतेई को टेबल पर बैठाकर देखो, तब वहां की समस्या समझ में आएगी.

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मणिपुर की समस्या दो साल से नहीं चली आ रही है. ये देश की स्वतंत्रता के समय से ही है. वहां पर तीन समाज नागा, कुकी और मैतेई के लोग एक साथ रहते हैं. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि उनका अपने आप एक-दूसरे के प्रति जिनता आत्मविश्वास मजबूत होना चाहिए था, वो इतने सालों में नहीं हुआ. वहां पर कुछ लोग म्यांमार से आते हैं, उसके लिए भी लोग नाराज हैं. ये एक गंभीर समस्या है और इसका कोई आसान तरीका नहीं है.

मणिपुर का हंगामा 2 सालों से नहीं चल रहा, ये वर्षों पुराना- CM हिमंत बिस्वा सरमा

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कांग्रेस वाले बोलते हैं कि ये मणिपुर का हंगामा दो साल से चल रहा है, लेकिन उनको अपनी ही सरकार के बारे में कुछ मालूम नहीं है. आज जो आप वहां पर हालात देख रहे हैं, ऐसा 5 से 6 बार पहले भी वहां पर हो चुका है. 6-7 सालों में ये समस्या वहां रिपीट होती रहती है. आज सोशल मीडिया, टीवी ज्यादा है तो इसका प्रचार ज्यादा हुआ है, लेकिन 2 से 3 हजार लोग एक ही हादसे में पहले भी मर चुके हैं.

सिर्फ कुकी समाज ही राजधानी में जमीन खरीद सकता है- हिमंत बिस्वा सरमा

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मणिपुर में जो तीन जातियां एक साथ रहती हैं… नागा, कुकी और मैतई उनके बीच में जो आत्मविश्वास और अपना पन होना चाहिए, वो अब तक नहीं हो पाया है. इसके बहुत सारे कारण हैं. मैतई लोग वहां रहते हैं, वो आदिवासी नहीं हैं. कुकी समाज के लोग आदिवासी हैं. कुकी के लोग राजधानी इंफाल में जमीन खरीद सकते हैं, लेकिन मैतई के लोग नहीं खरीद सकते हैं. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मुझे लगता है कि केंद्र सरकार इस समस्या पर गंभीर है. अभी जो वो मणिपुर में काम कर रही है, वो फाइनल तरीके से इस समस्या को खत्म करने पर काम कर रही है.

75 सालों से चला आ रहा इनका विवाद

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मणिपुर की समस्या केवल बीजेपी सरकार के समय से नहीं है. ये समस्या पिछले 75 सालों से चली आ रही है. इसके लिए सबसे ज्यादा कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कभी अगर आपको मणिपुर की असली समस्या के बारे में जानना है तो एक नागा, एक कुकी और एक मैतेई को साथ में टेबल पर बैठाकर आप लोग बात कीजिए. इनका विवाद कोई छोटा-मोटा विवाद नहीं है. इनका बहुत गहरा विवाद है. जैसे असम की समस्या खत्म होने में तीन दशक लग गए थे, वैसे मणिपुर के लिए भी थोड़ा हमें इंतजार करना होगा.

इनको एक टेबल पर लाना भी आसान नहीं

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि तीनों समाज एक कुकी, एक नागा और एक मैतेई को टेबल पर बैठाकर बात करना भी बहुत मुश्किल काम है. इनका इतना आसान विवाद नहीं है. नागा लोग अपने अधिकार के लिए 75 सालों से लड़ रहे हैं. हजारों लोगों की जान जा चुकी है. मैतेई लोग अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं. आज 10 से 15 हजार मैतेई विस्थापित होकर म्यांमार चले गए हैं. इसी तरह कुकी भी अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं. सात से आठ इन लोगों के संगठन हैं, जो अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं.​

एक नागा, एक कुकी और एक मैतेई को टेबल पर बैठाकर देखो, तब समझ आएगी मणिपुर की समस्या; WITT में बोले हिमंत बिस्वा सरमा


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