Delhi-Ncr आरोप गलत और भ्रामक है… यमुना को लेकर केजरीवाल-आतिशी के आरोपों पर दिल्ली जल बोर्ड का बयान- #INA
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यमुना के पानी में अमोनिया को लेकर दिल्ली जल बोर्ड ने सीएम आतिशी के दावे को भ्रामक बताया है
यमुना के पानी को लेकर मुख्यमंत्री आतिशी और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से किए गए दावे को दिल्ली जल बोर्ड ने तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है. दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के ऑफिस की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि यमुना के पानी को लेकर जो दावे किए गए हैं इसका कोई आधार नहीं हैं. यह पूरी तरह से भ्रामक है. बयान में कहा गया है कि दिल्ली जल बोर्ड नियमित रूप से यमुना के पानी की निगरानी करता है और नदी में पीछे से आने वाले पानी की गुणवत्ता और पैरामीटर के आधार पर आपूर्ति को नियंत्रित करता है.
दरअसल, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दावा किया कि हरियाणा सरकार जानबूझकर यमुना के पानी को जहरीला बना रही है ताकि दिल्ली वालों को पीने का पानी न मिल सके. हरियाणा सरकार अमोनिया वाला प्रदूषित पानी यमुना में छोड़ रही है. प्रदूषण का स्तर पर इतना बढ़ गया है कि दिल्ली के तीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने की कगार पर आ गए हैं. यमुना में जहरीला पानी आने से दिल्ली के 30 फीसदी लोगों को पानी नहीं मिलेगा.
दिल्ली जल बोर्ड बोला- सर्दियों में अक्सर बढ़ जाता है अमोनिया का स्तर
मुख्यमंत्री के दावे पर बोर्ड की ओर से जारी लेटर में कहा गया है कि हर सर्दी के मौसम में अक्टूबर से फरवरी के दौरान यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है. दिल्ली जल बोर्ड के वाटर प्लांट को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे 1 पीपीएम तक अमोनिया की मात्रा को झेल सकते हैं. यहां तक वाटर प्लांट 2 से 2.5 पीपीएम अमोनिया को वाले पानी को फिल्टर करने में सक्षम हैं.
दिल्ली जल बोर्ड ने यह भी बताया है कि आखिर सर्दी के मौसम में नदी में अमोनिया के लेवल कैसे बढ़ जाता है. बोर्ड ने बताया है कि सर्दियों में अनट्रीटेड सीवेज की वजह से यमुना नदी के पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है या फिर वजीराबाद बैराज में इंडस्ट्रियल कचरी मात्रा ज्यादा होने के बाद भी यह स्थिति बनती है. मानसून के बाद सर्दियों में यमुना नदी का प्रवाह घट जाता है. ऐसी स्थिति में पानी में मिलने वाला अनट्रीटेड सीवेज पर्याप्त रूप डायलूट नहीं हो पाता है जिसके कारण अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है.
प्रोडक्शन में 15-20 फीसदी की कटौती
इस साल भी कुछ ऐसा ही हुआ है. बारिश के बाद अक्टूबर महीने से ही यमुना में अमोनिया की मात्रा में बढ़ोतरी देखने को मिली है. वर्तमान की बात करें तो वजीराबाद में यमुना नदी के जल में अमोनिया की मात्रा 6.5 पीपीएम है. सीएलसी और डीएसबी पानी, डीजेबी पानी के साथ डायलूट होने के बावजूद वजीराबाद और चंद्रावल में ट्रीटमेंट प्लांट पूरी क्षमता के साथ संचालित नहीं हो सके हैं. वर्तमान में वजीराबाद और चंद्रावल डब्ल्यूटीपी पर प्रोडक्शन में लगभग 15 से 20 फीसदी की कटौती की गई है.
आने वाले दिनों में अपने आप कम हो जाएगा अमोनिया का स्तर
बोर्ड ने कहा है कि उम्मीद है कि आने वाले कुछ दिनों में वजीराबाद पॉन्ड में अमोनिया का स्तर कम होगा जिसके बाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में प्रोडक्शन भी सुचारू रूप से होने लगेगा. तथ्य को ध्यान में रखते हुए मामला आपके संज्ञान में लाया जा रहा है. इस तरह के झूठे बयानों से शहर के निवासियों में डर फैल जाता है और हरियाणा के साथ संबंधों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
आरोप गलत और भ्रामक है… यमुना को लेकर केजरीवाल-आतिशी के आरोपों पर दिल्ली जल बोर्ड का बयान
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