Delhi-Ncr दिल्ली में महिलाओं के लिए महिला का महिला से मुकाबला, इतिहास में पहली बार बना ऐसा संयोग, तगड़ा होगा शह-मात का खेल- #INA
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सीएम रेखा गुप्ता और नेता प्रतिपक्ष आतिशी.
दिल्ली की सियासत पूरी तरह से महिलाओं के इर्द-गिर्द सिमट गई है. दिल्ली में 27 साल के बाद लौटी बीजेपी ने रेखा गुप्ता को सत्ता की बागडोर सौंपी है. बीजेपी ने महिला सीएम बनाया तो आम आदमी पार्टी ने भी महिला दांव चलते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए आतिशी को चुनाव है. आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लगी है. इस तरह से दिल्ली के सियासी इतिहास में पहली बार संयोग बना है, जब विधानसभा में एक साथ नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष दोनों ही पद पर महिला होंगी.
दिल्ली की 8वीं विधानसभा में दो महिलाएं अपनी-अपनी पार्टी की अगुवाई करेंगी. सीएम रेखा गुप्ता सत्तापक्ष का नेतृत्व करेंगी तो आम आदमी पार्टी की विधायक दल की नेता आतिशी विपक्ष की भूमिका में होंगी. रेखा गुप्ता बीजेपी में लगभग तीन दशकों से सक्रिय रही हैं और दिल्ली की सियासत को भली-भांति समझती हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से एमसीडी में पार्षद और दिल्ली के सीएम तक का सफर तय किया है, जिसके चलते रेखा गुप्ता जमीनी राजनीति को बखूबी समझती हैं.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए चुनी गई आतिशी दूसरी बार कालकाजी सीट से विधायक चुनी गई हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सितंबर 2024 में ही अपनी सियासी विरासत उन्हें सौंप दी थी. सीएम रहते हुए आतिशी ने अपनी सियासी पहचान बनाने में सफल रही हैं, लेकिन 5 महीने में उनका रोल बदल गया. आम आदमी पार्टी ने अब उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाकर रेखा सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है.
दिल्ली में महिला का महिला से मुकाबला
दिल्ली विधानसभा सत्तापक्ष और विपक्ष दोनो ही पार्टियों ने महिला हाथों में नेतृत्व सौंपकर महिला सशक्तिकरण का संदेश दे दिया है, लेकिन विधानसभा में मुद्दा भी महिलाओं से जुड़ा होगा, जिस पर दोनों के बीच शह-मात का खेल होगा. बीजेपी ने रेखा गुप्ता के रूप में महिला सीएम दिल्ली में बनाया तो माना जाने लगा कि आम आदमी पार्टी के लिए बीजेपी को घेरना आसान नहीं होगा. ऐसे में अरविंद केजरीवाल ने महिला सीएम के सामने नेता प्रतिपक्ष एक महिला को बनाकर सियासी तौर पर बड़ा मास्टरस्ट्रोक चला है. इस तरह विधानसभा के अंदर मुकाबला काफी घमासान होने वाला है.
रेखा गुप्ता पहली बार विधायक बनी हैं, इसलिए उन्हें सरकारी कामकाज सीखने और संभालने में थोड़ा वक्त लग सकता है. आम आदमी पार्टी को लगता है कि यही मौका है, जब बीजेपी सरकार पर थोड़ा दबाव बनाया जाए. आतिशी लगातार अपनी आक्रामकता के लिए जानी जाती रही हैं. इसलिए अरविंद केजरीवाल की पार्टी उन्हें सत्ताधारी बीजेपी को घेरने के लिए सबसे अच्छा विकल्प मान रही है. आतिशी ने अपने सियासी तेवर भी दिखाने शुरू कर दिए हैं. दिल्ली की सियासत में अब तो रेखा गुप्ता बनाम आतिशी के बीच रोचक मुकाबला होगा.
रेखा गुप्ता बनाम आतिशी के बीच घमासान
सीएम रेखा गुप्ता दिल्ली विधानसभा के लिए नई जरूर हैं, लेकिन उन्हें विधायी कामकाज का अच्छा खासा अनुभव है. वह तीन बार पार्षद रह चुकी हैं, जिसमें दो बार तो उन्हें सत्ता चलाने का अनुभव भी है. एमसीडी में पार्षद रहते हुए रेखा गुप्ता की सियासी आक्रामकता किसी तरह से आतिशी से कम नहीं है. इसलिए जब साथ में संख्या बल होगा तो उनके लिए काम और भी आसान होगा, लेकिन आतिशी भी आंदोलन से निकलकर राजनीति में आईं है.
आम आदमी पार्टी के सत्ता में रहते हुए जब अरविंद केजरीवाल जेल में थे तो आतिशी ने बीजेपी से लेकर उपराज्यपाल तक के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. सड़क से सदन तक उनके आक्रामक रुख को देखा गया था. इस तरह अब दिल्ली विधानसभा के भीतर दो आक्रामक महिला नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक और बहस देखने को मिल सकती है.
विधानसभा में बीजेपी के पास आम आदमी पार्टी की तुलना में संख्या बल दोगुने से भी ज्यादा है. ऐसे में अनुभव के लिहाज से भी दोनों ही पार्टियों के पास कई सदस्य ऐसे हैं.रेखा गुप्ता पर निश्चित तौर पर चुनाव में किए वादों को पूरा करने का दबाव होगा, लेकिन आतिशी पर भी आम आदमी पार्टी की पिछली सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के आरोपों पर जवाब देने की भी जिम्मेदारी होगी.
आतिशी, रेखा गुप्ता
महिलाओं के मुद्दे पर होगा शह-मात का खेल
दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. प्रोटेम स्पीकर अरविंदर सिंह लवली सभी विधायकों को शपथ दिलाएंगे. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा. आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए कामकाज को लेकर भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 लंबित रिपोर्ट्स को बीजेपी विधानसभा सदन के पटल पर रखेगी. कैग रिपोर्ट ही नहीं रेखा की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार ने विधानसभा में शीशमहल से लेकर शराब और यमुना सफाई के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को कटघरे में खड़ा करने की कवायद करेगी ताकि किसी भी मुद्दे पर विपक्ष को हावी होने का मौका न मिले. रेखा सरकार चाहती है कि विपक्ष पर राजनीतिक और प्रशासनिक विफलताओं का दबाव बनाया जाए, जिससे जनता में बीजेपी की पकड़ और मजबूत हो.
वहीं, आम आदमी पार्टी ने विधानसभा के पहले ही सत्र में रेखा सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है. महिला सम्मान राशि, बीजेपी की कथित वादाखिलाफी और झूठे वादों जैसे मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करेगी. विपक्ष की रणनीति है कि बीजेपी ने चुनाव के दौरान जनता से बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन अब उन वादों को पूरा करने में नाकाम साबित हो रही है. विपक्ष यह संदेश देना चाहती है कि बीजेपी ने महिला सुरक्षा और कल्याण के लिए जो वादे किए थे, वे अभी तक केवल कागजों तक ही सीमित हैं.
2500 रुपये महीने वाली स्कीम पर घमासान
आतिशी ने दिल्ली की महिलाओं को 2500 रुपये महीने देने का वादा को लेकर रेखा सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. आतिशी ने सीएम रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर सरकार से महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने की योजना पर बात करने के लिए समय मांगा है. आतिशी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान 31 जनवरी 2025 को द्वारका में आयोजित एक रैली में दिल्ली की माताओं-बहनों से यह वादा किया था कि बीजेपी सरकार बनने के बाद पहली ही कैबिनेट बैठक में उनके लिए 2500 रुपये प्रतिमाह की योजना पास की जाएगी. उन्होंने कहा था- यह मोदी की गारंटी है.
इस तरह आतिशी ने जिस तरह से महिलाओं को 2500 रुपये देने का मुद्दा उठाया है, उससे साफ है कि विधानसभा में भी इस बात को आम आदमी पार्टी जोरदार तरीके से उठा सकती है. ऐसे में तीन दिवसीय विधानसभा सत्र में पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त टकराव देखने को मिल सकता है. दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी रणनीति के साथ सदन में उतरेंगे और एक-दूसरे को घेरने की पूरी कोशिश करेंगे.
दिल्ली में महिलाओं के लिए महिला का महिला से मुकाबला, इतिहास में पहली बार बना ऐसा संयोग, तगड़ा होगा शह-मात का खेल
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