Delhi-Ncr ममता से लेकर उद्धव तक…दिल्ली में आप-बीजेपी से ही नहीं, इंडिया गठबंधन से भी लड़ रही है कांग्रेस- #INA

अखिलेश यादव, राहुल गांधी, ममता बनर्जी और मल्लिकार्जुन खरगे

दिल्ली विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए साख का सवाल बना हुआ है. इस चुनाव में अच्छे प्रदर्शन से ना सिर्फ उसे दिल्ली में सत्ता हासिल करनी है बल्कि इंडिया गठबंधन को अपनी औकात भी दिखानी है. दरअसल, कांग्रेस यहां पर अलग-थलग पड़ गई है. टीएमसी, सपा, शिवसेना (यूबीटी) समेत इंडिया गठबंधन की कई पार्टियां चुनाव में आम आदमी पार्टी (आफ) के साथ खड़ी हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव तो आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ रोडशो भी करने वाले हैं. सपा सांसद इकरा हसन भी प्रचार करेंगी. वहीं, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने शत्रुघ्न सिन्हा को प्रचार में उतार दिया है. एनसीपी भी दिल्ली चुनाव में आप के साथ है. कांग्रेस को सिर्फ डीएमके और लेफ्ट का समर्थन मिला है.

जिस तरह से इंडिया गठबंधन की पार्टियां आप के साथ खड़ी हैं, उससे साफ है कि इस चुनाव में कांग्रेस की लड़ाई आप और बीजेपी से ही नहीं बल्कि इंडिया गठबंधन से भी है.

केजरीवाल-सिसोदिया के लिए प्रचार करेंगे शत्रुघ्न सिन्हा

टीएमसी के आसनसोल से सांसद सिन्हा अरविंद केजरीवाल (नई दिल्ली सीट), दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी (कालकाजी) और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (जंगपुरा) सहित AAP के शीर्ष नेताओं के लिए रैलियों को संबोधित करेंगे. ‘बिहारी बाबू’ शत्रुघ्न सिन्हा पूर्वांचल के वोटरों को आप के खेमे में ला सकते हैं. दिल्ली में एक तिहाई वोटर पूर्वांचल के बताए जाते हैं. ऐसी संभावना है कि टीएमसी के एक और सांसद आप के लिए प्रचार कर सकते हैं.

शत्रुघ्न सिन्हा का आप के लिए चुनाव प्रचार करना कांग्रेस के लिए खासतौर से कड़वा है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले वह बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए थे. दशकों तक वह बीजेपी में रहे थे. शत्रुघ्न को बीजेपी से दूर करने में राहुल गांधी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. सिन्हा को कांग्रेस ने पटना साहिब सीट से मैदान में उतारा था और वह हार गए. 2022 में उन्होंने टीएमसी में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी.

गठबंधन के कई दल ममता के साथ

इंडिया गठबंधन की कई पार्टियों ने गठबंधन के नेतृत्व के लिए टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी का समर्थन किया है, जिनमें कांग्रेस के पुराने मित्र लालू प्रसाद यादव भी शामिल हैं. टीएमसी नेताओं का कहना है कि बीजेपी के खिलाफ ममता बनर्जी का रिकॉर्ड शानदार है, जबकि कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ लगभग हर एक चुनाव हारी है.

दिल्ली चुनाव में टीएमसी, सपा, शिवसेना और एनसीपी का आप के लिए वोट मांगना इंडिया गंठबंधन में कांग्रेस का अलगाव गहराने वाला है. दिल्ली चुनाव में अगर उसे हार मिलती है तो इंडिया गठबंधन में उसकी साख खतरे में पड़ जाएगी.

दूसरी ओर आप को सपोर्ट देकर टीएमसी इंडिया गठबंधन में नेतृत्व के समर्थन को लेकर निश्चिंत हो सकती है. टीएमसी में धारणा यह है कि एनसीपी नेता शरद पवार और शिवसेना सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ममता बनर्जी का समर्थन करने के लिए तैयार हैं.

लालू ने कांग्रेस पर बढ़ाया दवाब

ममता बनर्जी के समर्थन में आवाज उठाते हुए आरजेडी सु्प्रीमो लालू यादव ने बिहार में कांग्रेस पर दबाव बढ़ा दिया है. आरजेडी कमजोर कांग्रेस को पसंद करेगी जो सीट-बंटवारे की बातचीत के दौरान अपनी ताकत दिखाने की कम स्थिति में हो.

बिहार में 2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कड़ी सौदेबाजी की और 70 सीटें हासिल कीं, जिनमें से वह केवल 19 सीटें जीत सकी. दूसरी ओर कांग्रेस के साथ महागठबंधन के हिस्से के रूप में आरजेडी 144 सीटों पर चुनाव लड़ी और 75 जीती.

ममता से लेकर उद्धव तक…दिल्ली में आप-बीजेपी से ही नहीं, इंडिया गठबंधन से भी लड़ रही है कांग्रेस


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