Delhi-Ncr वोटबैंक और नोटबैंक के बीच पिस रहा मिडिल क्लास- अरविंद केजरीवाल- #INA
अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (22 जनवरी) को एक बार फिर अपना मेनिफेस्टो जारी किया. केजरीवाल ने इस मेनिफेस्टो को मिडिल क्लास का घोषणा पत्र बताया. उन्होंने कहा कि देश का असली सुपर पावर हमारा मिडिल क्लास है. इतिहास में पहली बार एक पार्टी मिडिल क्लास के लिए मैनिफेस्टो जारी कर रही है.
केजरीवाल ने कहा कि वो केंद्र सरकार से भी अपील करते हैं कि सरकार भी देश के असली सुपर पावर मिडिल क्लास को पहचानें और अगला बजट मिडिल क्लास को समर्पित किया जाए. जिसको लेकर उन्होंने सरकार से कई मांगे की. उन्होंने कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य का बजट बढ़ाकर 10 फीसद किया जाए, निजी स्कूलों की फीस पर लगाम लगाई जाए, आयकर की छूट 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया जाए. जरूरी वस्तुओं से जीएसटी खत्म किया जाए. वरिष्ठ नागरिकों के लिए रिटयरमेंट व पेंशन प्लान बनाए जाएं. इके साथ ही उनको निजी व सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज दिया जाए. और रेलवे के किराए में पहले की तरह 50 फीसद तक की छूट दी जाए.
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि देश का मिडिल क्लास टैक्स टेररिज्म का शिकार है. उसकी 50 फीसद कमाई सरकारों को टैक्स देने में ही खर्च हो जाती है. हालांकि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली के अंदर गरीबों और मिडिल क्लास को महंगाई की मार से बचाने के लिए मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत कई सुविधाएं दी है. उन्होंने कहा कि अब हम सड़क से लेकर संसद तक मिडिल क्लास की आवाज बनेंगे. उन्होंने कहा कि वो केंद्र सरकार से भी अपील करते है कि वह देश के असली सुपर पावर मिडिल क्लास को पहचानें। यह हमारा मिडिल क्लास का मैनिफेस्टो है. अगर आप भी हमारे मैनिफेस्टो से सहमत हैं तो हमारी वेबसाइट middleclassmanifesto.com पर जाकर अपनी आवाज बुलंद करें.
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‘वोटबैंक और नोटबैंक के बीच पिस रहा मिडिल क्लास’
केजरीवाल ने कहा कि जब कोई नेता चुनाव के ठीक पहले किसी विषय पर चर्चा करता है या घोषणा करता है तो लोग कहते हैं कि वोट के लिए कर रहा है. कई वादे समाज के नीचले तबके के लिए किए जाते हैं और कई कुछ चंद उद्योगपतियों के लिए किए जाते हैं. ये ऐसा क्यों करते हैं? क्योंकि बाकी पार्टियों ने जाति और धर्म के नाम पर अपने वोटबैंक बना रखे हैं और इन्हें बड़े-बड़े उद्योगपतियों से चंदा लेना होता है तो बड़े उद्योगपति उनके नोटबैंक हैं और बाकी लोग वोटबैंक हैं. इस वोटबैंक और नोटबैंक के बीच में एक बहुत बड़ा ऐसा वर्ग है जो पिसकर रह गया है .यह वर्ग भारत का मिडिल क्लास है.
‘कोई भी पार्टी मिडिल क्लास के हित की बात नहीं करती’
पूर्व सीएम ने कहा कि आज कोई भी पार्टी मिडिल क्लास के हित की बात करने के लिए तैयार नहीं है. आजाद भारत के 75 वर्ष में एक सरकार के बाद आई दूसरी सरकार ने मिडिल क्लास को दबाकर, डराकर रखा हुआ है. ये लोग मिडिल क्लास के लिए कुछ करते नहीं है लेकिन जब-जब सरकार को इनकी जरूरत पड़ती है, तब-तब मिडिल क्लास के ऊपर सरकार हथियार चला देती है. यह हथियार टैक्स है. देश चलाने के लिए मिडिल क्लास टैक्स देता है, लेकिन बदले में उन्हें कुछ नहीं मिलता.
‘मिडिल क्लास सरकार का सिर्फ एक ATM बनकर रह गया’
केजरीवाल ने कहा कि मिडिल क्लास सरकार का सिर्फ एक एटीएम बनकर रह गया है. सच बात तो यह है कि देश का मिडिल क्लास टैक्स आतंकवाद का पीड़ित है. परेशानियों की वजह से बहुत सारे लोग देश छोड़कर जा रहे हैं. 2020 में 85,000 भारतीय देश छोड़कर विदेश चले गए. 2023 का आंकड़ा दिखाता है कि इसका तीन गुना यानि 2,16,219 लोग देश छोड़कर चले गए. यह हमारे ही देश के लिए बहुत बडे़ नुकसान और दुख की बात है। क्योंकि जो युवा हमारे देश का भविष्य बन सकता था.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार के पास पैसा जनता से आता है. अब इन पैसे को खर्च करने के दो ही तरीके हैं. या तो सरकार इस पैसे जनता की भलाई पर खर्च करे.शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बेहद जरूरी बुनियादों सुविधाओं को बेहतर करे, लोगों के जीवन को बेहतर करे. या फिर दूसरा तरीक है कि अपने उद्योगपति दोस्तों को कर्ज दे दो और फिर कुछ दिन बाद वो कर्ज माफ कर दे, जनता के पैसे डुबो दे. उन्होंने कहा किदिल्ली सरकार ने पहला तरीका चुना. हम जनता के पैसे जनता पर खर्च करते हैं. मेरा मानना है कि मिडिल क्लास सिर्फ शिक्षा से ही आगे बढ़ सकता है। इसलिए हमने सरकार बनते ही शिक्षा का बजट 5 हजार करोड़ से सीधा 10 हजार करोड़ कर दिया. आज दिल्ली का यही शिक्षा बजट 16 हजार करोड़ पर पहुंच गया है.
‘हमने सरकारी स्कूलों को काफी बेहतर बना दिया’
AAP नेता ने कहा कि हमने सरकारी स्कूलों को काफी बेहतर बना दिया. सरकारी स्कूल इतने अच्छे हो गए कि 4 लाख बच्चे प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में आ गए. अब मिडिल क्लास लोग बहुत बड़े स्तर पर अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भर्ती करा रहे हैं. क्या पहले कभी किसी ने सुना था कि कोई बच्चा प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में जाता है?. उन्होंने कहा कि हमने प्राइवेट स्कूलों के फीस बढ़ाने पर कैप लगा दी. हमने दिल्ली में हजारों बच्चों को उनकी सालों पुरानी फीस रिफंड करवाई है. कई स्कूलों ने पिछले सालों में जो गलत फीस ली थी.
‘AAP ने बिजली और पानी के बिल कम कर दिए’
केजरीवाल ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आप ही बताइए कि क्या हमने आप ही के टैक्स के पैसे शिक्षा में निवेश करके, शिक्षा का बजट बढ़ाकर, स्कूल बेहतक करके, प्राइवेट स्कूलों की फीस पर कैप लगाकर कोई गुनाह किया है? हमने मिडिल क्लास को महंगाई की मार से बचाने के लिए बिजली और पानी के बिल कम कर दिए. आज देश के सभी बड़े शहरों में सबसे सस्ती बिजली दिल्ली वालों को मिलती है. इतना ही नहीं, हमने आपके टैक्स का पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करके पूरी दिल्ली में बिजली की सप्लाई 24 घंटे कर दी. जबकि 10 साल पहले दिल्ली में 8-10 घंटे के पावर कट लगते थे.
‘मिडिल क्लास को राहत पहुंचाकर गुनाह किया क्या?’
उन्होंने कहा कि अगर हमने यह करके मिडिल क्लास को थोड़ी राहत पहुंचाई है तो क्या हमने कोई गुनाह किया है? हमने सरकारी अस्पताल बेहतर बनाए. सरकारी अस्पताल से रेफर होकर प्राइवेट अस्पताल जाने वालों की सारी सर्जरी फ्री कर दी. आपको जानकर ताज्जुब होगा कि हमारे मोहल्ला क्लीनिक की सबसे ज्यादा डिमांड दिल्ली के मिडिल क्लास इलाकों से आती है. तो क्या आपके टैक्स के पैसों से अच्छे अस्पताल और मोहल्ला क्लीनिक बनाकर, एक आम आदमी को अच्छा इलाज देकर हमने क्या कोई गुनाह किया है? .
‘मिडिल क्लास की आवाज की गूंज संसद में सुनी जाएगी’
केजरीवाल ने कहा कि आज हम केंद्र सरकार से भी अपील करते हैं कि हमारे देश के असली सुपर पावर मिडिल क्लास को पहचानें. आज मैं एलान करता हूं कि मैं और आम आदमी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक मिडिल क्लास की आवाज बनेंगे. उनकी आवाज उठाएंगे और उनके मुद्दों को उठाएंगे. उन्होंने कहा कि आज से 2 हफ्ते बाद देश का अगला बजट आने वाला है. इस लोकसभा के सत्र में आम आदमी पार्टी के सांसद मिडिल क्लास के मुद्दे संसद में उठाएंगे. अब मिडिल क्लास की आवाज की गूंज संसद में सुनी जाएगी। हम यह मांग करते हैं कि देश का अगला बजट मिडिल क्लास को समर्पित हो.
वोटबैंक और नोटबैंक के बीच पिस रहा मिडिल क्लास- अरविंद केजरीवाल
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