Delhi-Ncr शादी के पवित्र बंधन से टूटते रिश्ते, तलाक और घरेलू हिंसा की दिल दहलाने वाली कहानियां- #INA

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शादी केवल दो दिलों का संगम नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन भी है. यह एक ऐसा पवित्र बंधन है, जिसकी नींव प्रेम, विश्वास और समर्पण पर टिकी होती है. शादी में सिर्फ इस जन्म का साथ नहीं, बल्कि अगले कई जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खाई जाती हैं. यह जीवन का ऐसा अध्याय होता है, जहां हर खुशी और हर दुख में एक दूसरे का साथ देने का वादा किया जाता है. लेकिन आधुनिक समय में रिश्तों के इस बंधन में दरारें बढ़ने लगी हैं. छोटी-छोटी बातों पर रिश्ते इस कदर बिगड़ जाते हैं कि नौबत तलाक तक पहुंच जाती है. कभी-कभी तो हालात इतने खराब हो जाते हैं कि लोग अपनी जिंदगी तक खत्म करने को मजबूर हो जाते हैं.

हाल ही में बेंगलुरु के एक AI इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या ने हम सबका दिल झकझोर दिया. अपनी मौत से पहले अतुल ने एक ऐसा आरोप लगाया जिसने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने अपनी पत्नी निकिता और उसके परिवार को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया. यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे छोटे-छोटे विवाद और अनबन, शादी के मंडप में सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा करने वाले पति-पत्नी के खूबसूरत और पवित्र रिश्ते को इस हद तक तोड़ सकते हैं.

आज हम आपको उन 5 कहानियों के बारे में बताएंगे, जहां छोटी-छोटी गलतफहमियों ने रिश्तों को तोड़ने की कगार पर पहुंचा दिया. हालांकि, इन मामलों में आत्महत्या जैसी दुखद घटना तो नहीं हुई, लेकिन इनकी कहानियां उतनी ही कड़वी और सीख देने वाली हैं. शायद इन कहानियों को सुनकर हम अपने रिश्तों की कद्र करना सीखें और उन्हें बचाने की आखिरी दम तक हर संभव कोशिश करें. आइए जानते हैं क्या कहते हैं दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के वकील अक्षय आर्या और कुंदन चंद्रवंशी.

प्रेम की जगह बना उत्पीड़न का घर

अक्षय आर्या एक केस के बारे में बताते हुए कहते हैं कि ‘एक मामला दिल्ली के भजपुरा से सामने आया जिसमें लड़का सरकारी नौकरी में है और लड़की गरीब परिवार से है. लड़के के भाई-भाभी भी सरकारी नौकरी करते हैं. भाई-भाभी का एक बेटा भी है. लड़की की तरफ से आरोप लगाया गया कि सभी लोग नौकरी पर चले जाते थे और लड़की को अकेला घर पर काम करने के लिए छोड़ जाते थे. भाभी और देवर में अवैध संबंध भी चल रहा था. इसी वजह से दबाव में देवर की शादी करवा दी गई ये सोचकर की घर का काम भी करेगी और चुपचाप रहेगी. लड़का अपनी पत्नी के साथ न सोकर अपनी भाभी के साथ सोता था.

जब यह बात लड़के की पत्नी को पता चली तो उसने अपना अधिकार मांगना शुरू किया. इसके बाद अपने पति के उसकी भाभी के साथ रिलेशन पर आपत्ति जताई. जिसके बाद लडकी के साथ मारपीट हुई. लड़केवाले चाहते थे नौकरानी बनकर रहना है तो रहे नहीं तो जाए. लड़केवालों ने बोला लड़की के घरवालों से कि इसको ले जाओ वापस. लड़की ने सोचा घर का मामला घर में ही निपट जाए तो अच्छा है इसलिए पहले लड़की पुलिस के पास नहीं गई न ही मेडिकल करवाया. लड़की ने तंग आकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद लड़की ने मेंटिनेंस की मांग की. घरेलू हिंसा का केस भी फाइल किया. लेकिन सबूत नहीं दे पाई. ये केस सात साल से चल रहा है. अभी प्रोसेस में है.

रेप का आरोप और शादी का सौदा

एक दूसरे केस के बारे में बात करते हुए वकील अक्षय आर्या ने बताया कि ‘लड़की गोरखपुर और लड़का कानपुर का रहना वाला है. लड़के ने आरोप लगाया कि लड़की ने कस्टमर केयर वाली बनकर लड़के को कॉल किया. जिसके बाद इनकी बात होने लगी. लड़की ने लड़के को बताया कि मेरी सरकारी नौकरी लग गई है पोस्ट ऑफिस में. मेरी कास्ट भी मिलती है तुमसे, गोरखपुर की अच्छी फैमली से हूं. लड़की की ये बात सुनकर लड़के ने सोचा कि चलो अच्छी फैमिली से है कर लेते हैं शादी. लड़के ने अपनी माँ से लड़की को मिलवाया लेकिन मां ने मना कर दिया.

लड़की ने लड़के पर शादी का दबाव बनाया और उसके बाद रेप का मुकदमा कर दिया. फिर ये सेटलमेंट हुआ कि लड़का शादी करेगा तो लड़की मुकदमा वापस ले लेगी. फिर इनकी शादी हो गई. लेकिन लड़की ने ससुराल में जाकर रंग दिखाने शुरू कर दिए. घर का काम नहीं करती थी. लड़के और उसके घरवालों को टॉर्चर करने लगी ये कहकर कि अगर मेरी बात नहीं मानी तो दहेज का केस कर दूंगी. तंग आकर लड़का कोर्ट पहुंचा. लड़के ने शादी तोड़ने का मुकदमा किया है. लड़के की तरफ से नल एंड वॉयड का मुकदमा किया गया है.

पत्नी को दूसरों के साथ सोने पर मजबूर करने का दावा

तीसरे केस के बारे में हमें वकील अक्षय आर्या बताते हैं कि ‘ये मामला दिल्ली के सीलमपुर का है जिसमें लड़की ज्यादा पढ़ी-लिखी है और लड़का कम पढ़ा-लिखा है. लड़की ने आरोप लगाया कि लड़के ने लड़की की नौकरी छुड़वा दी ये बोलकर की तुम्हारी कमाई नहीं खानी. इनका एक बेटा भी है. लड़की ने बोला कि मुझे खर्चा चाहिए. खर्चे की मांग को लेकर लड़की की तरफ से केस फाइल किया गया. लड़की ने कई आरोप लगाए लड़के पर एक आरोप में यह भी कहा कि ये मुझे दूसरों के साथ सोने पर मजबूर करता है. इस केस में अब तलाक का फैसला आया है. लड़का, लडक़ी को मेंटिनेंस देगा और बच्चे का खर्चा देगा. इनका बेटा माँ के पास रहेगा.

पति-पत्नी के रिश्ते में सास और ननद का अत्याचार

वकील कुंदन चंद्रवंशी ने चौथे केस के बारे में कहा कि ‘ये केस गाजियाबाद का है जिसमें लड़का बागपत का रहने वाला है. शादी के कुछ समय बाद लड़का नोयडा चला गया. लड़की ने आरोप लगाया कि शादी के बाद लड़की की ननद और सास लड़की से घर के काम करवाती थे. जब कभी लड़का घर आता था तो लड़की की ननद और सास लड़की के साथ उसको सोने नहीं देते थे. लड़का पीकर आने लगा. लड़के के घरवाले लड़की के खिलाफ भड़काते थे. जिसके बाद लड़का लड़की की पिटाई करने लगा.

जब लड़की कहती थी कि मेरा पति है, मैं इसके साथ रहने जाऊंगी, तब उसको जाने नहीं देते थे, ये बोलकर कि घर में रहकर यहां के काम करे. लड़की को उसके भाई की शादी में भी जाने को लेकर मना कर दिया. लड़के ने लड़की को चप्पलों से मारा और वीडियो कॉल पर उसके घरवालों को दिखाकर बोलने लगा कि देखो मैंने इसका क्या हाल किया है. लड़की के सर के बाल तक नोच लिए. क्रूरता के आधार पर लड़की की तरफ से तलाक की मांग की गई. इस केस में लड़के के ऊपर धारा 498ए लगी. घरेलू हिंसा और दहेज का केस भी दर्ज हुआ. लड़की की तरफ से मेंटिनेंस की डिमांड की गई. कोर्ट ने तलाक का फैसला सुनाया.

शादी के बाद दहेज की डिमांड

बात अब पांचवें केस की जिसमें वकील कुंदन चंद्रवंशी बताते हैं कि ‘लड़की ने आरोप लगाया कि लड़की से शादी के बाद दहेज की डिमांड की जाने लगी. जिसके बाद लड़की अपने मायके में रहने लगी. लड़की को उसका पति नजरअंदाज करने लगा. पति उसकी कोई भी जिम्मेदारी नहीं उठा रहा था. फिर लड़की एक दिन जब अपने आप अपने ससुराल आई तो उसके साथ मारपीट होने लगी. लड़की ने एफआईआर कर दी मारपीट की. लड़की ने अपने पति, सास, ससुर और अपने पति के भाई के खिलाफ मुकदमा कर दिया. जिसके बाद बात तलाक तक पहुंची फिर बाद में इनका तलाक हो गया.

अक्षय आर्या कहते हैं कि, ‘ज्यादातर मामलों में यह भी देखा जाता है कि महिला-पुरूष दोनों की तरफ से कभी-कभी फर्जी आरोप भी लगाए जाते हैं. कोर्ट में बाद में ये सिद्ध भी हो जाता है. धाराएं भी बढ़ जाती हैं. कोर्ट तय करती है. ऐसी स्थिति में संभव है कि लड़का हो या लड़की दोनों मानसिक प्रताड़ना को भी झेलते हैं. कुछ मामलों में देखा जाता है कि लड़कियां रेप का आरोप भी लगा देतीं हैं लेकिन जब कोर्ट में साबित नहीं हो पाता तो मामला उलट जाता है. काउंसिलिंग के जरिए रिश्ते को सुधारने की और उसे बचाने की कोशिश की जाती है. लेकिन अगर दोनों पक्षों में बात नहीं बन पाती तब कोर्ट आपसी सहमति से तलाक का आदेश दे देता है.

शादी के पवित्र बंधन से टूटते रिश्ते, तलाक और घरेलू हिंसा की दिल दहलाने वाली कहानियां

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