जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी श्यामसुंदर है दुष्कर्म के आरोपी

🔵अमरोहा के नौगांवा सादात थाने दर्ज हुआ था दुष्कर्म का मुकदमा

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🔴दागदार चरित्र के बावजूद कुशीनगर में जिला पिछड़ा वर्ग अधिकारी के पद पर तैनात है  इकनोरिया

कुशीनगर। जनपद के पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी श्याम सुंदर इकनोरिया दुष्कर्म के आरोपी है। इनके खिलाफ न सिर्फ कुर्क के आदेश और गैर जमानती वारन्ट भी जारी हुआ था बल्कि यह साहब जेल की हवा भी खा चुके है। साहब का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। दागदार चरित्र के बावजूद साहब कुशीनगर में जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी बने बैठे है जबकि जानकारों का कहना है कि इस तरह के गंभीर आरोपी को जब तक क्लीनचिट नही मिल जाता है तब जिले का कार्यभार  नही दिया जाना चाहिए। 

काबिलेजिक्र है कि मूलरूप से इटावा जनपद के रहने श्यामसुंदर इकनोरिया वर्ष 2011 में अमरोहा जनपद में पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात थे। उन्होंने नौगांवा सादात थानाक्षेत्र के एक गांव की युवती से अपनी शादी की बात शुरू कराई। पास के गांव निवासी युवक को युवती के घर भेजा। मामला अधिकारी से जुड़ा था तो युवती के परिजनों ने भी शादी के लिए हामी भरने में देरी नहीं की। बतौर जिला पिछड़ा वर्ग अधिकारी श्यामसुंदर इकनोरिया शादी तय करके शगुन के रूप में युवती को पांच सौ रुपये दिए। इसके बाद पिछड़ा वर्ग कल्याण  अधिकारी और युवती के बीच फोन पर वार्ता होने लगी और दोनों मिलने लगे।पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी श्यामसुंदर पर आरोप यह है कि वह युवती को फ्रेंडस काॅलोनी में ले गए और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। यह सिलसिला लंबे समय तक चलता रहा। वर्ष 2012 में इकनोरिया का तबादला चंदौली जनपद हो गया। यहां भी पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी श्यामसुंदर इकनोरिया युवती को अपने साथ ले गए और उसे पत्नी की तरह अपने साथ रखा। चंदौली पहुंचकर युवती को पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी के शादीशुदा होने की जानकारी हुई। इस दौरान पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी ने युवती का दो बार गर्भपात भी कराया था और युवती से शादी करने से इंकार कर दिया। 

🔴 युवती ने इकनोरिया के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा 

श्यामसुन्दर इकनोरिया द्वारा शादी से इंकार करने के बाद वर्ष 2016 में युवती ने एसपी को पत्र देकर मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगायी थी। इसके बाद मामले में पुलिस ने पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी श्यामसुंदर इकनोरिया के खिलाफ दुष्कर्म सहित विभिन्न गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जांच की। बताया जाता से कि इकनोरिया के प्रभाव में आकर विवेचक ने मुकदमे में एफआर लगाकर रिपोर्ट न्यायालय में भेज दी थी लेकिन न्यायालय ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया और पीडिता की गुहार पर मामले का संज्ञान लेकर पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी श्यामसुंदर इकनोरिया तलब किया था। वर्तमान में श्यामसुंदर इकनोरिया की तैनाती जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी कुशीनगर में है। बता दे कि इस मामले में न्यायालय ने श्यामसुंदर इकनोरिया के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किये थे। श्यामसुन्दर अपने विरुद्ध दर्ज हुए एफआईआर के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में चले गए थे लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें मामले में आत्मसमर्पण के लिए सिर्फ तीन सप्ताह की मोहलत दी थी। बावजूद इसके मियाद पूरी होने के बाद भी इकरोनिया ने स्थानीय कोर्ट में आत्मसमर्पण नहीं किया। इसी बीच कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानंत वारंट के साथ ही हाजिर नहीं होने पर कुर्की आदेश भी जारी किए जिसके बाद पुलिस ने उन्हें बीते वर्ष 26 जनवरी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा था। मुकदमे की सुनवाई अमरोहा के जिला जज की अदालत में चल रही है। गिरफ्तारी के बाद पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी श्यामसुंदर इकनोरिया ने अपने वकील के माध्यम से जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया और जमानत पर रिहा हुए। जानकारों का कहना है कि दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले के आरोपी अधिकारियों को जब तक क्लीनचिट नही मिल जाता है तब तक उन्हे जिले पर तैनाती नही की जानी चाहिए। ऐसे मे श्यामसुन्दर इकनोरिया के जिले मे जिला पिछड़ा वर्ग अधिकारी के रुप मे बने रहना अपने आप मे सवाल है।

🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य 

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