जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा ने विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान हाजीपुर में आवासित दस माह की बच्ची को पश्चिम बंगाल के नदिया जिला निवासी दंपति को सुपुर्द किया।

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार ।

वैशाली /हाजीपुर। दत्तक ग्रहण पूर्व पालक देखरेख के लिए सुपुर्द किया। उक्त बालिका को लगभग ढाई महीने पूर्व राजापाकर थाना के सहयोग से प्राप्त कर बाल कल्याण समिति वैशाली के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। समिति के आदेश से उसे विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित कर उसके माता-पिता की खोज हेतु दैनिक समाचार पत्र में विज्ञापन का प्रकाशन कराया गया था। 60 दिनों तक कोई दावेदार के नहीं आने पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा अधिसूचित दत्तक ग्रहण विनियमन 2022 के प्रावधानों के आलोक में बालिका को दत्तक ग्रहण में दिया जा रहा है। बालिका के भावी माता-पिता ने 2021 में विहित पोर्टल carings.wcd.gov.in पर अपना पंजीकरण कराया था। 4 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आज बालिका के प्राप्त होने पर उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए। अब जिला पदाधिकारी के न्यायालय से दत्तक ग्रहण आदेश प्राप्त कर बालिका के दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।

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इस अवसर पर जिला पदाधिकारी ने कहा कि बच्चा हमेशा कानूनी रूप से ही दत्तक ग्रहण में लेना चाहिए। किशोर न्याय (बालकों की देख रेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2021 की धारा 56 से 65 के अधीन एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अधिसूचित दत्तक ग्रहण विनियमन 2022 के प्रावधानों के का अनुसरण करते हुए जिले में अवस्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के माध्यम से ही बच्चा गोद लेना चाहिए। किसी अन्य माध्यम से किया गया दत्तक ग्रहण गैर कानूनी एवं दंडनीय अपराध है।

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