डीएम ने वैशाली में निर्माणाधीन बुद्ध स्मृति स्तूप का किया निरीक्षण
संवाददाता- राजेन्द्र कुमार
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हाजीपुर/वैशाली, 21 जनवरी: हाल ही में, जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने वैशाली जिले में निर्माणाधीन बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने कार्य की प्रगति के बारे में विस्तृत जानकारी ली और बचे हुए कार्यों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया। यह निरीक्षण वैशाली में बौद्ध धर्म के प्रति बढ़ती आस्था और पर्यटन के नए आयाम को दर्शाता है।
बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा 4300 वर्ग मीटर के भूखंड पर किया जा रहा है। इस स्मृति स्तूप के लिए विशेष रूप से राजस्थान से गुलाबी पत्थर मंगवाए गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस पूरी संरचना में पत्थरों को जोड़ने के लिए किसी भी प्रकार के चिपकाने वाले पदार्थ का उपयोग नहीं किया गया है। यह तकनीक दर्शाती है कि प्राचीन निर्माण कला के साथ-साथ आधुनिकता का भी समावेश किया गया है।
इस निर्माणाधीन बुद्ध स्मृति स्तूप की कुल ऊंचाई 33 मीटर है, जबकि इसका आंतरिक व्यास 38 मीटर और बाहरी व्यास 50 मीटर है। यह विशाल स्मृति स्तूप न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों एवं अन्य पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण केंद्र बनने की क्षमता रखता है। जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान मेडिटेशन सेंटर, लाइब्रेरी, विजिटर हॉल, गेस्ट हाउस और जलापूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाओं पर भी चर्चा की।
इस स्मृति स्तूप का निर्माण वैशाली में बौद्ध धर्म की संस्कृति और इतिहास को उजागर करने के लिए महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे निर्माण कार्य आगे बढ़ रहा है, उन लोगों की संख्या भी बढ़ रही है जो यहाँ आने और बौद्ध धर्म से संबंधित अनुभव प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं। कहा जाता है कि वैशाली की भूमि पर गौतम बुद्ध ने कई महत्वपूर्ण उपदेश दिए थे और इस स्मृति स्तूप के बन जाने के बाद, यह स्थान उन सभी के लिए अनुठा सिद्ध होगा जो बुद्ध के विचारों और उनके शिक्षाओं के प्रति रुचि रखते हैं।
निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों और अभियंताओं को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, ताकि कार्य में तेजी लाई जा सके। एडीएम सहित अन्य प्रमुख पदाधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित थे। यह देखा जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट से न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक विकास को भी गति मिलने वाली है।
बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप के निर्माण के बाद, यहाँ बौद्ध धर्मावलंबियों की भीड़ के साथ-साथ बड़ी संख्या में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक भी आएंगे। इस संग्रहालय में गौतम बुद्ध से संबंधित रोचक घटनाओं और बौद्ध धर्म से जुड़े प्रसंगों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे लोगों को इस महान धर्म के इतिहास और शिक्षाओं की गहराई का अनुभव होगा।
इस प्रकार, डीएम यशपाल मीणा का यह निरीक्षण वैशाली के बौद्ध स्मृति स्तूप निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसे धार्मिक स्थलों का निर्माण न केवल सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का काम करेगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा। बीजेपी के नेताओं, स्थानीय नागरिकों और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के बीच इस निर्माण को लेकर अत्यधिक उत्सुकता देखी जा रही है।
अंततः, यह कहना बिल्कुल सही होगा कि वैशाली का निर्माणाधीन बुद्ध स्मृति स्तूप आने वाले समय में एक प्रमुख धार्मिक तथा पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा। इसके माध्यम से न केवल बौद्ध धर्म की भक्ति का प्रचार होगा, बल्कि यह हमारे संस्कृति के गहरे-rooted इतिहास को भी उजागर करेगा।