Tach – ‘ChatGPT और DeepSeek जैसे AI टूल्‍स को यूज न करें’- व‍ित्‍त मंत्रालय ने दी सलाह

Agency:News18Hindi

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भारतीय वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे एआई टूल्स का उपयोग न करने की सलाह दी है, क्योंकि इससे सरकारी डेटा की गोपनीयता को खतरा हो सकता है.

भारत अपना खुद का AI बना रहा है.

हाइलाइट्स

  • वित्त मंत्रालय ने AI टूल्स के उपयोग पर रोक लगाई.
  • सरकारी डेटा की गोपनीयता को खतरा हो सकता है.
  • AI टूल्स के सर्वर विदेश में होने से सुरक्षा जोखिम.

नई द‍िल्‍ली. भारतीय वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों से कहा है क‍ि वो चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे एआई टूल का इस्तेमाल न करें. भारत के वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को सरकारी दस्तावेजों और डेटा की गोपनीयता के लिए जोखिम का हवाला देते हुए उन्‍हें चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे AI ऐप्‍स का इस्‍तेमाल करने से बचने को कहा है. ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों में डेटा सुरक्षा जोखिमों को देखते हुए डीपसीक के उपयोग पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में भारतीय व‍ित्‍त मंत्रालय ने भी अपने कर्मचार‍ियों से इसे इस्‍तेमाल न करने को कहा है.

मंत्रालय ने अपने कर्मचार‍ियों के ल‍िए इंटर्नली ये एडवाइजरी जारी की है. मंत्रालय की तरफ से ये एडवाइजरी ऐसे समय में आई है, जब सैम ऑल्टमैन भारत यात्रा पर हैं. भारतीय वित्त मंत्रालय ने जो सलाह जारी की है, उसमें कहा गया है क‍ि कार्यालय के कंप्यूटर और उपकरणों में एआई टूल्‍स और एआई ऐप (जैसे चैटजीपीटी, डीपसीक आदि) सरकारी डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं.  बता दें क‍ि OpenAI को भारत में कॉपीराइट इंफ्र‍िजमेंट को लेकर मुश्‍क‍िलों का सामना करना पड़ रहा है. ओपनएआई ने कोर्ट फाइल‍िंग में कहा है क‍ि भारत में उसका कोई सर्वर नहीं है, इसल‍िए भारतीय कोर्ट में इसकी सुनवाई नहीं होनी चाह‍िए.

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सरकार ने क्यों दी ChatGPT और DeepSeek यूज न करने की सलाह, इससे क्या खतरा?
1. सरकार ने जो सलाह या एडवाइजरी अपने अध‍िकार‍ियों और स्‍टाफ के ल‍िए जारी की है, उसमें कहा गया है क‍ि एआई ऐप्स और टूल्स सरकारी डेटा प्राइवेसी के ल‍िए खतरनाक और जोख‍िम भरे हो सकते हैं. सरकार ऐसा इसल‍िए कह रही है, क्‍योंक‍ि भारत में ज‍िन AI ऐप्‍स को लोग यूज कर रहे हैं, उनमें से ज्‍यादातर के सर्व‍र भारत में नहीं हैं, बल्‍क‍ि व‍िदेश में हैं. इसलिए इससे देश की संप्रभुता को खतरा हो सकता है.

2. AI टूल्स या ऐप्‍स, यूजर से बहुत तरह के परम‍िशन मांगत हैं और परम‍िशन म‍िलने के बाद ही इंस्टॉल होते हैं. ऐसे में अगर सरकारी दफ्तरों के कंप्‍यूटरों या लैपटॉप में अगर इनका उपयोग क‍िया गया तो ये संवेदनशील डॉक्यूमेंट्स और फाइल्स तक पहुंच सकते हैं और इन्‍हें बनाने वाली कंपन‍ियों के हाथ भारत सरकार की कई महत्‍वपूर्ण जानकार‍ियां लग सकती हैं. यानी सरकारी दफ्तर से इन AI टूल्‍स के जर‍िये कोई भी डेटा लीक हो सकता है.

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