पेसमेकर घोटाले के आरोपी डॉक्टर समेत छह कर्मियों पर कार्रवाई का निर्णय आयुर्विज्ञान विवि की कार्य परिषद की बैठक में लिया गया है। इसमें डॉक्टर समेत तीन कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इसके साथ ही दो को चेतावनी और एक की वेतन वृद्धि रोकी गई है। 26 नवंबर को आयुर्विज्ञान विवि में 12वीं कार्य परिषद की बैठक कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार की अध्यक्षता में हुई। इसमें कई बिंदुओं पर अहम निर्णय लिए गए। पेसमेकर घोटाले में आरोपित डॉ. समीर सर्राफ की सेवा समाप्त करने के फैसले पर मुहर लगा दी गई। इसमें कहा गया है कि डॉ. समीर सर्राफ लगातार उच्चाधिकारियों की ओर से दिए गए आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। ऐसे में . उनसे काम लेना संभव नहीं है।
बैठक में बताया गया कि डॉ. समीर सर्राफ पर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने का आरोप भी है। इसी मामले में पहले उन्हें निलंबित भी किया गया था। इस कार्रवाई की रिपोर्ट राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग और उप्र स्टेट मेडिकल फैकल्टी को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे रेडियोग्राफिक टेक्नीशियन संजय प्रकाश अग्निहोत्री की भी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। वहीं बिना विभागाध्यक्ष की अनुमति के वर्ष 2020 से लगातार अनुपस्थित मेडिकल सोशल वर्कर कल्पना भार्गव को भी बर्खास्त कर दिया गया।
छात्रा को मानसिक प्रताड़ना के मामले में कार्रवाई के निर्देश
कार्य समिति की बैठक में बीएससी नर्सिंग द्वितीय वर्ष 2020 बैच की छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का मामला भी आया। बैठक में बताया गया कि आरोपों की पुष्टि हो गई है। इसलिए कृष्णकांत डेमोंस्ट्रेटर (नर्सिंग संकाय) को चेतावनी देने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं लेखाकार प्रभात कुमार अग्निहोत्री के खिलाफ गेस्ट हाउस (पैरामेडिकल) की इन्वेंटरी में नियमों के उल्लंघन में चेतावनी देने का निर्णय हुआ। उधर, वरिष्ठ स्टोर कीपर राजीव कुमार को कार्यस्थल पर महिलाओं के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में दोषी पाया गया, जिसके बाद उनकी एक वेतन वृद्धि रोक दी गई है।
पेसमेकर घोटाले के आरोपी डॉक्टर समेत छह कर्मियों पर कार्रवाई का निर्णय आयुर्विज्ञान विवि की कार्य परिषद की बैठक में लिया गया है। इसमें डॉक्टर समेत तीन कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इसके साथ ही दो को चेतावनी और एक की वेतन वृद्धि रोकी गई है। 26 नवंबर को आयुर्विज्ञान विवि में 12वीं कार्य परिषद की बैठक कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार की अध्यक्षता में हुई। इसमें कई बिंदुओं पर अहम निर्णय लिए गए। पेसमेकर घोटाले में आरोपित डॉ. समीर सर्राफ की सेवा समाप्त करने के फैसले पर मुहर लगा दी गई। इसमें कहा गया है कि डॉ. समीर सर्राफ लगातार उच्चाधिकारियों की ओर से दिए गए आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। ऐसे में . उनसे काम लेना संभव नहीं है।
बैठक में बताया गया कि डॉ. समीर सर्राफ पर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने का आरोप भी है। इसी मामले में पहले उन्हें निलंबित भी किया गया था। इस कार्रवाई की रिपोर्ट राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग और उप्र स्टेट मेडिकल फैकल्टी को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे रेडियोग्राफिक टेक्नीशियन संजय प्रकाश अग्निहोत्री की भी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। वहीं बिना विभागाध्यक्ष की अनुमति के वर्ष 2020 से लगातार अनुपस्थित मेडिकल सोशल वर्कर कल्पना भार्गव को भी बर्खास्त कर दिया गया।
छात्रा को मानसिक प्रताड़ना के मामले में कार्रवाई के निर्देश
कार्य समिति की बैठक में बीएससी नर्सिंग द्वितीय वर्ष 2020 बैच की छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का मामला भी आया। बैठक में बताया गया कि आरोपों की पुष्टि हो गई है। इसलिए कृष्णकांत डेमोंस्ट्रेटर (नर्सिंग संकाय) को चेतावनी देने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं लेखाकार प्रभात कुमार अग्निहोत्री के खिलाफ गेस्ट हाउस (पैरामेडिकल) की इन्वेंटरी में नियमों के उल्लंघन में चेतावनी देने का निर्णय हुआ। उधर, वरिष्ठ स्टोर कीपर राजीव कुमार को कार्यस्थल पर महिलाओं के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में दोषी पाया गया, जिसके बाद उनकी एक वेतन वृद्धि रोक दी गई है।