दुनियां – बांग्लादेश: हसीना पर ग्रेनेड फेंकने वाले सभी आरोपी बरी, पूर्व पीएम खालिदा जिया का बेटा भी दोषमुक्त – #INA

बांग्लादेश हाईकोर्ट ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की रैली पर ग्रेनेड हमला के सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है. इसमें दो बार प्रधानमंत्री रह चुकी खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान का भी नाम शामिल हैं. तारिक पर हसीना के खिलाफ 2004 में हुए घातक ग्रेनेड हमले की साजिश रचने का आरोप था.
हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि तारिक रहमान और 48 अन्य के खिलाफ दोषी करार दिया जाना अवैध था. क्योंकि ट्रायल कोर्ट ने प्रक्रिया का सही तरीके से पालन नहीं किया. तारिक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के उत्तराधिकारी हैं. इस फैसले से 15 साल से निर्वासन में रहने के बाद उनका बांग्लादेश लौटने का रास्ता साफ हो गया है.
तारिक रहमान बीते 15 साल से अधिक समय से लंदन में निर्वासन में रह रहे हैं. वहीं, कोर्ट द्वारा सजा रद्द करने के बाद अब वह बांग्लादेश लौट सकते हैं. साथ ही उनकी जगह बीएनपी का नेतृत्व करने की व्यापक रूप से उम्मीद की जा रही है. माना ये भी जा रहा हैं कि वो बांग्लादेश के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं.
225 गवाहों में किसी ने ग्रेनेड फेंकते नहीं देखा- वकील
2004 में ग्रेनेड हमला हसीना की अवामी लीग पार्टी की रैली को निशाना बनाकर किया गया था. हसीना उस समय विपक्ष में थी. ग्रेनेड विस्फोट ठीक उसी समय हुआ जब हसीना अपना भाषण समाप्त कर रही थीं. तारिक की मां खालिदा जिया उस समय देश की पीएम थी. इस हमले में दो दर्जन से अधिक लोग मारे गए थे.
रविवार के फैसले के बाद मुख्य बचाव पक्ष के वकील एसएम शाहजहां ने कहा कि पेश किए गए किसी गवाह ने आरोपी को ग्रेनेड फेंकते नहीं देखा. उन्होंने कहा, ‘राज्य ने 225 गवाह पेश किए, जिनमें से किसी ने भी किसी आरोपी को ग्रेनेड फेंकते या साजिश की बैठकों में भाग लेते हुए नहीं देखा.’
सड़क पर शरीर के अंग बिखरे थे- गवाह
बीएनपी ने लगातार हमले में शामिल होने से इनकार किया है. साथ ही हसीना सरकार पर अपने विरोधियों को सताने का आरोप लगाया था. एक अन्य वकील शिशिर मोनिर ने कहा कि हसीना के नेतृत्व में बाद में की गई जांच ने संदिग्धों को हमले में तारिक और अन्य बीएनपी नेताओं को अपराधी के रूप में नामित करने के लिए मजबूर किया.
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ग्रेनेड मामले में प्रमुख गवाह रफीकुल इस्लाम थें. इनके कारण ही 2018 में आरोपियों को जा मिली थी. फैसले के बाद उन्होंने एएफपी को बताया, ‘मैंने देखा… सड़क पर शरीर के अंग बिखरे पड़े थे. अदालत ने सभी को बरी कर दिया है लेकिन पीड़ित अभी भी न्याय के हकदार हैं.’
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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