दुनियां – 3 दिसंबर का बांग्लादेश कनेक्शन: भारत ने पाकिस्तान से बंगाली मुसलमानों की रक्षा के लिए लड़ा था युद्ध – #INA
3 दिसंबर का दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में याद किया जाता है. यह वही तारीख है जब 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हुआ था. 13 दिनों के अंदर इस युद्ध ने दुनिया का नक्शा बदल दिया और बांग्लादेश के रूप में एक नया देश अस्तित्व में आया. भारतीय सेना ने 16 दिसंबर को 90,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया, जिससे पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना.
आज, 53 साल बाद, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लिए परिस्थितियां वैसी ही भयावह होती जा रही हैं. यह स्थिति पूर्वी पाकिस्तान के उस दौर की याद दिलाती है जब बंगालियों पर अत्याचार किए जा रहे थे. तब भारतीय सेना ने वहां जाकर लोगों की रक्षा की थी. बांग्लादेश से शेख हसीना के हटने के बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में रोजाना खटास बढ़ रही है.
दोनों देशों के बीच ताजा विवाद:
तिरंगे का अपमान और संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को लेकर कटाक्ष
भारत और बांग्लादेश के बीच जारी तनाव के बीच बांग्लादेश के शैक्षिक संस्थानों में भारतीय तिरंगे के अपमान से भारत में लोगों का गुस्सा फूटा. पहले कोलकाता में बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमीशन के ऑफिस के बाहर उग्र प्रदर्शन हुआ और फिर 2 दिसंबर को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में मौजूद बांग्लादेशी हाई कमीशन के ऑफिस पर भी लोगों ने प्रदर्शन किए.
हालांकि, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने स्वयं बयान जारी कर इस घटना की निंदा की लेकिन बांग्लादेश की सरकार ने मौके का फायदा उठाते हुए कटाक्ष किया कि भारत में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना बहाल हो जो जेनेवा कन्वेंशन के तहत बांग्लादेशी राजनयिकों को सुरक्षा मुहैया कराए. इतना ही बांग्लादेश के एक मंत्री ने तो संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में बांग्लादेशी सैनिकों को भारत में तैनात करने की पेशकश कर दी .
दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले यह बयान दिया था कि बांग्लादेश में हालात को देखते हुए हिंदुओं की सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति सेना भेजनी चाहिए .
भारत-बांग्लादेश संबंधों की स्थिति
1971 के युद्ध के दौरान भारत और बांग्लादेश के बीच जो दोस्ती कायम हुई थी, वह आज धीरे-धीरे कमजोर हो रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश में बढ़ते इस्लामिक कट्टरपंथ और भारत में बंगाल की राजनीति के चलते दोनों देशों के बीच दरार बढ़ रही है.
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय आज भी कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है. वहां अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमले और धार्मिक स्वतंत्रता का हनन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बन रहा है.
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह विवाद नहीं सुलझा तो इसका असर भारत और बांग्लादेश के व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों पर पड़ सकता है. दोनों देशों को अपने ऐतिहासिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए आपसी विवादों को सुलझाने की जरूरत है.
3 दिसंबर 1971 की तरह आज भी भारत और बांग्लादेश को आपसी सहयोग की जरूरत है. अगर समय रहते इन विवादों को हल नहीं किया गया, तो इसका असर दोनों देशों की सुरक्षा और स्थिरता पर गहरा हो सकता है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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