दुनियां – भारतीय विदेश सचिव के सामने बैठकर भी नहीं माने बांग्लादेशी, हिंदुओं पर हमले को लेकर कही ये बातें – #INA

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. भारत के अलावा अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश इस बात पर चिंता जता चुके हैं. सोमवार को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री बांग्लादेश दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने अपने काउंटरपार्ट मोहम्मद जाशिमउद्दीन के सामने एक बार फिर हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया.
सोमवार को हुई बैठक में भारत ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय, मंदिरों और राजनयिक संपत्तियों पर हमलों पर चिंता जताई और पड़ोसी देश के साथ ‘सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध’ बनाने पर जोर दिया. वहीं बांग्लादेश ने भारत को उसके आंतरिक मामलों में दखल न देने की हिदायत देते हुए, भारत में चल रहे नकारात्मक अभियान को रोकने की मांग की.
नहीं मान रहा बांग्लादेश
बैठक के बाद बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जाशिमउद्दीन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत में चल रहे ‘नकारात्मक अभियान’ को रोकने में दिल्ली का सहयोग मिलेगा, ताकि दोनों देशों के लोगों के बीच विश्वास का माहौल बने. उन्होंने इसके बाद भारत की चिंता पर कहा, “किसी भी देश से हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की उम्मीद नहीं की जाती है.”
जाशिमउद्दीन ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भारत के बार-बार आवाज उठाने पर नाराजगी जाहिर की है और इसे अपना आंतरिक मामला बताया है. साथ ही उन्होंने भारतीय मीडिया में किए जा रहे बांग्लादेश के खिलाफ दुष्प्रचार पर लगाम लगाने की अपील की.
भारत ने उठाई हिंदुओं की सुरक्षा की मांग
5 अगस्त को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच ये पहली आधिकारिक बैठक थी. विक्रम मिस्री ने मीडिया को बताया कि उन्होंने अपने समकक्ष मोहम्मद जाशिमउद्दीनके साथ बैठक के दौरान अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित भारत की चिंताओं को रखा है.
मिस्री ने कहा, “हमने सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों पर हमलों की घटनाओं पर भी चर्चा की है, हम उम्मीद करते हैं कि बांग्लादेश के अधिकारी इन सभी मुद्दों पर ध्यान देंगे और इनके हल करने के लिए कदम उठाएंगे. हम संबंधों को सकारात्मक, दूरदर्शी और रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं.”

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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