दुनियां – Explainer: जॉर्जिया में सड़क पर क्यों उतरे हजारों लोग, सरकार के इस फैसले का कर रहे विरोध – #INA
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पूर्वी यूरोप के देश जॉर्जिया से लगातार विरोध प्रदर्शन और पुलिस के साथ झड़प की तस्वीरें सामने आ रही हैं. बीते दिनों सरकार के एक फैसले के खिलाफ हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई. पुलिस ने इस मामले में अब तक 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है.
सत्तारूढ़ ड्रीम पार्टी ने गुरुवार को जॉर्जिया को यूरोपीय संघ में शामिल करने के प्रयास के तहत शुरू हुई वार्ता को रोकने का फैसला किया, सरकार की इस घोषणा से उन नागरिकों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है, जो यूरोपीय संघ की सदस्यता का भारी समर्थन करते हैं.
EU में शामिल होने की संभावना से दूरी
सरकार के इस फैसले को जॉर्जिया के यूरोपीय संघ से दूरी और रूस के करीब जाने की संभावना के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद जॉर्जिया आज़ाद हुआ और यह देश कई वर्षों से यूरोपीय संघ की सदस्यता के लिए कोशिश कर रहा है, लेकिन ड्रीम पार्टी की सरकार ने यूरोपीय संघ में शामिल होने की वार्ता को 2028 तक के लिए स्थगित कर दिया है.
सरकार के फैसले से जनता में आक्रोश
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, जॉर्जिया में पिछले साल दिसंबर में हुए NDI के सर्वे से पता चलता है कि 80 फीसदी लोग EU में शामिल होने का समर्थन करते हैं और पिछले साल जब जॉर्जिया को यूरोपीय संघ के उम्मीदवार का दर्जा मिला तो ऐसा लगा कि यह सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. लेकिन 28 नवंबर को जॉर्जिया की सरकार ने यूरोपीय संघ से दूरी बनाने का संकेत दिया, जिससे जनता में आक्रोश भड़क उठा.
सत्ताधारी ड्रीम पार्टी पर बड़ा आरोप
2012 से जॉर्जिया में ड्रीम पार्टी की सरकार है. इस पर आरोप है कि उसने देश को यूरोपीय संघ से दूर और रूस के करीब लाने की कोशिश की है. अक्टूबर में हुए चुनाव में ड्रीम पार्टी ने जीत का दावा किया था, लेकिन विपक्षी सांसद धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए नई संसद का बहिष्कार कर रहे हैं.
उधर बीते गुरुवार को, यूरोपीय संसद ने एक प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसमें चुनाव को जॉर्जिया के ‘लोकतांत्रिक संकट’ का नया चरण बताया गया और इसके लिए सत्तारूढ़ पार्टी को जिम्मेदार बताया गया. यूरोपीय संसद ने चुनाव में वोटर्स को डराने-धमकाने, वोट खरीदने और हेरफेर करने की रिपोर्ट्स पर चिंता ज़ाहिर की.
यूरोपीय संघ पर ब्लैकमेलिंग का आरोप
इस प्रस्ताव के बाद, जॉर्जियाई प्रधान मंत्री इराकली कोबाखिद्ज़े ने कहा कि उनकी सरकार ने 2028 के अंत तक यूरोपीय संघ में शामिल होने के मुद्दे को एजेंडे में शामिल नहीं करने का फैसला किया है. हालांकि सरकार के फैसले का बचाव करते हुए जॉर्जियाई ड्रीम गवर्निंग ब्लॉक ने यूरोपीय संघ पर ब्लैकमेलिंग करने और सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने के लिए EU में शामिल होने की वार्ता का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. जॉर्जियन ड्रीम पार्टी का कहना है कि वह बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ देश की संप्रभुता की रक्षा करने और पश्चिम को रूस के साथ युद्ध में घसीटने से रोकने के लिए काम कर रहा है.
प्रधानमंत्री इराकली कोबाखिद्ज़े ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी स्थगित नहीं किया है और यह एक झूठ है. उन्होंने कहा कि, ‘हमने केवल एक चीज अस्वीकार किया है, वह है शर्मनाक और आक्रामक ब्लैकमेलिंग, जो वास्तव में हमारे देश के यूरोपीय एकीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा थी.’
विपक्षी नेता समेत 100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
वहीं सोमवार को प्रदर्शन के दौरान जॉर्जियाई पुलिस ने प्रमुख विपक्षी नेता जुराब जापरिद्ज़े को गिरफ्तार कर लिया है. उनकी गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब प्रधानमंत्री इराकली ने विपक्ष पर संवैधानिक संकट खड़ा करने के लिए हिंसा के इस्तेमाल का आरोप लगाया.
गुरुवार को सरकार के ऐलान के बाद ही जॉर्जिया में हज़ारों लोगों की भीड़ सड़कों पर उतर आई. प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन की सुरक्षा कर रहे पुलिस अधिकारियों के सामने ‘रूसी गुलाम’ के नारे लगाए.
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, सरकार के फैसले के खिलाफ हो रहा विरोध प्रदर्शन राजधानी त्बिलिसी से बाहर कम से कम 8 शहरों और कस्बों में फैल चुका है. अधिकारियों के मुताबिक अब तक इस मामले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, इन लोगों पर पथराव और कांच की बोतलें फेंकने का आरोप है.इन विरोध प्रदर्शनों में दर्जनों लोग घायल हुए हैं, जिसे लेकर अमेरिका ने पुलिस बल के अत्यधिक इस्तेमाल की निंदा की है.
राष्ट्रपति ने की सरकार की आलोचना
प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने वाली EU समर्थक राष्ट्रपति सैलोम ज़ौराबिचविली ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से कई लोगों को पिटाई के कारण सिर और चेहरे पर चोटें आई हैं. उन्होंने फ्रांसीसी समाचार समूह फ्रांस इंटर से कहा कि, ‘यह पूरे देश का विद्रोह है.’
रूस के साथ कैसे हैं जॉर्जिया के रिश्ते?
रूस और जॉर्जिया के बीच संबंध काफी जटिल रहे हैं. 2008 में रूस ने जॉर्जिया पर हमला कर दिया था, 5 दिन तक चले युद्ध में रूस ने जॉर्जिया के करीब 20 फीसदी हिस्से पर कब्जा कर लिया. इसके बाद से दोनों देशों के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं रहे हैं. हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि यूरोप के साथ ड्रीम पार्टी की कटुता के चलते बीते कुछ वर्षों से त्बिलिसी और मॉस्को के बीच संबंधों में सुधार हुए हैं.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस पूरे मामले में सोमवार को कहा कि रूस जॉर्जिया के राजनीतिक मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है. उन्होंने विरोध-प्रदर्शनों को जॉर्जिया को अस्थिर करने का प्रयास करार देते हुए कहा कि, ‘हमने कई देशों में इस तरह की घटनाएं देखी हैं और इसका सबसे प्रत्यक्ष उदाहरण यूक्रेन है. आमतौर पर इस तरह की चीजें बहुत बुरी तरह से खत्म होती हैं.’
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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