दुनियां – सीरिया: कहानी बशर के उस कत्लखाने की जहां से आज तक कोई नहीं लौटा – #INA

54 साल की सत्ता में असद परिवार के राज में विद्रोह को कुचलने के लिए लगातार कोशिशें जारी रही. दमिश्क के करीब एक जेल भी बनाई गई जहां बशर अल असद सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों की सांसों को बंद किया जाने लगा. हजारों लोग उस जेल में दम तोड़ते रहे और तड़पते रहे.
दुनिया के कई देशों की संस्था ने दमिश्क के पास मौजूद सेदनाया जेल को इंसानों का कत्लखाना कहना शुरु कर दिया. अब उसी जेल में विद्रोही दाखिल हुए हैं. जेल में बंद कैदियों के साथ इसका घिनौना और डरावना सच भी बाहर आ रहा है.
दमिश्क से 30 किलोमीटर दूर…सीरिया का वो नर्क जहां जिंदगी मौत से भी बदतर थी. असद की इस जेल में हजारों लोगों को मौत दी गई और हजारों लोग बरसों से छोटे छोटे कमरों में कैद रहे. दुनिया इसे इंसानों का बूचड़खाना कहती है.
इसके अंदर काल कोठरी जैसे छोटे छोटे सेल हैं. ये जेल का वो इलाका जहां न तो सूरज की रोशनी पहुंचती थी.न खुली हवा. ऐसे ही सेल में बरसों तक कैद रहे हैं वो लोग जिन्होंने बशर सरकार के खिलाफ बगावत का अपराध किया.
कंप्यूटर कोड से खुलते हैं दरवाजे
सेदनाया जेल में जब विद्रोही घुसे तो पीछे से कैदियों की आवाज आ रही थी, लेकिन सीक्रेट सेल तक पहुंचने का रास्ता कहां है ये समझ नहीं आ रहा था. दावा किया जा रहा है इस जेल के रहस्यों के बारे में सिर्फ यहां काम करने वाले गार्ड्स को जानकारी थी. जेल में घुसे विद्रोही मैप के जरिए जेल के भुलभुलैया वाले रास्तो को समझने की कोशिश कर रहे हैं.
ऊपरी मंजिल से कैदियों को निकाला जा चुका है, लेकिन अभी भी तहखानों से कैदियों को छुड़ाने में दिक्कत हो रही है. जेल के तहखाने में ही रेड ब्लॉक और डेथ चेंबर्स हैं. दरवाजों को सिर्फ कंप्यूटर के जरिए कोड से खोला जा सकता है. यही वजह है कि अब विद्रोहियों ने सेदनाया जेल में काम करने वाल अफसर और गार्ड्स से मदद की अपील की है. सेदनाया जेल के इन दरवाजों को सिर्फ कंप्यूटर कोड से ही खोला जा सकता है.
खास तरह की है बनावट
सेदनाया जेल की बनावट भी अलग तरह की है. यहां एक सर्कल से तीन तरफ इमारतें बनी हैं. इन्हें बिल्डिंग A, B और C का कोड नाम दिया गया है. तीनों इमारतें एक जगह पर मिलती हैं जहां से कॉमन एंट्री है. जेल को दो हिस्सों में बांटा गया है पहला है रेड जेल यानी लाल जेल. यहां विद्रोह करने वाले नागरिकों को रखा जाता है. बशर के राजनीति विरोधियों को भी रेड जेल में रखा जाता था.
दूसरा हिस्सा है व्हाइट जेल यहां विद्रोह करने वाले सैनिकों को रखा जाता था. इसी जेल में बगावत करने वाले सरकारी अफसरों को भी रखा जाता था. जेल बाहर से 3 मंजिला नजर आती है, लेकिन खुलासा हुआ है कि यहां कई गुप्त तहखाने हैं जहां से कई फुट नीचे कैदियों को छिपाकर रखा गया था. तहखानों में 8 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े कमरों में कैदियों को रखा जाता था. यहां वेंटिलेशन के नाम पर एक छोटी से खिड़की बनाई गई है.
एक साथ दी जाती थी कई लोगों को मौत की सजा
सेदनाया जेल में एक और डेंजर और सीक्रेट जोन है. यहां कुछ चुनिंदा गार्ड्स और जेल के जल्लाद ही जा सकते थे. इतने सारे फंदों को देखकर अंदाजा होता है कि यहां एक साथ एक समय में कोई लोगों को मौत की सजा दी जाती थी और उससे भी खतरनाक है शव को नष्ट करने वाली ये मशीन. इस मशीन में शवों को दबाया जाता था ताकि हड्यिों के टुकड़े हो जाएं..खून अलग हो जाए और शव छोटे बैग में पैक हो सके.
30 हजार से ज्यादा की मौत
ब्रिटिश सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक सेदनाया जेल में 30 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई. एक हफ्ते में 2 बार 20 से 50 लोगों की सामूहिक फांसी होती थी. फांसी से पहले सेना की अदालत में महज तीन मिनट की सुनवाई होती थी. सेना की अदालत मौत की सजा का फरमान सुनाता था.
रिपोर्ट में दावा है कि सेदनाया जेल से ट्रक में भरकर शव निकलते थे और सामूहिक तौर पर शव दफनाए जाते थे. सेदनाया जेल को बशर सरकार का कत्लखाना इसलिए भी कहा जाता था क्योंकि यहां कैदियों के बारे में फैसले लेने की औपचारिका एक सैन्य अदालत के जरिए होती थी.
जेल में क्या चल रहा है इसकी जानकारी सिर्फ चंद सीनियर अफसरों को होती थी. फांसी के लिए कैदियों को एक जेल से दूसरे जेल में शिफ्ट करने वाले गार्ड्स भी नहीं जानते थे.कि कुछ देर में सभी कैदियों को मार दिया जाएगा.
खोजी कुत्ते कर रहे कैदियों की तलाश
सेदनाया जेल में कैदी कहां-कहां रखे गए हैं, ये अभी तक पता नहीं चल पाया है, जेल की दीवारें तोड़ जा रही हैं, कैदियों को छुड़ाने के लिए विशेष अभियान चल रहे हैं. व्हाइट हेलमेट की 5 टीम जेल में गई हैं. टीम के साथ कई खोजी कुत्ते भी गए हैं. लोहे के दरवाजे तोड़ने की मशीनें गई हैं. टीम के सभी लोग ऐेसे मिशन में ट्रेंड हैं. जेल से जो कैदी निकाले गए हैं उनकी मानसिक हालत बहुत खराब है.
– Tv9 ब्यूरो

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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