सड़कों पर बेचे अंडे, टैक्सी चलाकर किया गुजरा, फिर बना बड़ा सुपरस्टार, इस एक्टर को करने पड़े थे ऐसे-ऐसे काम

Bollywood Star Struggle Story: बॉलीवुड में जब कॉमेडी की बात होती है, तो महमूद अली का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाता है. 50 और 60 के दशक में उन्होंने हिंदी सिनेमा को ऐसा हंसाया कि वह दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए बस गए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी सड़कों पर अंडे बेचने वाला ये शख्स एक दिन अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार्स से भी ज्यादा फीस लेने लगा था? अगर नहीं, तो चलिए हम आपको इस बारे में डिटेल में बताते हैं.

थियेटर से मिली एक्टिंग की विरासत

महमूद अली का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था जो कला और एक्टिंग से जुड़ा हुआ था. उनके पिता मुमताज अली मशहूर थिएटर आर्टिस्ट थे और यहीं से महमूद को एक्टिंग की विरासत मिली. उन्होंने 1943 में फिल्म ‘किस्मत’ से फिल्मों में कदम रखा, लेकिन संघर्ष का सफर लंबा और कठिन था.

कभी टैक्सी चलाई, कभी अंडे बेचे

महमूद के बचपन के दिन आसान नहीं थे. उनके पिता शराब की लत के कारण अपने करियर से हाथ धो बैठे, और पूरे परिवार की जिम्मेदारी महमूद पर आ गई. उन्होंने कभी टैक्सी चलाई, तो कभी सड़कों पर अंडे बेचकर घर चलाया. कुछ समय तक वह मशहूर डायरेक्टर पी. एल. संतोषी के ड्राइवर भी रहे.

छोटे रोल से शुरू किया सफर

धीरे-धीरे महमूद को फिल्मों में छोटे-मोटे रोल मिलने लगे. ‘सीआईडी’, ‘दो बीघा जमीन’ और ‘प्यासा’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय से लोगों का दिल जीतना शुरू किया. उनकी कॉमिक टाइमिंग और स्क्रीन प्रेजेंस ने उन्हें जल्दी ही लोकप्रियता दिलाई और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

14 दिन की शूटिंग के लिए लेते थे इतने रुपये

महमूद की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई थी कि वो कई बार फिल्मों के लीड हीरो से भी ज्यादा फीस लेने लगे थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो 14 दिन की शूटिंग के लिए करीब 7.5 लाख रुपये फीस लेते थे, जो उस समय के लिए एक बहुत बड़ी रकम थी. अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार्स से ज्यादा डिमांड में रहना उनकी स्टार पॉवर को दर्शाता है.

300 से ज्यादा फिल्मों में किया काम

अपने करियर में महमूद ने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. वो सिर्फ कॉमेडियन ही नहीं, बल्कि कई बार साइड हीरो और सपोर्टिंग रोल में भी नजर आए. उनके द्वारा निभाए गए किरदार आज भी दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर देते हैं.

ऐसे ढलता गया स्टारडम 

वहीं जब 80 के दशक में असरानी, पेंटल, जगदीप, देवेन वर्मा और कादर खान जैसे नए कॉमेडियन फिल्मों में आए, तब महमूद की लोकप्रियता में गिरावट आने लगी. 1990 के बाद उन्होंने गिनी-चुनी ही फिल्में कीं. उनकी आखिरी फिल्म थी 1994 में आई ‘अंदाज अपना अपना’, जिसमें वो रॉबर्ट नामक किरदार में नजर आए.

मीना कुमारी से था ये रिश्ता

वहीं महमूद की निजी जिंदगी भी काफी दिलचस्प रही. जी हां, उन्होंने पहली शादी मीना कुमारी की बहन मधु से की थी. इस तरह वो मीना कुमारी के जीजा लगे. इस शादी से उन्हें चार बेटे हुए. हालांकि, 1967 में उनका तलाक हो गया. इसके बाद उन्होंने ट्रेसी अली से दूसरी शादी की, जिनसे उन्हें एक बेटा और एक बेटी हुए.

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सड़कों पर बेचे अंडे, टैक्सी चलाकर किया गुजरा, फिर बना बड़ा सुपरस्टार, इस एक्टर को करने पड़े थे ऐसे-ऐसे काम





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