Entertainment: एक किरदार ने बदल दी थी इस स्टार की जिंदगी, शराब-सिगरेट से भी बना ली थी दूरी, एक्टर ने खुद सुनाए किस्से – #iNA
बॉलीवुड में पहचान बनाने के इरादे से सालों पहले एक एक्टर मेरठ से मुंबई आया लेकिन उसे पहचान टीवी पर मिली. उस एक्टर का नाम अरुण गोविल है जो अब मेरठ-हापुड़ लोकसभा से बीजेपी सांसद हैं. अरुण गोविल हिंदी सिनेमा में बड़े स्टार जैसी पहचान बनाना चाहते थे लेकिन टीवी पर उन्होंने श्रीराम का रोल प्ले किया और घर-घर में पूजे जाने लगे.
अरुण गोविंद अपना 67वां बर्थडे मना रहे हैं. अरुण को टीवी पर रामानंद सागर ने पहला मौका दिया था और उनके दो सीरियल में काम करने के बाद उन्हें फिर दूसरी जगह पहचान बनाने की जरूरत नहीं पड़ी. उसी किरदार ने अरुण गोविल की लाइफ बदल दी थी.
अरुण गोविल का शुरुआती करियर
12 जनवरी 1958 को यूपी के मेरठ में अरुण गोविल का जन्म मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था. बचपन का कुछ समय इन्होंने शाहजहांपुर में बिताया और आगरा यूनिवर्सिटी से बीएससी की डिग्री ली. अरुण गोविल ने कपिल शर्मा शो में बताया था कि उनके पिता चाहते थे कि वो सरकारी नौकरी करें और उन्होंने इसकी कोशिश भी की थी. अरुण गोविल दो बहनें और चार भाई हैं जिनमें से एक विजय गोविल भी हैं जिन्होंने एक्ट्रेस तबस्सुम से शादी की थी.
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तबस्सुम बॉलीवुड की पहली ऐसी प्रेजेंटेटर थीं जो पहला सेलिब्रिटी टॉक शो ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ दूरदर्शन पर लेकर आई थीं. ये शो 21 सालों तक दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ था. 1975 में अरुण गोविल मुंबई अपने भाई के पास आ गए और यहां उनका बिजनेस ज्वाइन किया. जब उनका मन इस काम में नहीं लगा तो उन्होंने थिएटर करना शुरू कर दिया.
अरुण गोविल की फिल्में
काफी मेहनत और संघर्ष के बाद अरुण गोविल को पहली फिल्म पहेली (1977) मिली. इसके बाद उन्होंने ‘सांच को आंच नहीं’ (1979) और ‘सावन को आने दो’ (1979) जैसी फिल्में कीं. लेकिन अरुण गोविल को खास पहचान नहीं मिली. तब उन्होंने रामानंद सागर के सीरियल विक्रम और बेताल’ (1985) के लिए ऑडिशन दिया और विक्रम का रोल उन्हें मिल गया.
अरुण गोविल को मिली ‘रामायण’ से पहचान
कपिल शर्मा के शो में अरुण गोविल ने बताया कि ‘रामायण’ में राम का रोल उन्हें कैसे मिला था. अरुण गोविल ने बताया था कि रामानंद सागर अपना सीरियल रामायण बनाना चाह रहे थे जिसकी कास्ट के लिए ऑडिशन हो रहे थे. जैसे ही अरुण गोविल को पता चला तो वो रामानंद सागर के पास राम का रोल मांगने गए लेकिन उन्होंने ये कहते हुए मना कर दिया कि वो ये रोल नहीं कर पाएंगे.
बहुत ढूंढने के बाद रामानंद सागर को राम के रोल के लिए कोई नहीं मिला. बाद में उन्होंने अरुण गोविल का टेस्ट लिया और वो सिलेक्ट हुए. इस रोल ने अरुण गोविल की किस्मत पलट दी और उन्हें घर-घर में पहचान मिली. 1987 में आए इस धार्मिक सीरियल में अरुण गोविल ने श्रीराम का रोल प्ले किये जिसके बाद उन्हें लोग भगवान समझने लगे थे.
अरुण गोविल ने कपिल शर्मा के शो में बताया था कि जब इस सीरियल के सक्सेस पार्टी पर वो ड्रिंक और सिगरेट के साथ खड़े थे तभी कोई उनके पास आया और कहा भगवन आप ये क्या कर रहे हैं. एक्टर ने बताया कि लोगों की आस्था उनसे जुड़ गई थी और उन्होंने तब से सिगरेट और शराब भी छोड़ दी और लोगों के उस प्यार का हमेशा आभार जताया.
एक किरदार ने बदल दी थी इस स्टार की जिंदगी, शराब-सिगरेट से भी बना ली थी दूरी, एक्टर ने खुद सुनाए किस्से
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