Entertainment: Chhaava: रश्मिका मंदाना के एक्सेंट से लेकर एआर रहमान के म्यूजिक तक, ये हैं विकी कौशल के फिल्म की 5 कमजोर कड़ी – #iNA

‘छावा’ यानी की शेर का बच्चा. फिल्म ‘छावा’ में शेर जैसे छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी महाराज की कहानी बताई गई है. पिछले 4 सालों से विकी कौशल और लक्ष्मण उतेकर इस फिल्म पर काम कर रहे हैं. जब हम ये फिल्म बड़े पर्दे पर देखते हैं, तब हम ‘छावा’ की पूरी टीम की मेहनत भी साफ देख सकते हैं. अपने पिता के सपने के लिए छत्रपति संभाजी महाराज ने जो त्याग और बलिदान दिया, उसकी ये कहानी आपके दिल को छू लेगी. लेकिन इस फिल्म से जुड़ी 5 कमजोर कड़ी हैं, जो आपको निराश कर सकती हैं.
रश्मिका मंदाना
रश्मिका मंदाना फिल्म ‘छावा’ में छत्रपति संभाजी महाराज की पत्नी येसूबाई का किरदार निभा रही हैं. इस फिल्म के म्यूजिक एल्बम लॉन्च के मौके पर जब निर्देशक लक्ष्मण उतेकर से पूछा गया कि उन्होंने एक साउथ एक्ट्रेस को इस किरदार के लिए क्यों कास्ट किया? तब उन्होंने बताया कि रश्मिका की आंखें उन्हें अच्छी लगीं. अब आंखें तो ठीक हैं? लेकिन बातों क्या करें? जब भी रश्मिका मुंह खोलती हैं? हमें येसूबाई की बातों में कोंकण का नहीं साउथ का स्वर नजर आता है. अब फिल्म हिंदी है, किरदार मराठी है. या तो किरदार हिंदी बोले, या मराठी एक्सेंट वाली हिंदी बोले. लेकिन रश्मिका की हिंदी में साउथ का फ्लेवर नजर आता है, ये फ्लेवर हमें आमतौर पर सुनने में बहुत अच्छा लगता है, लेकिन प्रियंका चोपड़ा की ‘काशीबाई’ या कृति सेनन की ‘पार्वती बाई’ देखने के बाद ‘छावा’ की येसुबाई हमें निराश करती हैं.
एआर रहमान का म्यूजिक
एआर रहमान बहुत ही उम्दा और लीजेंडरी म्यूजिशियन हैं. वो ऑस्कर जैसा सम्मान जीत चुके हैं, लेकिन ‘छावा’ के म्यूजिक में वो बात नहीं है. एआर रहमान के म्यूजिक में ‘फोक’ स्टाइल मिसिंग है. सिर्फ ढोल बजाने से वो म्यूजिक पूरा नहीं होता. एक तरफ जो म्यूजिक औरंगजेब के लिए रहमान की तरफ से बनाया गया है, वो बेहतरीन है, क्योंकि वो उनका स्टाइल है. ये झलक हम ‘जोधा अकबर’ में भी देख चुके हैं. लेकिन अजय अतुल, शंकर-एहसान-लॉय जैसे ऑप्शन छोड़ उतेकर ने तमिल म्यूजिक डायरेक्टर को इस फिल्म के लिए क्यों चुना? ये सबसे बड़ा सवाल है. फिल्म का म्यूजिक इसकी एक बड़ी कमजोर कड़ी है.
फिल्म के गाने
फिल्म में ऐसा एक भी गाना नहीं है, जिसे हम लूप पर बार-बार सुनना चाहेंगे. ऐसी फिल्मों में एक तो डिवोशनल गाना होता है. तान्हाजी में ‘शंकरा’ था, बाजीराव मस्तानी ‘गजानना’ था, लेकिन ऐसा एक भी गाना इस फिल्म में नहीं है, जो हम याद रख पाए.
फर्स्ट हाफ
फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा स्लो है. कहानी समझ में आने में समय लगता है. शायद छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके करीबियों को गलत न दिखाया जाए, इसका ध्यान रखने के लिए निर्देशक ने खुद के विजन से समझौता कर लिया है.
डायना पेंटी
एक्ट्रेस डायना पेंटी इस फिल्म में अकबर की बेटी का किरदार निभा रही हैं. वैसे तो उन्होंने फिल्म में अच्छी एक्टिंग की है. लेकिन जब भी वो अक्षय खन्ना और विकी कौशल के साथ स्क्रीन शेयर करती हैं, तब उनके सामने वो कमजोर पड़ जाती हैं.
Chhaava: रश्मिका मंदाना के एक्सेंट से लेकर एआर रहमान के म्यूजिक तक, ये हैं विकी कौशल के फिल्म की 5 कमजोर कड़ी
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