Entertainment: Gram Chikitsalay Review: ‘पंचायत’ से कितनी अलग है अमोल पराशर की ये सीरीज – #iNA

वेब सीरीज ‘ग्राम चिकित्सालय’ ओटीटी प्लेटफार्म अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही है. इसे बनाने वाले टीवीएफ के वही लोग हैं, जिन्होंने प्राइम वीडियो के लिए ‘पंचायत’ बनाई थी. टीवीएफ की वजह से फैंस को इस सीरीज से बहुत उम्मीदें थीं और कई मायने में ये वेब सीरीज भी उम्मीदों पर खरी भी उतरती है. ‘पंचायत’ की तरह ये सीरीज भी हमें गांव की एक कहानी सुनाती है, जो सीधे दिल को छू जाती है. बेहतर जीवन की तलाश में गांव छोड़कर शहर रहने आए कइयों को न सिर्फ ‘ग्राम चिकित्सालय’ गांव के साथ अपने पुराने और गहरे रिश्ते की याद दिलाती है, बल्कि एसी कमरों में बैठकर इसे देखने वाली अर्बन ऑडियंस को ये सीरीज एक रियलिटी चेक भी देती है.
कहानी
ये कहानी है प्रभात सिन्हा नाम के एक जवान डॉक्टर की. पापा का खुद का प्राइवेट अस्पताल होने के बावजूद प्रभात भटकंडी नाम के छोटे से गांव के ग्राम चिकित्सालय में बतौर एमओ (मेडिकल अफसर) ज्वाइन हो जाता है. वो चाहता है कि गांव वालों को अच्छा इलाज मिले. लेकिन वहां के असली डॉक्टर को छोड़कर गांव वाले चेतक कुमार नाम के एक झोलाछाप डॉक्टर (जिसे विनय पाठक ने निभाया है) पर भरोसा करते हैं, जो गूगल देखकर बीमारियों का इलाज करता है. इस डॉक्टर के पास कोई एमबीबीएस की डिग्री भी नहीं है. अब क्या प्रभात गांव वालों का भरोसा जीत पाता है? या फिर से शहर लौट जाता है? ये जानने के लिए आपको प्राइम वीडियो पर ‘ग्राम चिकित्सालय’ देखनी होगी.
जानें कैसी है य सीरीज
आज जब भी हम बीमार पड़ जाते हैं, तब गूगल पर ये सर्च करते हैं कि आस-पास कौनसा एमडी (एमबीबीएस से भी बड़ी डिग्री वाला) डॉक्टर है. हमारे पास हेल्थ इन्शुरन्स होता है, जिस वजह से बड़े अस्पताल में इलाज करने में आसानी हो जाती है. लेकिन दूसरी तरफ आज भी हमारे गांव में कई ऐसे झोलाछाप डॉक्टर भी हैं, जो पहले अंदाजा लगाकर गोलियां देते थे और अब गूगल पर सर्च करके पेशेंट का इलाज करते हैं. फिर एक बार टीवीएफ एक ऐसी कहानी लेकर आया है, जिसमें कुछ भी झूठ नहीं लगता. उनकी हर सीरीज की तरह इस में भी न ही कोई लंबा भाषण है, न ही कोई ज्ञान देने की कोशिश की गई है और फिर भी ये कहानी हंसी-मजाक के बीच हमें बहुत कुछ बताकर जाती है. इसे देखते समय हंसते-हंसते कब हमारी आंखें नम हो जाती हैं और कब इन नम आंखों में से आंसू गायब होकर चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान आ जाती है? ये हमें पता ही नहीं चलता.
एक्टिंग
‘ग्राम चिकित्सालय’ में जो कलाकार हैं, उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है, अमोल पराशर ने डॉ. प्रभात सिन्हा का किरदार उम्दा तरीके से निभाया है. अमोल इस सीरीज में अमीर बाप के वो डॉक्टर के बेटे बने हैं, जो बड़ी ही ईमानदारी से गांव में बदलाव लाना चाहते हैं. शहर का मॉडर्न अंदाज और अपने पेशे के लिए जरूरी पैशन अमोल ने अपनी बॉडी लैंग्वेज और एक्टिंग दोनों के साथ बखूबी ऑडियंस के सामने पेश किया है.
विनय पाठक ने झोलाछाप डॉक्टर चेतक कुमार के रोल में जान डाल दी है. उनका मजाकिया अंदाज बहुत अच्छा है और उन्होंने अपने किरदार की अजीब हरकतों को खूब पकड़ा है. आनंदेश्वर द्विवेदी और आकाश मखिजा ने कंपाउंडर और वार्ड बॉय बनकर अच्छा साथ दिया है. पूरी सीरीज में वे दोनों खूब हंसाते हैं. गरिमा सिंह ने नर्स इंदु का रोल बहुत समझदारी और अच्छे से किया है. आकांक्षा रंजन कपूर भी अपनी छोटी सी भूमिका में इंपैक्टफुल लगती है.
निर्देशन और राइटिंग
‘पंचायत के निर्देशक दीपक कुमार मिश्रा ने इस सीरीज़ को डायरेक्ट किया है. उन्होंने गांव के माहौल को असली जैसा दिखाते हुए इस कहानी को आगे बढ़ाया है. इस सीरीज को बनाते हुए उन्होंने इस बात का पूरा ख्याल रखा है कि इसे पूरी तरह से अलग बनाया जाए और कुछ हद तक वो इस में कामयाब भी हुए हैं. लेकिन सीरीज में इस्तेमाल की गई भाषा और कुछ किरदार हमें ‘पंचायत’ की याद दिलाते हैं. राइटिंग की बात करें तो सीरीज के कुछ एपिसोड थोड़े लंबे लगते हैं, लेकिन फिर भी हम इससे आखिर तक कनेक्ट कर पाते हैं.
देखें या न देखे
कुल मिलाकर, ‘ग्राम चिकित्सालय’ एक मजेदार और दिल को छूने वाली सीरीज़ है. अगर आप ‘पंचायत‘ जैसी सीरीज देखना चाहते हैं, तो शायद ये आपके लिए नहीं है, क्योंकि दोनों का फ्लेवर जरूर एक जैसा है, लेकिन कहानियां पूरी तरह से अलग है. इसमें जो व्यंग वो पंचायत के मुकाबले काफी तीखा है. आज भी गांव में डॉक्टर की जगह नर्स, कम्पाउंडर और केमिस्ट वाले से अक्सर दवाई मांगी जाती है, कोई बीमार पड़ जाए तो डॉक्टर के पास जाने से पहले उसकी नजर उतारी जाती है, लेकिन आज भी शहर में अपनी जिंदगी में व्यस्त लोग इन बातों से अनजान हैं. ये सीरीज जहां एक तरफ हमारे गांवों के भयंकर हालात बताती है, वहीं दूसरी तरफ ये सीरीज हमें डॉ. प्रभात सिन्हा जैसे उस नौजवान से भी मिलाती है, जो गोल्ड मेडलिस्ट डॉक्टर होने के बावजूद गांव में आकर लोगों की सेवा करना चाहता है. यानी उम्मीद आज भी है, टीवीएफ की ‘ग्राम चिकित्सालय‘ भी इसी उम्मीद पर खत्म होती है और ऐसी सीरीज जरूर देखनी चाहिए.
सीरीज का नाम : ग्राम चिकित्सालय
एक्टर्स : अमोल पराशर, आकांक्षा रंजन, विनय पाठक
निर्देशक : दीपक कुमार मिश्रा
स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म : अमेजॉन प्राइम वीडियो
रेटिंग : 4 स्टार
Gram Chikitsalay Review: ‘पंचायत’ से कितनी अलग है अमोल पराशर की ये सीरीज
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