Entertainment: एक फकीर से मिली इंस्पिरेशन, लाहौर में 9 साल का बाल काटने वाला कैसे बन गया बॉलीवुड का सबसे बड़ा सिंगर? – #iNA
बॉलीवुड फिल्मों के सिंगर मोहम्मद रफी ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बनाई. बहुत लोग कहते हैं कि रफी साहब खुदा की आवाज थे. लोग कहते हैं कि रफी साहेब के ऊपर भगवान का आशीर्वाद था. कोई एकदम शॉर्ट में कह देता है कि मोहम्मद रफी गॉड गिफ्टेड थे. लेकिन मोहम्मद रफी एक अच्छे गायक होने के साथ ही एक ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे जिसने उनकी सिंगिंग को और भी असरदार बना दिया. आज उस महान फनकार की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी है. इस मौके पर आइये जानते हैं उनके इतने बड़े सिंगर बनने की कहानी.
बड़े भाई ने नोटिस किया टैलेंट
रफी साहेब का जन्म 24 दिसंबर 1924 को अमृतसर में हुआ था. जब वे 9 साल के थे उस दौरान उनका परिवार लाहौर शिफ्ट हो गया था. यहां पर उन्होंने अपनी फैमिली के बड़े सदस्यों की तरह ही बाल काटने का काम शुरू कर दिया था. वे गुनगुनाते हुए अपना काम किया करते थे. उनके बड़े भाई भी इस दौरान वहीं हुआ करते थे और उन्हें सुनते थे. उन्हें उस वक्त ही एहसास हो गया था कि मोहम्मद रफी अलग ही हुनर के धनी हैं और उन्होंने रफी साहेब की सिंगिंग में रुचि देखकर उन्हें आगे की दिशा दिखाई. रफी साहेब के बड़े भाई का यकीन तब और पुख्ता हो जाता जब आसपास के मौलवी और अन्य लोग भी मोहम्मद रफी के टैलेंट से परिचित हो चुके थे.
एक फकीर से मिली प्रेरणा और जहां भर की प्रेरणा बन गए
जब रफी अपना काम कर रहे होते थे उसी दौरान उस जगह से गुनगुनाता हुआ एक फकीर जा रहा होता था. रफी साहेब उस फकीर से बहुत प्रभावित हुए थे. वे उस फकीर का पीछा करते थे और उसी फकीर से रफी साहेब को भी एक सिंगर बनने की प्रेरणा मिली. इसके बाद तो रफी साहेब को उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाले लोग वक्त-वक्त पर मिलते गए. ऐसे ही एक शख्स थे जीवनलाल. जब जीवनलाल ने रफी को वारिस शाह का हीर गाते हुए सुना तो वे रफी साहेब के प्रति ना सिर्फ आकर्षित ही हुए बल्कि उन्हें ऑडिशन के लिए बुलाया. रफी साहेब जब ऑडिशन में पास हो गए तो जीवनलाल ने उन्हें संगीत की शिक्षा दी.
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आवाज खुदा की रहमत
इसके बाद कई छोटे-छोटे पड़ाव को रफी साहेब ने पार किया. मात्र 13 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली स्टेज परफॉर्मेंस दी थी. सिंगर ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. बॉलीवुड में उन्हें मिड 40s में गाने का मौका मिल गया था. फिर नौशाद समेत कई सारे फनकारों के साथ उनका कोलाबोरेशन रहा. उन्होंने अपने करियर में 5000 के करीब गाने गाए. उन्हें आज भी देश का सबसे काबिल सिंगर और सबसे सुरीली आवाज के तौर पर जाना जाता है. जो लोग ऐसा कहते हैं वो रफी साहेब की सिंगिंग रेंज को देखकर इस बात का दावा करते हैं. उन्होंने कई क्लासिकल गाने गाए. सेमी क्लासिक गाए, कव्वाली गईं तो भजन भी गाए, रोमांटिक सॉन्ग हो सैड या फिर कॉमेडी. हर तरह के गाने गाए और अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए जो संगीत प्रेमियों के लिए एक रहमत की तरह है. खुदा की रहमत.
एक फकीर से मिली इंस्पिरेशन, लाहौर में 9 साल का बाल काटने वाला कैसे बन गया बॉलीवुड का सबसे बड़ा सिंगर?
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