Entertainment: MET GALA: 88 बच्चे और 10 पत्नी… जानिए उस ‘महाराजा’ के बारे में जिन्हें दिलजीत दोसांझ ने दिया ट्रिब्यूट – #iNA

मेट गाला 2025 का आयोजन हो चुका है. इस बार कई बॉलीवुड स्टार्स भी मेट गाला का हिस्सा बने. शाहरुख खान, कियारा आडवाणी के अलावा पंजाबी सिंगर Diljit Dosanjh ने भी डेब्यू किया. रेड कारपेट पर महाराजा वाले लुक में दिखे दिलजीत दोसांझ ने ग्लोबल प्लेफॉर्म पर पंजाब की संस्कृति को दिखाया. उन्होंने पटियाला के महाराजा भुपिंदर सिंह को ट्रिब्यूट दिया है. दिलजीत दोसांझ का लुक एकदम रॉयल था. व्हाइट शेरवानी, पगड़ी और फ्लोर लेंथ कैप में वो काफी जच रहे थे. हालांकि, इसमें गुरमुखी भी लिखी हुई दिखी.
पंजाबी सिंगर के आउटफिट को अभिवाशा देवनानी ने डिजाइन किया है. वहीं लुक को कंप्लीट करने के लिए दिलजीत दोसांझ ने मैचिंग हैडपीस को पगड़ी में लगाया, साथ ही मल्टीपल नेकपीस भी कैरी किए. एक हाथ में तलवार लिए पहुंचे दिलजीत ने मेट गाला में इतिहास रच दिया. दरअसल सिंगर का लुक ‘पटियाला के महाराजा’ सर भुपिंदर सिंह के लुक से इंस्पायर्ड बताया गया है. आइए जानिए कौन हैं यह महाराजा, जिन्हें दिलजीत ने ट्रिब्यूट दिया है.
कौन थे पटियाला के महाराजा?
12 अक्टूबर, 1891 को पटियाला के मोती बाग पैलेस में भुपिंदर सिंह का जन्म हुआ था. वो जाट सिख फुलकियन राजवंश और सिद्धू वंश से थे, जिन्होंने लाहौर के Aitchison College से पढ़ाई की थी. सर भुपिंदर सिंह ब्रिटिश इंडिया में पटियाला रियासत के महाराजा बने थे. जिनका शासन 1900 से 1938 तक चला. उनकी क्रिकेट में भी काफी दिलचस्पी थी. महज 9 साल की उम्र में ही उन्हें पटियाला का राजा बना दिया गया था. जब उनके पिता महाराजा राजिंदर सिंह की मौत हो गई. वहीं पिता से कुछ साल पहले ही उनकी मां का बीमारी के चलते निधन हो गया था.
पहले वर्ल्ड वॉर के वक्त सर भुपिंदर सिंह ने फ्रांस, बेल्जियम, इटली और फिलिस्तीन के जनरल स्टाफ में लेफ्टिनेंट-कर्नल के तौर पर काम किया था. जिसके बाद 1918 में उन्हें प्रमोशन मिला. पहले मेजर जरनल और फिर लेफ्टिनेंट-जनरल के पद से सम्मान मिला. हालांकि, वो 1918 में इंपीरियल वॉर कैबिनेट और इंपीरियल वॉर कॉन्फ्रेंस में भी काम कर चुके हैं.
भुपिंदर सिंह की कितनी रानियां थीं?
सर भुपिंदर सिंह अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी चर्चा में रहे हैं. इतिहासकार डोमिनीक लापियर और लैरी कॉलिन्स की किताब ”फ्रीडम एट मिडनाइट” उनका जिक्र है. इसके मुताबिक, भुपिंदर सिंह के हरम में उस वक्त 350 महिलाएं हुआ करती थीं. हालांकि, उनकी 10 पत्नियां थीं और 88 बच्चे थे. ऐसा भी कहा जाता है कि उन्होंने एक स्पेशल लैब बनवा रखा था, जिसमें फ्रैंच, इंग्लिश और इंडियन प्लास्टिक सर्जन थे. महाराजा के बदलते इंटरेस्ट के साथ ही वो महिलाओं के रूप को उस तरह से ढालते थे.
महाराजा भुपिंदर सिंह (GETTY)
महाराजा ने खरीदा था पहला प्लेन
महाराजा भुपिंदर सिंह ने 1910 में उन्होंने अपना पर्सनल एयरक्राफ्ट खरीदा था. साथ ही भारत के भी पहले ही शख्स थे, जिनका पास अपना प्लेन था. महाराजा के रिश्तेदार नटवर सिंह की किताब ‘द मैग्नीफिसेंट महाराजा’ के मुताबिक, भुपिंदर सिंह के पास कपड़ों, कुत्तों, पेंटिंग, घोड़ों, घड़ी और कारों का शानदार कलेक्शन हुआ करता था.
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