Entertainment: Oscar Awards: विल स्मिथ के ‘थप्पड़कांड’ से गलत नाम के ऐलान तक, जब-जब सितारों से सजी शाम में हुआ विवाद – #iNA

ऑस्कर अवार्ड्स, सिनेमा की दुनिया का वो प्रतिष्ठित मंच है, जहां हर साल कई टैलेंटेड कलाकारों के साथ दुनिया की बेहतरीन फिल्मों को सम्मानित किया जाता है. लेकिन इस ग्लैमर से सजे इवेंट के इतिहास में कुछ ऐसे पल भी दर्ज हुए हैं, जिन्होंने इस अवार्ड समारोह के इर्द-गिर्द विवादों का तूफान खड़ा कर दिया था. कभी गलत नाम की घोषणा, तो कभी मंच पर हुई हाथापाई की वजह से भी ऑस्कर चर्चा में रहा है. आइए नजर डालते हैं ऑस्कर से जुड़े उन 5 विवादों पर, जिन्होंने ऑस्कर के सुनहरे इतिहास पर दाग लगा दिया.
विल स्मिथ का थप्पड़कांड (2022)
‘ऑस्कर 2022’ अवॉर्ड विनिंग फिल्मों से ज्यादा हॉलीवुड एक्टर विल स्मिथ के ‘थप्पड़ कांड’ की वजह से चर्चा में रहा. दरअसल इस समारोह में विल स्मिथ के सामने ही अवॉर्ड फंक्शन के होस्ट क्रिस रॉक ने विल की पत्नी जैडा पिंकेट स्मिथ के गंजेपन की बीमारी का खूब मजाक उड़ाया था. उनकी इस हरकत से विल बहुत ज्यादा गुस्सा हुए थे और उन्होंने मंच पर आकर क्रिस रॉक को थप्पड़ जड़ दिया था. इस थप्पड़ के बाद हॉलीवुड ही नहीं पूरी दुनिया में एक्टर की खूब बदनामी हुई थी.
बेस्ट पिक्चर के लिए गलत नाम का ऐलान (2017):
साल 2017 में ऑस्कर के इतिहास में एक ऐसी घटना घटी, जिसने पूरी दुनिया को चौंका दिया. दरअसल, 2017 के ऑस्कर में बेस्ट पिक्चर का अवॉर्ड ‘ला ला लैंड’ को दे दिया गया, जबकि असल विनर फिल्म ‘मूनलाइट’ थी. इस अवॉर्ड को प्रेजेंट करने वाले प्रेसेंटर वॉरेन बीटी और फाए डुनावे की तरफ से की गई गलत नाम की घोषणा से मंच पर अफरा-तफरी मच गई. बाद में पता चला कि लिफाफा बदलने के कारण ये गलती हुई थी. लेकिन इस घटना ने ऑस्कर की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए थे.
माइकल मूर का प्रोटेस्ट (2003):
साल 2003 में माइकल मूर ने फिल्म ‘बोलिंग फॉर कोलंबो’ के लिए बेस्ट डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी में अवॉर्ड जीता. अपने विनिंग स्पीच (भाषण) में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश की इराक युद्ध नीति का विरोध किया. मूर अपने इस भाषण को लेकर विवादों में फंस गए थे. लेकिन फिर भी वो अपनी बात पर अड़े रहे.
रोमन पोलंस्की को बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड (2003)
साल 2003 के ऑस्कर में फिल्म ‘द पियानिस्ट’ के लिए रोमन पोलंस्की को बेस्ट डायरेक्टर के अवॉर्ड सम्मानित किया गया. लेकिन उस समय पोलंस्की को यौन उत्पीड़न के मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. इस घटना ने ऑस्कर की नैतिकता पर सवाल खड़े कर दिए थे.
मार्लन ब्रैंडो का अवॉर्ड लेने से इनकार (1973)
साल 1973 में एक्टर मार्लन ब्रैंडो ने फिल्म ‘द गॉडफादर’ के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड लेने से इनकार कर दिया था. उन्होंने अपनी जगह साचेन लिटलफेदर को भेजा था, जिन्होंने ऑस्कर के मंच पर मार्लन की तरफ से अमेरिकी सरकार द्वारा मूल अमेरिकी लोगों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार का विरोध किया था.
Oscar Awards: विल स्मिथ के ‘थप्पड़कांड’ से गलत नाम के ऐलान तक, जब-जब सितारों से सजी शाम में हुआ विवाद
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