Entertainment: Squid Game 2 Review: कर्ज-मजबूरी-बेबसी का गला घोंटती सरफिरी पावर, स्क्विड गेम के सीजन 2 में नया क्या है? – #iNA

पॉपुलर वेब सीरीज स्क्विड गेम लगभग 3 साल के अंतर के बाद आ गई है. ये सीरीज नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम कर रही है. इस सीरीज का इंतजार फैंस काफी समय से कर रहे थे. ये सीरीज खास मौके पर लाई गई है. स्क्विड गेम के दुनियाभर के फैंस के लिए इसे क्रिसमस गिफ्ट भी समझा जा सकता है या इसे न्यू ईयर गिफ्ट भी कहा जा सकता है. धड़ल्ले से लोगों ने ये सीरीज देखनी शुरू कर दी है कई सारे लोग तो देख भी चुके होंगे. सभी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. आइये जानते हैं कि ये सीरीज कैसी है और 3 साल बाद जब इसे लाया गया है तो ये पिछली सीरीज से कितनी अलग है.

अस्तित्व और परिकल्पना

जब इस सीरीज का पहला पार्ट आया था उस दौरान किसी ने ये कल्पना भी नहीं की होगी कि ये सीरीज आखिर कैसी होगी. इसमें क्या-क्या होगा. कई लोगों ने तो ये अनुमान लगाया होगा कि ये सीरीज बच्चों के लिए है और इसमें कोई गेम खिलाया जाएगा. फिर जैसा की हर गेम के अंत में होता है वैसा ही हार-जीत का फैसला होगा और लोग अपने-अपने घर चले जाएंगे. लेकिन इस सीरीज के पहले पार्ट के 2-3 एपिसोड्स के बाद से ही इस बारे में पता चल जाता है कि आखिर इस सीरीज की आगे की रूपरेखा क्या होने वाली है. बस वहीं पर इस सीरीज के पीछे का मकसद और साथ ही पूरी साइकोलॉजी भी समझ में आ जाती है.

पहला सवाल किसी भी सीरीज को देखने से पहले ये होता है कि आखिर ये सीरीज है क्या. अगर इस सीरीज की बात करें तो ये सिर्फ एक वॉयलेंस और गेम के इर्द-गिर्द बुनी हुई कहानी नहीं है बल्कि ये सीरीज तो उसके इतर समाज में इंसान के मोल-भाव का एक चित्रण है. कैसे एक इंसान समाज के ही बनाए गए क्लास सिस्टम में फंस जाता है. महंगाई और बाहरी आकर्षण से उपजी इच्छाएं उसे जकड़ लेती हैं. कभी-कभी उसके हालात और उसका खुद का स्वभाव उसे मजबूर कर देता है. और इंसान एक आम इंसान कर्ज के बोझ में दब जाता है. वहां उसके अस्तित्व पर कुछ संख्याएं हावी हो जाती हैं. और ऐसी संख्याओं के बोझ तले दबे आदमी की संख्याएं भी कम नहीं हैं. फिर इस धरती पर लोग कीड़े-मकौड़े की तरह रह जाते हैं. अब कीड़े-मकौड़ों का इस संसार में क्या अस्तित्व है ये बताने की तो जरूरत भी नहीं. चंद पावर और पैसे वालों के हाथ में सत्ता आ जाती है. वो इस प्रिवलेज का फायदा उठाते हैं. फिर शुरू होता है खूनी खेल. जिससे बच पाना किसी के बस की बात नहीं.

पार्ट 1 का फ्लैशबैक

सीरीज का जिसने पहला पार्ट देखा होगा उसे इसकी कहानी का तो अच्छा-खासा आइडिया होगा. कैसे एक ग्रुप है जो बहुत सशक्त है और दबंग भी. वे मजबूर लोगों की शिनाख्त करता है और उन्हें भारी-भरकम पैसों की लालच देकर फंसाता है और इस गेम का हिस्सा बना देता है. इसके बाद गेम खेल रहे 500 के करीब लोग पैसे की लालच में इसका हिस्सा बन जाते हैं और बहुत ही प्लाॉन्ड तरीके से बुने गए मायाजाल में फंसते चले जाते हैं. Oh Il-nam इन खिलाड़ियों में ऐसा खिलाड़ी रहता है जो सबसे बुजुर्ग होता है. उस खिलाड़ी की खास बात ये होती है कि वो अंत तक खेल ले जाता है और उसके बाद एक सरप्राइज पैकेज की तरह ही इस गेम का क्रिएटर होता है. कहानी का पहला सीजन यहीं पर खत्म होता है. इस सीरीज के पहले सीजन के गेम को Seong Gi-hun जीतता है जो अपने साथ 45.6 बिलियन की राशि लेकर जाता है. लेकिन इस राशि का वो इस्तेमाल नहीं करता. क्योंकि ये पैसे उसे फ्लैशबैक में लेकर जाते हैं और उसे बार-बार अपने दोस्तों की और उनकी याद दिलाते हैं जिनकी मदद से उसने ये पैसे जीते और अब ये सभी इस दुनिया में नहीं हैं.

सीजन 2 की कहानी सीजन 1 से कितनी अलग?

सीजन 2 की बात करें तो ये सीजन भी पहले सीजन की ही तरह है. इस सीजन में भी पहले की तरह ही गेम खिलाए गए हैं. बस खिलाड़ी सारे नए हैं. सिर्फ एक को छोड़कर. वो खिलाड़ी है सिऑन्ग. पहला गेम जीतने के बाद भी सिऑन्ग इस गेम में फिर से हिस्सा लेता है. लेकिन गेम जीतने के मकसद से नहीं, बल्कि गेम खेलते हुए सभी खिलाड़ियों की जान बचाने और उन्हें इस मायाजाल से निकालने के मकसद से. क्योंकि दूसरे सीजन में सिर्फ सिऑन्ग ही ऐसा शख्स है जो इस गेम की गंभीरता को भी जानता है और इस गेम को कंट्रोल करने वाले लोगों के मास्क के पीछे छुपे उस विभत्स चहरे को भी जिसका सामना वो पहले कर चुका होता है. अब सिऑन्ग का प्लान क्या है. कैसे वो इस प्लान को पूरा करेगा. क्या वो फिर से इस गेम को जीत पाएगा, क्या वो मर जाएगा, क्या वो गेम खेल रहे 500 लोगों को बचा पाएगा, आगे क्या होगा? इन सभी सवालों के जवाब के लिए सीरीज का दूसरा सीजन आ गया है. जैसे-जैसे आप सीजन में आगे बढ़ेंगे आपको इन सभी सवालों के जवाब मिलते चले जाएंगे. लेकिन कुछ सवाल शेष रह जाएंगे. क्योंकि सीजन 2 के बाद सीजन 3 भी तो आना है. सीजन 2 के अंत ने सीजन 3 की संभावनाओं को जिंदा कर दिया है. अब इसका अंत कैसा है इसे जानने के लिए भी आपको ये सीरीज देखनी होगी.

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कास्ट और एक्टिंग

सीरीज के सभी किरदार की अपनी एसेंस है और सभी किरदार अपने साथ एक इतिहास लिए हुए हैं. ये इतिहास ही उन्हें यहां तक लेकर आया है. सभी ने अपना काम बेखूबी किया है और संभावना है कि तीसरा सीजन इससे भी दमदार हो सकता है. कास्ट की बात करें तो इसमें कुछ कास्ट पुरानी हैं जबकी कास्ट के कुछ मेम्बर्स नए भी हैं. लेकिन लीड कैरेक्टर प्ले करने वाले Lee Jung-jae का अभिनय सराहनीय है. उनके एक्सप्रेशन्स और इमोशन्स ने पहले पार्ट की उत्सुकता दूसरे सीजन में भी बरकरार रखी है. इसके अलावा सीरीज में जिस तरह से एक मां-बेटे को साथ में गेम खेलते हुए दिखाया गया है और एक प्रेग्नेंट वुमन के कैरेक्टर को, एक ट्रान्सजेंडर के कैरेक्टर को शामिल किया गया है वो इस सीरीज को पहले सीजन से जरा अलग बनाता है. इन किरदारों ने भी अपना काम बेखूबी निभाया है.

खामियां

सीरीज में अगर कमियों की बात करें तो इस सीरीज में काफी कमियां भी हैं. लेकिन बहुत ज्यादा बदलावों की गुंजाइश भी इस सीरीज में नहीं थी. नहीं तो सीरीज ट्रैक से हट जाती. फिलहाल सीरीज का पहला सीजन देखने वाले लोगों को दूसरा सीजन देखते वक्त निराशा हाथ लग सकती है. लेकिन इसी के साथ दूसरे सीजन के पोस्ट क्रेडिट में चंद सेकंड के सीन्स हैं जो सीरीज के तीसरे सीजन के रोचक होने की संभावनाओं को जिंदा रखे हुए हैं.

देखें कि नहीं?

ये दुनिया की सबसे पॉपुलर सीरीज में से एक है. भले ही पहला सीजन देख चुके लोग और 3 साल से इंतजार कर रहे लोगों को ये सीजन देखते वक्त बीच-बीच में सीरीज उबाऊ लग सकती है. लेकिन इसके बाद भी सीरीज के तीसरे पार्ट की उत्सुकता को बरकरार रखने के लिए इस सीरीज को एक बार तो देखा जा सकता है. जिन लोगों ने पहले इस सीरीज को नहीं देखा है वो इसे बहुत ज्यादा एंजॉय करेंगे. ये सीरीज एक इंसान की एहमियत बताती है. ये दुनिया भी एक खेल ही है. और हम सब एक खिलाड़ी. हम सभी अपने साथ काफी बोझ लेकर चल रहे हैं. हमारे ऊपर भी पैसों का कर्जा है, रिश्तों का कर्जा है, भावों का कर्जा है. किसी-किसी के लिए तो उसका जीवन ही एक कर्ज है. एक सेकंड का खेल है सब. क्षण भंगुर जीवन है. बस फर्क इतना है कि स्क्विड गेम में इंसान के जीवन की बागडोर चंद बादमाश और सिरफिरों के हाथों में है वहीं दूसरी तरफ जीवन की बागडोर उस ऊपरवाले के हाथ में है जिसके भरोसे और करुणा के बलपर इंसान, उसकी इंसानियत और उसका अस्तित्व जिंदा है.

सीरीज- स्क्विड गेम 2

कास्ट- Lee Jung-jae, Wi Ha-joon, Lee Byung-hun, Choi Seung Hyun

स्ट्रीमिंग- नेटफ्लिक्स

प्रोग्राम क्रिएटर- Hwang Dong-hyuk

IMDb लिंक- https://www.imdb.com/title/tt10919420/

रेटिंग्स- 3/5

Squid Game 2 Review: कर्ज-मजबूरी-बेबसी का गला घोंटती सरफिरी पावर, स्क्विड गेम के सीजन 2 में नया क्या है?

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