Entertainment: ‘इससे भयंकर मंजर…’ जब बंटवारे का समय याद कर इमोशनल हुए धर्मेंद्र, एक्टर ने बताई दिल की बात – #iNA
15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश हुकूमत के राज से आजाद हुआ था लेकिन एक दिन पहले भारत का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान नाम का अलग देश बना. बंटवारे के दौरान भारत में रह रहे मुस्लिम लोगों से कहा गया कि जिन्हें पाकिस्तान में रहना है वो वहां जा सकते हैं. बहुत से लोगों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा था. उस दौरान आम लोगों का हाल बहुत बुरा था. इसी बीच बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र ने अपने गांव का एक किस्सा सुनाया.
एबीपी न्यूज के एक शो में धर्मेंद्र बतौर गेस्ट आए थे और यहां एंकर पुण्य प्रसून बाजपेयी ने उनसे बंटवारे के दौरान का एक सवाल किया था. जिसका जवाब एक्टर ने इमोशनल होकर दिया था. एक्टर धर्मेंद्र ने क्या कहा था, आइए जानते हैं.
धर्मेंद्र ने याद किया बंटवारे का मंजर
एंकर ने धर्मेंद्र से सवाल किया, ‘पंजाब सबसे लहूलुहान हुआ था विभाजन के समय, आपको उस दौर से जुड़ा कोई किस्सा याद है?’ धर्मेंद्र ने कहा, ‘हां मुझे याद है, मैं 8वीं क्लास में पढ़ता था तब. रुकन दीन मेरे मास्टर थे तो वो देश छोड़कर जा रहे थे, मैं उनको पकड़कर रो पड़ा था. मैंने कहा क्यों जा रहे हो मास्टर जी, तो बोले जाना पड़ेगा, अब नहीं रुक सकते. उनकी बेटी हमारे घर आती थी मेरे पिताजी को अब्बा कहकर बुलाती थी.’
धर्मेंद्र ने आगे कहा, ‘जिस दिन हम लोग उन्हें काफिले में छोड़ने गए, तो उनका और हमारा पूरा परिवार रो रहा था. वो भी रोते हुए हाथ छुड़ाके जा रही थी. मैंने उस काफिले में कई परिवारों को बिछड़ते देखा, लोग रो रहे थे, बिलख रहे थे. मतलब बहुत बुरा हाल था, इससे भयानक मंजर मैंने आज तक नहीं देखा. छोटा था लेकिन इतनी समझ थी कि ये जो कत्ल-ए-आम हो रहा है इससे किसी को क्या हासिल हो रहा है.’
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इसके बाद धर्मेंद्र से सवाल हुआ कि इस दर्द में एक खुशी भी थी आजादी की उसमें क्या महसूस किया था आपने? एक्टर ने कहा था, ‘खुशी तो थी आजादी की लेकिन उस दर्द में वो खुशी थोड़ी फीकी सी पड़ गई थी. मेरी मां…मेरे फादर स्कूल टीचर थे, ब्रिटिश सरकार थी तो मेरी मां मुझे खादी कपड़े पहनाकर तिरंगा देकर बोलती थी जाओ और शाम को बाऊजी मां को डांटते थे कि तू मेरी नौकरी खत्म करवाएगी. तो मां ने कहा था, मैं तो ऐसे ही भेजूंगी अपने बेटे को आपकी नौकरी जाती है तो जाए. मेरी मां सच्ची देशभक्त थीं लेकिन बंटवारे के समय उनका मन बहुत दुखी था.’
इस उम्र में भी धर्मेंद्र ने किया हिट फिल्मों में काम
8 दिसंबर 1935 को धर्मेंद्र का जन्म पंजाब के लुधियाना शहर के नसराली गांव में हुआ था. धर्मेंद्र ने 1960 में आई फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से बॉलीवुड डेब्यू किया था. इसके बाद उन्होंने ‘हकीकत’, ‘धरम वीर’, ‘लोहा’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘कोहराम’, ‘ब्लैक मेल’, ‘शोले’, ‘फूल और पत्थर’, ‘चरस’, ‘यादों की बारात’, ‘बंटवारा’, ‘चुपके-चुपके’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’ जैसी तमाम हिट फिल्में कीं. 89 साल के धर्मेंद्र की 2023 में ‘रॉकी-रानी की प्रेम कहानी’ और 2024 में ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ जैसी फिल्में आईं थीं.
‘इससे भयंकर मंजर…’ जब बंटवारे का समय याद कर इमोशनल हुए धर्मेंद्र, एक्टर ने बताई दिल की बात
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