Entertainment: Throwback Film Review: खाने से मोहब्बत की वो कहानी जो आपको इससे नफरत करवा देगी – #iNA

खाना खाना… ये हर किसी के दिन की एक आम आदत है. हम हर दिन खाना खाते हैं. हमारे आसपास ऐसे लोग हैं जिनके लिए कहा जाता है कि ये लोग खाना खाने के लिए ही जीते हैं. इन्हें खाना इतना पसंद होता है कि वो हर दिन अलग-अलग तरह की डिशेज खाते हैं. कई लोग वेज खाना पसंद करते हैं वहीं कई लोग नॉन वेज के दीवाने होते हैं. लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि खाना खाने और पसंद करने की ये आदत किसी को जानवर से भी बदतर बना सकती है. आज हम आपको एक ऐसी फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको पसंद और जुनून के बीच का फर्क बहुत ही कायदे से समझाएगी. ये फिल्म ये दिखाती है कि कैसे लालच किसी भी चीज का हो बुरा ही होता है.

फूड लवर होना अच्छी बात है लेकिन खाने के लिए हर हद को पार कर जाना ये कुछ ऐसा है जो आपको अंदर से हिला सकता है. साल 2019 में आई एक फिल्म में कुछ ऐसा ही दिखाया गया है, जहां मीट खाने के शौकीन दो लोग हर हद से गुजर जाते हैं और अंत में कुछ ऐसा कर देते हैं जो आपके होश उड़ा देगी. हम बात कर रहे हैं फिल्म ‘आमिस’ की.

मीट के लिए प्यार या जुनून

आमिस, एक असमीस फिल्म है. फिल्म में लीड रोल निभाया है बेहतरीन एक्टर्स लीमा दास और अर्घदीप बरुआ ने. फिल्म कहानी है निर्मली और सुमोन की. निर्मली पेशे से एक डॉक्टर है वहीं सुमोन एक स्टूडेंट है जो दुनिया में अलग-अलग जगह पर खाए जाने वाले खाने और इटिंग हैबिट्स को लेकर रिसर्च कर रहा है. एक दिन सुमोन और निर्मली की मुलाकात होती है, जहां सुमोन अपने दोस्त को लेकर अस्पताल जाता है. उसके दोस्त को ज्यादा मीट खाने के कारण फूड पॉइजनिंग हो गई थी. निर्मली सुमोन को कहती है कि शायद उसके दोस्त ने बासी मीट खा लिया है जिसपर सुमोन उसे बताता है कि वो हमेशा ताजा जानवर लाता है, उसे मारता है और तब पकाता है, तो बासी मीट का सवाल ही पैदा नहीं होता.

निर्मली को पता चलता है कि सुमोन बहुत अच्छा मीट पकाता है और निर्मली फीस के बदले उसे मीट पकाकर लाने को कहती है. इसके बाद खाने के टेस्ट और सुमोन की जानकारी से निर्मली काफी इम्प्रेस हो जाती है. धीरे-धीरे दोनों की मुलाकातें बढ़ती हैं. निर्मली एक शादीशुदा औरत है. सुमोन से मिलने के बाद उसे हर दिन कुछ अलग मीट खाने को मिलता है. फिर एक दिन सुमोन को एक खतरनाक आडडिया आता है. वो अपनी जांघ का मास काटकर उसे पकाता है और निर्मली को खाने के लिए देता है. निर्मली को ये बात नहीं पता थी कि सुमोन के क्या किया है. निर्मली को ये मांस इतना पसंद आता है कि अब उसे कुछ और अच्छा ही नहीं लगता. इसके बाद वो सुमोन से पूछती है कि उसने उसे क्या खिलाया है.

भास्कर हजारिका ने किया था डायरेक्ट

सुमोन निर्मली को बताता है कि उसने उसे अपना मांस खिलाया है. निर्मली ये सुनकर बहुत हैरान होती है. लेकिन वो बहुत कोशिश करने के बाद भी मांस का स्वाद भूल नहीं पाती. इसके बाद निर्मली भी अपने पैर का मांस कांटकर पकाती है और सुमोन को खाने के लिए देती है. इसके बाद कुछ ऐसा होता है जो आपके होश उड़ा देगा. फिल्म में कुछ भी पहेली जैसा नहीं है. इसका नैरेटिव काफी सिम्पल है लेकिन ये फिल्म आपके दिल पर हद से ज्यादा चोट करती है. फिल्म दिखाती है कि लालच एक इंसान को कैसे जानवर बना देता है. फिल्म असमीस भाषा में है लेकिन इसे आप आसानी से इंग्लिश सबटाइटिल के साथ देख सकते हैं. ये आपको सोनी लिव पर मिल जाएगी.

फिल्म को डायरेक्ट किया है भास्कर हजारिका ने. फिल्म की कहानी बहुत सिम्पल है और शायद इसलिए काफी असरदार है. ये एक क्रिटिकली अक्लेम्ड फिल्म है जिसे काफी अवॉर्ड्स भी मिले हैं. बेस्ट एक्ट्रेस और बेस्ट डायरेक्टर के अलावा फिल्म को बेस्ट साउंड और बेस्ट साउंड डिजाइन का सैलाधर बरुआ मेमोरियल फिल्म अवार्ड मिला था. सिंगापुर साउथ एशियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी फिल्म को खूब सराहा गया था.

Throwback Film Review: खाने से मोहब्बत की वो कहानी जो आपको इससे नफरत करवा देगी


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