Entertainment: YJHD Analysis: बनी-नैना या अवी नहीं… ये जवानी है दिवानी की असली हिरोइन तो अदिती है – #iNA
‘सिम्पल है यार… कुछ लोगों के साथ सिर्फ वक्त बिताने से सबकुछ ठीक हो जाता है…’
अगर आपसे पूछा जाए कि आपको Yeh Jawani Hai Diwani दोबारा देखने क्यों जाना है तो आप कहेंगे कि ये फिल्म नहीं एक फीलिंग है दीक्षा… तुम नहीं समझोगी. हां ये फिल्म नहीं एक फीलिंग है, नोस्टाल्जिया है हम सभी के बचपन का. इस फिल्म ने ही ,तो हम सब को दौड़ना सिखाया है… गिरना सिखाया और कभी ना रुकने की सीख दी. ये वही तो फिल्म है जिसको देखने के बाद हम सभी ने खुद पर दया करनी बंद की और खुद से प्यार करना शुरू किया. लेकिन फिर भी अगर आपसे पूछा जाए कि आप इस फीलिंग के अलावा भी ये फिल्म किसके लिए देखने जाओगे तो शायद आपका जवाब होगा रणबीर और दीपिका… इनकी शानदार केमैस्ट्री के लिए. ऐसा हो भी क्यों ना. ये दोनों फिल्म के हीरो हिरोइन है… इन्हीं की तो लव स्टोरी है. लेकिन ये सवाल मुझसे पूछेंगे तो मेरा जवाब आपके जवाब से अलग होगा.
मुझसे पूछेंगे तो मेरे हिसाब से ये फिल्म ना बनी की है और ना ही नैना की… ये कहानी है अदिती और उसकी दोस्ती की. अदिती, जिसके बारे में खुद नैना ने कहती है कि वो जितनी झल्ली और जंगली है… वो उतनी ही प्यारी और भरोसेमंद दोस्त भी है. हां ये जवानी है दिवानी फिल्म की कहानी भले बनी और नैना के प्यार की दास्तान हो… लेकिन इस दोनों को जोड़ने की कड़ी है अदिती. मुझे ऐसा क्यों लगता है… आइए आपको बताते हैं.
जब पहली बार मिले थे अदिती-नैना
अदिती का नैना से पहली बार मिलने का सीन याद करिए. नैना जैसे ही अदिती को देखती है उसे लगता है कि वो उसे कभी पहचान नहीं पाएगी, लेकिन अदिती उसे पहली बार में ही पहचान लेती है वो भी पूरे नाम के साथ. ये सीन इस बात को साफतौर पर दिखाता है कि अदिती जैसे लोग, दूसरों को उनके लुक्स पर या फिर उनके दोस्तों के नंबर के काउंट पर जज नहीं करते हैं, बल्कि वो लोगों को उनकी अच्छाई और सच्चाई के लिए याद करते हैं. अदिती जैसी बाहर से है वैसी अंदर से भी है. वो बिंदास है, और बिना जजमेंट के जीना पसंद करती है. उसके दोस्त उसकी दुनिया भले हैं, लेकिन वो उन्हें लेकर इन्सेक्योर नहीं है. वो नैना को आराम से अपने ग्रुप में शामिल कर लेती है, ये जानते हुए
भी कि वो उन लोगों से खुद को अलग महसूस करती है. वो अदिती ही है जिसकी वजह से नैना ट्रिप पर जाने का डिसाइड करती है. वो हिम्मत कहीं ना कहीं उसे अदिती से ही मिलती है.
क्यों अवि नहीं तरन को चुनती है अदिती?
ट्रिप पर जाने के बाद अदिती पूरी कोशिश करती है कि वो नैना को सपोर्ट करे और उसका साथ दे. वो उसके साथ रहती है और हर समय उसका साथ देती है. वो उसके साथ रूम शेयर करती है और उसे बनी के बारे में बताती है. वहीं दूसरी ओर नैना भी अदीती के साथ ही खुद को कम्पलीट महसूस करती है. उसे उसके साथ कम्फर्ट लगता है. और पोलर ऑपोजिट इन दोनों को हम तब और भी ज्यादा बॉन्ड करते देखते हैं जब अदिती अवि की हरकतों से हर्ट होती है. नैना जानती है कि अदिती हर्ट है, लेकिन वो उसके पर्सनल स्पेस में नहीं घुसती. हालांकि, वो दूर से उसे सहलाती है. अदिती खुद सच्चे प्यार का मतलब समझती है इसलिए वो अवि के ऊपर तरन को चुनती है.
अदिती ही वो कड़ी है जो बनी को एक हार्ट वॉर्मिंग इंसान बनाती है. वो उसे समझती है. नैना के अलावा एक अदिती ही है जो बनी के सपनों को खुद से ऊपर रखना जानती हैं. अदिती को पता था कि ट्रिप के बाद वो अवि की तरफ से अकेली पड़ जाएगी, लेकिन फिर भी वो बनी को उसके सपने का पीछा करने की बात कहती है और उसे सपोर्ट करती है, भले खुद वो अंदर ही अंदर टूट जाती है क्योंकि उसका सबसे अच्छा दोस्त उससे दूर जाने वाला है.
ये उसी की दोस्ती है…
नैना खुद ये कहती है कि उसे नहीं लगा था कि ट्रिप के बाद वो और अदिती टच में रहेंगे. लेकिन वो बताती है कि बिना किसी जजमैंट के अदिती एक दिन उसके दरवाजे पर आकर खड़ी हो जाती है और उसके साथ रहती है. दोनों की दोस्ती हो जाती है और वो दोस्ती प्योर है. बनी को नैना की जिन्दगी में वापस लाने का क्रेडिट भी अदिती को देना चाहिए. अदिती बनी, नैना और अवि… तीनों की जिंदगी की वो कड़ी है जो उन्हें आपस में एकसाथ जोड़ती है. वो बनी को अहसास दिलाती है कि सच्चा प्यार और सच्ची दोस्ती क्या होती है. ये उसी की दोस्ती थी जो बनी को सात समुदंर पार अपने देश वापस लौटने पर मजबूर कर देती है. ये उसी की दोस्ती है जो कभी एक जगह ना ठहरने वाले बनी को पूरी शादी की रस्मों में एक साथ बांधकर रखती है. वो अदिती ही है… जो उसे ये कहती है कि सिम्पल है यार…
YJHD Analysis: बनी-नैना या अवी नहीं… ये जवानी है दिवानी की असली हिरोइन तो अदिती है
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