दुनियां – अमेरिका और इजराइल के ट्रैप में फंस गए एर्दोआन, सीरिया में कर डाली गलती! – #INA
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सीरिया में असद सरकार के तख्तापलट के बाद चारों ओर से बमबारी हो रही है. दक्षिणी सीरिया में इजराइली सेना ने गोलान हाइट्स से आगे बढ़कर बफर जोन पर भी कब्जा जमा लिया है तो वहीं मध्य सीरिया में अमेरिका के हमले जारी है. दावा है कि अमेरिकी सेना ISIS के ठिकानों पर बमबारी कर रही है.
इसके अलावा उत्तरी सीरिया में तुर्किये भी कुर्द लड़ाकों पर हमले कर रहा है, जिससे अपनी सीमा को कुर्दिश लड़ाकों के खतरे से सुरक्षित कर सके. सीरिया में असद सरकार के पतन के पीछे तुर्किये का हाथ रहा है, रिपोर्ट्स के मुताबिक तुर्किये ने इस साल की शुरुआत में असद सरकार से संबंध सामान्य करने की पेशकश की थी, लेकिन राष्ट्रपति रहे असद ने तब कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी, जिसके बाद तुर्किये ने HTS विद्रोही गुटों को हमले के लिए हरी झंडी दी.
इजराइल-अमेरिका के ट्रैप में फंसे एर्दोआन?
लेकिन आरोप हैं कि इस पूरी प्लानिंग में तुर्किये के साथ-साथ इजराइल भी शामिल रहा है और अब इजराइल ने इस मौके का फायदा उठाना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि अब सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या तुर्किये के एर्दोआन अमेरिका और इजराइल के बिछाए जाल में फंस गए हैं?
सीरिया में गलती कर बैठे एर्दोआन?
सीरिया में बशर अल-असद की सरकार भले ही ईरान की करीबी थी लेकिन उसका सबसे बड़ा सहयोगी रूस रहा है. ऐसे में असद सरकार को गिराने में मदद करना यानी रूस को धोखा देना है. दरअसल पुतिन के गुरु कहे जाने वाले अलेक्जेंडर दुगिन ने सीरिया के मसले पर तुर्किये को लेकर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर पोस्ट कर लिखा है कि, ‘सीरिया एर्दोआन के लिए एक जाल था, यहां उसने एक रणनीतिक गलती की है. तुर्किये ने रूस को धोखा दिया है, उसने ईरान को धोखा दिया है और अब वह बर्बाद हो चुका है.’
दुगिन ने कहा है कि, ‘अब कमाल अतातुर्क के तुर्किये का अंत शुरू हो गया है, हमने अब तक तुर्किये का समर्थन किया है. अब से आप पछताएंगे.’
We supported Erdogan untill now. We tried to avoid escalation with Turkey in 2015 and we did much to help Erdogan during FOTO coup. The Syrian case is very painfull for us. I think that that was strategic mistake for Erdogan. Kemalist idea was to defend Turkey inside its borders.
— Alexander Dugin (@AGDugin) December 10, 2024
कौन हैं अलेक्जेंडर दुगिन?
दुगिन एक सेल्फ-प्रोक्लेम्ड फिलॉसफर हैं और वह औपचारिक तौर पर पुतिन के साथ काम नहीं करते हैं. पुतिन के फैसलों में उनका प्रभाव काफी रहा है और यह बहस का विषय भी रह चुका है. हालांकि कुछ लोग उन्हें ‘पुतिन का दिमाग’ भी कहते हैं. दुगिन पुतिन के बड़े समर्थक हैं और यूक्रेन के खिलाफ जंग को सही ठहराते रहे हैं.
पुतिन को धोखा देना महंगा पड़ेगा?
रूस 33 महीने से यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहा है और ऐसे में सीरिया में असद सरकार को बचाना बेहद चुनौतीपूर्ण था. अगर रूस, सीरिया में ज्यादा जोर लगाते तो मुमकिन है कि उन्हें यूक्रेन के साथ युद्ध में कोई नुकसान उठाना पड़ सकता था.
शायद यही वजह है कि पुतिन की सेना ने सीरिया के विद्रोहियों के खिलाफ इस बार 2016 जैसी स्ट्राइक नहीं की. लेकिन असद सरकार का पतन जाहिर तौर पर रूस के लिए एक बड़ा नुकसान है. ऐसे में दुगिन ने एर्दोआन को चेतावनी देते हुए कहा है कि, ‘ यह तय है कि रूस, तुर्किये को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा, लेकिन इस तरह के विश्वासघात के बाद यह उम्मीद करना मुश्किल है कि रूस मुसीबत के समय तुर्किये की मदद के लिए आगे आएगा और मुसीबतें समय-समय पर आती रहती हैं.’
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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