देश- कब्रिस्तान को भी नहीं बख्शा, भू-माफियाओं ने खोद डाली जमीन; लोग पूछ रहे- कहां दफनाएं अपनों के शव?- #NA

अवैध खनन करने वाले माफियाओं को बस मौका चाहिए और इसके लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं. गाजीपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां भू-माफियाओं ने कब्रिस्तान को भी नहीं बख्शा और उसकी मिट्टी लाखों में बेच दी. जब स्थानीय लोगों को इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने हंगामा किया और अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अधिकारी अब तक इस मामले पर मौन हैं. कब्रिस्तान से जुड़े लोग लगातार अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन शिकायतों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

गाजीपुर जिले में खनन माफिया इस कदर बेखौफ हो चुके हैं कि अब उन्हें मंदिर, मस्जिद और कब्रिस्तान की जमीन पर भी नजरें पड़ने लगी हैं. ये माफिया अब इन स्थानों को अवैध तरीके से कमाई का जरिया बना चुके हैं. ऐसा ही एक उदाहरण मनिहारी ब्लॉक के बौरी वीर सिंहपुर गांव में देखने को मिला, जहां खनन माफिया ने कब्रिस्तान की जमीन से मिट्टी निकालकर बेच दी.

खनन विभाग और पुलिस विभाग से मिलीभगत?

बौरी वीर सिंहपुर गांव में बनवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. इस गांव के पास बेसो नदी के किनारे ग्राम समाज की करीब 20 बीघा जमीन है, जिसमें से एक बीघा जमीन प्रशासन द्वारा बनवासी समाज के कब्रिस्तान के लिए आरक्षित की गई है. लोगों का आरोप है कि खनन विभाग और पुलिस विभाग की मिलीभगत से खनन माफिया ने जेसीबी से ग्राम समाज की भूमि पर रात के समय खनन करना शुरू कर दिया है.

कब्रिस्तान बन गया तालाब

खनन माफियाओं ने कब्रिस्तान की भूमि से इस कदर मिट्टी निकाल दी है कि अब वह भूमि तालाब जैसे गहरे गड्ढे में बदल चुकी है. इस मिट्टी को लाखों रुपये में बेच दिया गया. जिन बनवासी लोगों का यह कब्रिस्तान है, उन्हें जब इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने तहसील के अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन उनकी शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई. खनन माफियाओं के अवैध खेल की मिलीभगत लंबे समय से चल रही है.

रात के अंधेरे में शुरू होता है लाखों का खेल

खनन माफिया गांव के तालाब, पोखरों और खेतों से मिट्टी निकालकर प्रति ट्रॉली 1500 से 2000 रुपए में बेच रहे हैं. रात करीब 9:00 बजे के बाद यह खेल शुरू हो जाता है. सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और जेसीबी के माध्यम से रातों-रात लाखों रुपए कमाए जा रहे हैं.

अधिकारियों ने क्या कहा?

मामले पर जखनिया एसडीएम रवीश गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है. जखनिया तहसीलदार लाल जी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका मोबाइल नहीं रिसीव हुआ. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार तहसील कार्यालय जाकर इस मुद्दे की शिकायत की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

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