अररिया में यूरिया की किल्लत से किसानों में आक्रोशः काला बाजारी, 266 की यूरिया 400 में बिक रही

मिंटू राय संवाददाता अररिया

अररिया में यूरिया की भारी कमी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस साल जिले में लक्ष्य से करीब 4000 हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में धान की खेती की गई है। समय पर रोपाई के कारण फसल अच्छी तो लग रही है, लेकिन यूरिया की अनुपलब्धता से किसान परेशान हैं।

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स्थानीय किसानों का कहना है कि अधिकांश खाद की दुकानों में यूरिया उपलब्ध नहीं है। फारबिसगंज प्रखंड के किसान अशोक सम्राट, मोहम्मद रुस्तम, मोहम्मद जिब्रील और हाजी हनीफ ने बताया कि खाद के लिए उन्हें कई दुकानों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। मजबूरी में किसानों को 266 रुपये की यूरिया 350-400 रुपये तक में खरीदनी पड़ रही है।

खाद विक्रेताओं का कहना है कि उन्होंने 20 दिन पहले ही प्रखंड कृषि पदाधिकारी को मांग पत्र सौंपा था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे स्पष्ट है कि कृषि विभाग इस गंभीर मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखा रहा है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में निर्धारित 94 हजार हेक्टेयर धान की खेती के मुकाबले इस साल 98 हजार हेक्टेयर में खेती हुई है। शुक्रवार शाम तक थोक और खुदरा विक्रेताओं के पास यूरिया उपलब्ध कराने का दावा किया गया है। साथ ही, जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सभी खाद विक्रेताओं को समय पर खाद पहुंचाने का आदेश दिया गया है। मनमानी कीमत पर यूरिया बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया गया है हालात बिगड़ने पर किसानों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की गई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

जिले के कई प्रखंडों में यरिया की अनपलब्धता ने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। लहलहाती फसल के बर्बाद होने की आशंका के बीच, समय पर खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करना प्रशासन और विभाग की जिम्मेदारी है। अगर इस समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो इससे किसानों की आर्थिक स्थिति और कृषि उत्पादन पर गहरा असर पड़ेगा।

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