Noida – जेल से रिहा किसानों ने फिर भरी हुंकार, बोले- जीत के बाद ही लौटेंगे घर – #INA
Greater Noida News :
गौतमबुद्ध नगर में किसान आंदोलन से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दलित प्रेरणा स्थल पर धरना दे रहे लगभग 123 किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तार कर सभी को जेल भेज गया था। मंगलवार को जीरो पाइंट पर किसानों की महापंचायत हुई। किसानों ने सभी गिरफ्तार साथियों को छोड़ने की मांग की थी। शाम को पुलिस ने किसान नेता सुनील फौजी, रुपेश वर्मा, डॉक्टर विकास जतन प्रधान सहित गिरफ्तार किए गए सभी किसानों को रिहा कर दिया। अब किसान आगे की रणनीति बनाने में जुटे हैं।
यह है जेल से रिहा किसानों का कहना
जेल से रिहा किसानों का कहना है कि ‘घर वापस तब जाएंगे जब मसले हल हो जाएंगे। जीत कर ही घर वापस जाएंगे। जब तक जाएंगे नहीं जब तक हमारी समस्या हल नहीं होगी। हम पूरे दलबल के साथ हैं, जो जोश पहले था वह अभी भी है। कोई शर्त नहीं है बगैर शर्त रिहा किया गया है। आज धरना खत्म नहीं होगा’। किसानों में खुशी की लहर दिख रही है। सैंकड़ों किसान सड़कों पर उतर जीरो पाइंट पर जश्न मन रहे हैं। बताया जा रहा है कि किसान अब अफसरों से बातचीत शुरू कर सकते है। बातचीत अगर सकारात्मक रही तो देर शाम तक किसान आंदोलन समाप्त कर सकता है।
बैकफुट पर आई नोएडा पुलिस
मंगलवार को 123 किसानों के जेल भेजे जाने के बाद से ही नोएडा पुलिस को लेकर ग्रामीणों में गुस्सा था। देर शाम राकेश टिकैत के जीरो प्वाइंट पर पंचायत करने के ऐलान के बाद पुलिस के होश उड़ गए। बुधवार को टप्पल पुलिस ने राकेश टिकैत को को जीरो प्वाइंट पहुंचने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया। जबकि उनका बेटा गौरव टिकैत जीरो पाइंट पर पहुंच गए। जीरो प्वाइंट पर किसानों की भीड़ देखकर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। पुलिस अधिकारियों ने गौरव से बात करने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। गौरव ने कहा कि जेल भेजे गए किसानों की रिहाई के बाद ही बातचीत शुरू होगी। जिसके बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई। पुलिस ने कागजी कार्रवाई के बाद किसानों को जेल से रिहा कर दिया।
किसानों की मुख्य मांगें
- अधिग्रहित जमीन के बदले किसानों को ज़मीन वापस दी जाए।
- मुआवजे में 64.7% अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जाए।
- भूमि अधिग्रहण 2013 कानून के तहत लाभ दिए जाएं।
- भूमिहीन किसानों को आवासीय भूखंड और बेरोजगार युवाओं को कंपनियों में नौकरी दी जाए।
- स्थानीय स्कूलों और अस्पतालों में किसानों के परिवारों को प्राथमिकता दी जाए।
सरकार की उदासीनता और आंदोलन की वजह
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव से पहले किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। समिति में राजस्व परिषद के अध्यक्ष, मेरठ मंडल के कमिश्नर, और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी शामिल थे। हालांकि, इस समिति ने किसानों की मुख्य माँगों को खारिज कर दिया। इससे आक्रोशित होकर किसानों ने एक बार फिर आंदोलन शुरू किया।
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
Source link