यूपी- हेलिकॉप्टर से संतों पर होगी पुष्प वर्षा, प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर – INA
प्रयागराज के संगम तट पर जनवरी 2025 में आयोजित होने वाला महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है. योगी सरकार महाकुंभ 2025 को अभूतपूर्व और यादगार बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस बार के महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, स्वच्छता और सभी आवश्यक सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि यह धार्मिक आयोजन हर किसी के लिए एक शानदार और सुरक्षित अनुभव साबित हो सके. हाल ही में सरकार ने इसे प्रदेश का 76वां जिला घोषित किया है, जिसे “महाकुंभ मेला जनपद” के नाम से जाना जाएगा.
महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता को और भी बढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं पर आकाश से पुष्प वर्षा किए जाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है. योगी सरकार इससे पहले भी कई बार कुम्भ और माघ मेला जैसे बड़े बड़े धार्मिक आयोजनों में श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा कर चुकी है, और सरकार की योजना है कि महाकुंभ 2025 में भी यह परंपरा जारी रखनी जाए.
सभी घाटों पर पुष्प वर्षा की योजना
प्रयागराज मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कई धार्मिक आयोजनों के दौरान हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं, साधु-संतों और कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा की जाती रही है. महाकुंभ 2025 के दौरान भी इस परंपरा को जारी रखा जाएगा. इस बार संगम नोज के साथ-साथ अन्य प्रमुख घाटों पर भी पुष्प वर्षा की योजना बनाई जा रही है, क्योंकि महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक होगी. जल्द ही इस पर कार्ययोजना तैयार की जाएगी, ताकि सभी घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए यह अनुभव यादगार बन सके.
सनातन संस्कृति और आस्था का सम्मान
योगी सरकार के तहत उत्तर प्रदेश में श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा अब सनातन संस्कृति और आस्था को नमन करने का प्रतीक बन चुकी है. चाहे वह कुम्भ का पवित्र स्नान पर्व हो, माघ मेला हो या कांवड़ यात्रा, हर अवसर पर पुष्प वर्षा के माध्यम से आस्था का सम्मान किया जाता है. योगी आदित्यनाथ खुद कई बार हेलिकॉप्टर और मंचों से श्रद्धालुओं और कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा करके सनातन संस्कृति की महिमा बढ़ाते रहे हैं. 2021 के कुम्भ में भी मौनी अमावस्या के दिन संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने आए करोड़ों श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई थी. तब सोशल मीडिया पर #UPMePhoolVarsha हैशटैग भी काफी ट्रेंड हुआ था. महाकुंभ 2025 में इस परंपरा को और भी बड़े पैमाने पर आयोजित किए जाने की संभावना है, ताकि यह आयोजन और भी भव्य और यादगार बन सके.
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