पूर्व सीएमओ का जनपद व मुलाजिमों से नही हुआ मोहभंग

🔵पूर्व सीएमओ से मिलने के लिए कारखास  मुलाजिमों और दलालो का लगा रहा जमावड़ा 

🔴 चर्चा खूब है कि पूर्व सीएमओ पटारिया अपने कारखास मुलाजिम नंदलाल कुशवाहा का नवागत सीएमओ से बैठाने आये थे तालमेल

कुशीनगर। भ्रष्टाचार मे लबरेज व अवैध तरीके से धन अर्जित करने के बावजूद जिले मे अंगद की पांव की तरह जमे रहने के बाद सेवानिवृत्त हुए डाॅ. सुरेश पटारिया का कुशीनगर जनपद व मुलाजिमों से मोहभंग नही हुआ है। ऐसी चर्चा है कि सोमवार को पूर्व सीएमओ डाॅ.पटारिया सीएमओ कार्यालय आये हुए थे जहां उनसे मिलने उनके कारखास कहे जाने वाले बुद्धा हास्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा सहित तमाम दलालो का जमावड़ा लगा रहा। चर्चाओं के बाजार मे इस बात की चर्चा खूब हैकि पूर्व सीएमओ पटारिया अपने कारखास मुलाजिम नंदलाल कुशवाहा का नवागत सीएमओ से तालमेल बैठाने आये थे। ताकि बुद्धा हास्पिटल द्वारा आयुष्मान कार्ड पर कृष्णा नामक व्यक्ति के किये गये फर्जी आपरेशन  के प्रकरण की जांच कर रही टीम नंदलाल कुशवाहा के खिलाफ रिपोर्ट न करे। इन चर्चाओं मे कितनी सच्चाई है यह निष्पक्ष जांच का विषय है।

बतादे कि तत्कालीन सीएमओ डाॅ. सुरेश पटारिया कुशीनगर जिले मे तकरीबन साढे तीन साल तक अंगद की पाव तरह जमे रहे और यही पर सीएमओ के पद से रिटायर्ड हो गये। कहा जाता है कि कुशीनगर मे अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व सीएमओ डाॅ. सुरेश पटारिया जहा बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा के रहनुमा बने रहे वही अवैध तरीके से अकूत धन-संपत्ति अर्जित करने मे कही पीछे नही रहे। नतीजतन योगी सरकार के भ्रष्टाचार विरुद्ध अभियान की परखच्चे उडाते हुए बेखौफ अवैध धन अर्जित किया। बात चाहे अवैध हास्पिटल सील कर हास्पिटल खुलवाने के नाम पर लाखो रुपये वसूलने की हो या फिर रोक के बावजूद नियम विरुद्ध तरीके से स्वास्थ्य कर्मियों के स्थानांतरण के नाम पर अवैध वसूली हो या टेंडर व खरीदारी के नाम पर धन उगाही की बात हो। पूर्व सीएमओ ने अवैध तरीके से खूब धन कमाया। बताया जाता है कि पूर्व सीएमओ के इस अवैध कमाई मे बुद्धा हास्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा समेत विभाग के संविदाकर्मी और तमाम दलालो की भूमिका सक्रिय रहे। यही वजह है कि सोमवार को जब डाॅ. सरेश पटारिया जिले मे आये तो उनसे मिलने के लिए उनके मुलाजिमो का तांता लगा रहा।

🔴 जब तक रहे नंदलाल के हास्पिटल व  डायग्नोस्टिक सेन्टर का बने रहे संरक्षक

डाॅ. सुरेश पटारिया जब तक कुशीनगर जिले मे बतौर सीएमओ के पद पर रहे वह उन अवैध हास्पिटलो के खिलाफ अभियान चलाते रहे जो उन्हे समय समय पर बक्शीश नही देते थे। बताया जाता है कि सुरेश पटारिया पहले अवैध हास्पिटलो व डायग्नोस्टिक सेंटरो को सील करते थे और बाद मे मोटी रकम लेकर कुछ दिनो के बाद उन अवैध हास्पिटल व डाग्योनोस्टिक सेन्टर को खोलने की इजाजत दे देते थे। मजे की बात यह है कि लगातार शिकायत व घटना घटित होने के बाद भी डाॅ. सुरेश पटारिया न तो कभी बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च व कुमकुम डायग्नोस्टिक सेन्टर की जांच कर कार्रवाई की और न ही संचालक नंदलाल कुशवाहा खिलाफ। सबब यह है कि नंदलाल कुशवाहा पूर्व सीएमओ डाॅ. पटारिया के कारखास मुलाजिमो के लिस्ट मे शामिल रहे।

🔴नवागत सीएमओ से मुलाजिमो का तालमेल बैठाना तो मकसद नही

पूर्व सीएमओ डाॅ. सुरेश पटारिया 28 फरवरी को विदाई के बाद जब सोमवार को जिले मे आये तो उनके आगमन को लेकर जहा तरह तरह की चर्चाए शुरू हो गयी वही उनके आने का लोग निहितार्थ निकालने लगे। सूत्र बताते है कि डाॅ. सुरेश पटारिया, नवागत सीएमओ डाॅ.अनुपम प्रकाश भास्कर से अपने कारखास मुलाजिमो का तालमेल बैठाने आये थे इसमे बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा प्रमुख है। वजह यह है कि बुद्धा हास्पिटल द्वारा मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड पर दुदही विकास खण्ड के निवासी कृष्णा का कराये गये फर्जी आपरेशन के मामले मे चल रही जांच मे बुद्धा हास्पिटल व संचालक के खिलाफ कोई कार्रवाई न हो। सूत्रो के इस दावे मे कितनी सच्चाई है मीडिया इसकी पुष्टि नही करती है लेकिन निष्पक्ष जांच के बाद ही दूध का दूध और पानी का पानी स्पष्ट हो सकेगा। 

🔴 क्या है फर्जी आपरेशन का मामला

 जनपद के दुदही ब्लाक क्षेत्र के जिरात गांव के निवासी 48 वर्षीय कृष्णा पुत्र स्व. नरायण वर्मा के पेट मे दर्द महसूस होने पर वह पडरौना के सरकारी हास्पिटल के चिकित्सक के सलाह पर अल्ट्रासाउंड कराया था जहां पित्त की थैली में पथरी की शिकायत मिली थी, फिर उस सरकारी चिकित्सक के कहने पर ही कृष्णा बीते वर्ष जून माह के प्रथम सप्ताह में पडरौना नगर के छावनी के पडरौना-कसयारोड पर स्थित बुद्धा हॉस्पिटल मे ऑपरेशन करवाया था। आपरेशन आयुष्मान भारत योजना के कार्ड पर किया गया। बुद्धा हास्पिटल मे कृष्णा का आपरेशन डाॅ.अंशुमान पाण्डेय ने किया ऐसा बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा का कहना है। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार डाॅ. अंशुमान पाण्डेय ने तकरीबन बीस इंच पेट चीरकर कृष्णा का आपरेशन किया तो फिर कृष्णा के पेट से पित्त की थैली व पथरी को क्यो नही निकाला ?इसके पीछे चिकित्सक और हास्पिटल संचालक की मंशा क्या थी ? परिजनों को विश्वास में लेने के हास्पिटल प्रशासन ने क्यो फर्जी तरीके से कटोरे मे रखकर पित्त की थैली व पथरी दिखाया था ? बताया जाता है कि बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर द्वारा 8 जून-2024 को कृष्णा को डिस्चार्ज करने के बाद ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर अंशुमान पाण्डेय ने कुछ दिनों तक दवा चलाया। कृष्णा की माने तो कुछ दिनो के बाद फिर उसके पेट मे दर्द होने लगा जैसे ऑपरेशन के पूर्व हुआ करता था। फिर वह  दोबारा सरकारी हास्पिटल के उस डॉक्टर को दिखाकर अल्ट्रासाउंड कराया और रिपोर्ट देख डाक्टर सहित कृष्णा के होश उड़ गये। क्यो कि पित्त की थैली और पथरी जस के तस थी। 

🔴 कृष्णा का दोबारा कराया आपरेशन 

काबिलेतारीफ है कि बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के कारगुजारियों को जब युगान्धर टाइम्स सहित लखनऊ से प्रकाशित अन्य अखबारो ने एक्सपोज किया तो बुद्धा हास्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा ने तत्काल पीडित कृष्णा के परिजनों से संपर्क किया। सूत्र बताते है कि नंदलाल कुशवाहा ने कृष्णा के परिजनों को मोटी रकम का लालच देकर आनन-फानन में कृष्णा का दुसरे जगह आपरेशन करा दिया जिसे बीते गुरुवार को हास्पिटल द्वारा डिस्चार्ज किया गया है। सूत्र बताते है कि दोबारा आपरेशन से पहले कृष्णा के परिजनों को जहां लाखो रुपये देने की बात कही गयी थी वही आपरेशन के बाद संचालक ने बीस हजार रुपये देकर पल्ला झाड़ लिया। इस बात मे कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है। लेकिन इससे यह तो साबित हो गया है कि पीडित कृष्णा ने बुद्धा हास्पिटल पर जो आरोप लगाया था वह पूर्णतः सत्य है।

🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य 

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