भारत-नेपाल सांस्कृतिक महोत्सव में दिखी साझा विरासत की झलक

काठमांडू। नेपाल में भारतीय दूतावास ने लुम्बिनी विकास ट्रस्ट और लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के सहयोग से रविवार को लुम्बिनी में भारत-नेपाल सांस्कृतिक महोत्सव के दूसरे संस्करण का आयोजन किया। इस महोत्सव में भारत और नेपाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं की झलक देखने को मिली।

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इस दौरान विशेष तौर पर बौद्ध धर्म से जुड़ी कई प्रस्तुति पेश की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास में मिशन के उप प्रमुख प्रसन्ना श्रीवास्तव ने लुम्बिनी प्रांत के राज्यपाल कृष्ण बहादुर घरती मगर, उद्योग, पर्यटन और परिवहन प्रबंधन मंत्री प्रचंड बिक्रम नेपाने और सामाजिक विकास मंत्री जन्मेजय तिमिलसिना के साथ संयुक्त रूप से किया।

भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में भारत और नेपाल के प्रसिद्ध कलाकारों ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बौद्ध धर्म पर आधारित कथक नृत्य था, जिसे शिखा शर्मा के नेतृत्व में भारत के आठ सदस्यीय दल ने प्रस्तुत किया। इसमें भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), नई दिल्ली का भी सहयोग रहा। शाम को स्वोजन रघुवंशी और उनके समूह द्वारा पारंपरिक नेपाली नृत्य भी पेश किए गए।

बयान में कहा गया इस महोत्सव के एक हिस्से के रूप में रविवार की सुबह लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय में ‘भारत और नेपाल की बौद्ध सांस्कृतिक विरासत’ शीर्षक से एक शैक्षणिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में भारत और नेपाल के प्रख्यात बौद्ध विद्वान एकत्रित हुए, जिन्होंने दोनों देशों में बौद्ध विरासत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व पर अपने बहुमूल्य विचार साझा किए। इसके बाद भारतीय कथक नृत्य मंडली काठमांडू और पोखरा में भी प्रस्तुति देगी।

इस सांस्कृतिक महोत्सव का उद्देश्य हमारी सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाकर भारत और नेपाल के बीच सदियों पुराने, अनूठे और घनिष्ठ संबंधों को मजबूत करना है और साथ ही लोगों के बीच संबंधों को और बढ़ावा देना है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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