यूपी- UP वालों के लिए खुशखबरी… बिजली की बकायादारों को ऐसी मिलेगी छूट – INA

उत्तर प्रदेश में बिजली बिल में एकमुश्त समाधान योजना रविवार, 15 दिसंबर से लागू होने जा रही है. इस योजना से उन उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत मिल सकेगी, जिनके पुराने बिल ज्यादा हो गए हैं. बकायेदार उपभोक्ताओं के लिए कल से एकमुश्त समाधान योजना लागू हो रही है. 15 दिसंबर से लेकर 31 जनवरी तक एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) का फायदा उठाया जा सकता है.

ओटीएस के तहत जिन उपभोक्ताओं का मूल बकाया सितंबर 2024 तक 5,000 रुपये या उससे कम है और वो एकमुश्त भुगतान करते हैं. उन्हें सरचार्ज में 100 प्रतिशत छूट मिलेगी. किस्तों में भुगतान पर सरचार्ज में 75 प्रतिशत की छूट का लाभ दिया जाएगा. योजना का पहला चरण 15 दिसंबर से 31 दिसंबर तक टोटल 16 दिन, दूसरा चरण 01 जनवरी से 15 जनवरी तक टोटल 15 दिन, तीसरा चरण 16 जनवरी से 31 जनवरी तक कुल 16 दिन चलेगा. योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा.

किस्तों में भी पेमेंट का ऑप्शन

रजिस्ट्रेशन के समय 30 सितंबर, 2024 तक के बिजली के बिलों के मूल बकाए के 30 प्रतिशत पैसे जमा करने जरूरी होंगे लेकिन उपभोक्ताओं को 30 सितंबर, 2024 तक के बकाया बिजली बिलों के सरचार्ज में छूट मिलेगी. उपभोक्ताओं को एकमुश्त भुगतान के साथ किस्तों में भी पेमेंट का ऑप्शन मिलेगा. उपभोक्ताओं को 31 दिसंबर, 2024 तक योजना के पहले चरण में अपने बकाया बिलों का एकमुश्त भुगतान करने पर उनके सरचार्ज में ज्यादा छूट मिलेगी.

बकाया भुगतान अधिभार पर छूठ

एक किलोवाट भार तक के घरेलू उपभोक्ताओं को योजना के पहले चरण में देर किए गए बिलों के एकमुश्त भुगतान करने पर उनके सरचार्ज में शत-प्रतिशत छूट का लाभ मिलेगा. किसानों को उनकी प्राइवेट ट्यूब वेल में 31 मार्च, 2023 तक के उनके बकाए बिजली बिलों के बकाया भुगतान अधिभार यानी किसी बिल की तय तारीख से जमा न करने और देरी होने पर लगाए जाने वाले चार्ज में छूट का लाभ मिलेगा. योजना में पहले चरण में एकमुश्त भुगतान करने पर उपभोक्ताओं को शत-प्रतिशत तक की छूट मिलेगी.

पहले रजिस्ट्रेशन, सबसे ज्यादा लाभ

छूट की दर चरणों के मुताबिक घटती जाएगी, जिससे पहले रजिस्ट्रेशन कराने वाले उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा. इसके बाद उपभोक्ता अपने बकाया बिल का भुगतान एकमुश्त या किस्तों में कर सकते हैं. बकाया भुगतान अधिभार(OPS) में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एकमुश्त भुगतान पर पहले चरण में 100 प्रतिशत छूट, दूसरे चरण में 80 प्रतिशत, और तीसरे चरण में 70 प्रतिशत छूट दी जाएगी. किश्तों में भुगतान पर पहले चरण में 75 प्रतिशत, 65 प्रतिशत और 55 प्रतिशत बकाया भुगतान अधिभार होगी. वाणिज्यिक, औद्योगिक, और निजी संस्थानों के लिए यह छूट 60 प्रतिशत, 50 प्रतिशत, और 40 प्रतिशत होगी.


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