National-दिल्ली आने-जाने वालों के लिए गुड न्यूज…अब जाम से मिलेगी आजादी! हटेंगे टोल बूथ, जानें सरकार का क्या है प्लान – #INA

दिल्ली से रोजाना सफर करने वाले लोगों को जल्द ही लंबे जाम और टोल टैक्स से राहत मिल सकती है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और सड़क परिवहन मंत्रालय मिलकर कुछ अहम बदलाव करने की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार टोल कलेक्शन पॉइंट्स को हटाने या ट्रांसफर करने की योजना बना रही है। साथ ही, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान (ANPR) तकनीक का इस्तेमाल करके गैंट्री-आधारित टोल सिस्टम भी लागू करने की योजना बना रही है। इससे वाहन बिना रुके टोल पार कर सकेंगे और ट्रैफिक जाम कम होगा।
इसके अलावा, सरकार इन्वार्मेंटल कंसेशन फीस (ECC) से जुड़े नियमों में बदलाव लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की भी तैयारी कर रही है। ECC टैक्स को दिल्ली की सीमा पर ट्रैफिक बढ़ने की एक बड़ी वजह माना जाता है। फिलहाल, दिल्ली में प्रवेश करने के लिए या तो टोल शुल्क चुकाना पड़ता है —जो टैक्सी यात्रियों के लिए 100 रुपये है—या फिर लंबी कतारों में समय बर्बाद करना पड़ता है। खासतौर पर दिल्ली-गुड़गांव (NH48) और दिल्ली-गाजियाबाद-नोएडा (NH9) जैसे व्यस्त मार्गों पर यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
सरकार क्या कदम उठाने जा रही है?
ट्रैफिक को बिना रूके चलने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने दिल्ली नगर निगम (MCD) को टोल बूथों को मुख्य सड़क से हटाने का निर्देश देने की योजना बनाई है। इससे सड़क पर जाम कम होगा और वाहन तेजी से गुजर सकेंगे। इसके अलावा, सड़क परिवहन मंत्रालय और हरियाणा सरकार, सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की तैयारी में हैं। वे चाहते हैं कि 2015 के कोर्ट आदेश में बदलाव हो, जिससे कॉमर्शियल वाहनों से लिया जाने वाला इन्वार्मेंटल कंसेशन फीस (ECC) नए नियमों के तहत लागू किया जा सके।
यात्रियों को क्या फायदा होगा?
- टोल पर लगने वाली लंबी कतारों से राहत मिलेगी।
- दिल्ली आने-जाने में समय की बचत होगी।
- सड़क पर ट्रैफिक जाम कम होगा।
ECC से ट्रैफिक जाम क्यों होता है?
इन्वार्मेंटल कंसेशन फीस (ECC) दिल्ली में प्रवेश करने वाले बड़े वाहनों पर लगाया जाता है। यह गुड़गांव (सिरहौल), गाजीपुर (NH9), बदरपुर (NH19), टिकरी (NH10) और कुंडली (N44) जैसे प्रमुख सीमा बिंदुओं पर लिया जाता है। इन टोल पॉइंट्स पर भुगतान प्रक्रिया के कारण भारी ट्रैफिक जाम लग जाता है, जिससे बाकी सड़क उपयोगकर्ताओं को भी देरी का सामना करना पड़ता है। ECC को शुरू में दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए लागू किया गया था, जिससे दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम जैसी सार्वजनिक परिवहन परियोजनाओं के लिए फंडिंग हो सके। लेकिन अब, जब पूर्वी और पश्चिमी एक्सप्रेसवे चालू हो गए हैं और भारी ट्रक इन मार्गों पर डायवर्ट किए जा रहे हैं, तो ECC नियमों में बदलाव की मांग उठ रही है।
ANPR तकनीक कैसे फायदेमंद होगी?
हाल ही में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार के अधिकारियों की एक बैठक हुई, जिसमें ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन) तकनीक से टोल वसूली की संभावना पर चर्चा हुई। इस तकनीक में ओवरहेड कैमरे लगाए जाते हैं, जो वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर उन्हें पहचानते हैं और टोल शुल्क सीधे FASTag खाते से कट जाता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि भौतिक टोल बूथों की जरूरत खत्म हो जाएगी, जिससे टोल पर रुकने की वजह से लगने वाला जाम नहीं होगा और दिल्ली में एंट्री पहले से तेज़ हो जाएगी।
क्या बदलाव जरूरी हैं?
ANPR सिस्टम को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए NHAI और MCD को अपने टोल सिस्टम को आपस में जोड़ना होगा। अभी MCD नंबर प्लेटों की मैन्युअल स्कैनिंग करती है, जिससे देरी होती है। जब दोनों सिस्टम एक साथ काम करेंगे, तो टैक्सियों और अन्य वाहनों को टोल बूथों पर रुकने की जरूरत नहीं होगी, जिससे दिल्ली की सीमाओं पर जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
दिल्ली आने-जाने वालों के लिए गुड न्यूज…अब जाम से मिलेगी आजादी! हटेंगे टोल बूथ, जानें सरकार का क्या है प्लान
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