हरियाणा पुलिस ने लापता युवक को परिवार से मिलवाया:6 वर्ष की उम्र से गायब, 17 साल बाद बेटे को पाकर परिजन भावुक- INA NEWS

हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने 17 साल से लापता एक युवक को उसके परिवार से मिलवाया है। युवक 6 साल की उम्र में घर से टॉफी लेने निकला था। कापसहेड़ा थाने में युवक की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जिसके आधार पर पुलिस ने युवक को परिजनों को सौंप दिया। आरिफ खान नाम का युवक 2008 में दिल्ली के कापसहेड़ा इलाके से लापता हुआ था। तब उसकी उम्र महज 6 साल थी। लापता होने के बाद आरिफ को गुरुग्राम जिले में लावारिस हालत में पाया गया। उसे बाल संरक्षण संस्था बालग्राम राई में भेज दिया गया। बीए फाइनल ईयर में है युवक वहां रहकर आरिफ ने आईटीआई की पढ़ाई पूरी की। वर्तमान में वह बीए अंतिम वर्ष का छात्र है। आरिफ को अपने घर या परिवार के बारे में कुछ याद नहीं था। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर जांच शुरू की। दिल्ली के संगम विहार में मिला परिवार पुलिस को पता चला कि 12 जून 2008 को कापसहेड़ा थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। कई स्थानों पर खोजबीन के बाद टीम को आरिफ के परिजन दिल्ली के संगम विहार में मिले। अब 23 साल के आरिफ को उसके परिवार से मिलवा दिया गया है। इस सफलता पर हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम को बधाई दी। उन्होंने टीम को इसी तरह संवेदनशीलता के साथ काम करते रहने के लिए प्रेरित किया। ऐसे हुआ था युवक गायब आरिफ खान छह साल की उम्र में घर से टॉफी लेने निकला था और उसके बाद लौटकर नहीं आया। काफी तलाश करने के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिल सका था। 17 साल बाद 24 मार्च 2025 को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ममता सिंह की उपस्थिति में आरिफ को उसके परिजनों से मिलवाया गया। बेटे को पाकर आरिफ के माता-पिता भावुक हो गए। परिजनों ने जताया हरियाणा पुलिस का आभार आरिफ के परिजनों ने 17 साल बाद अपने बेटे को वापस पाकर हरियाणा पुलिस का आभार जताया। इस मौके पर एडीजीपी ममता सिंह ने सभी परिजनों को संदेश दिया कि वे अपने बच्चों का आधार कार्ड अवश्य बनवाएं और समय-समय पर इसे अपडेट करवाते रहें, ताकि इस तरह की घटनाओं में बच्चों की पहचान आसानी से हो सके। ऐसे हुई युवक की पहचान
आरिफ के पिता एहसान ने बताया कि टीम ने आरिफ के परिजनों से संपर्क किया और वीडियो कॉल के माध्यम से उसकी पहचान करवाई गई। आरिफ की मां ने उसके माथे पर चोट के निशान का जिक्र किया, जो सही साबित हुआ।
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