सेहत – मौसम के अनुसार भोजन, दिसंबर में सम्मिलित से बाहर कर 5 खाद्य पदार्थ, आपकी सेहत का संकेत हो सकता है

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स्वास्थ्य युक्तियाँ. नवंबर-दिसंबर में ठंड की आतिशबाजी के साथ ही बीमारियां भी बिन बुलाए ही आना शुरू हो जाती हैं। आजकल सुबह शाम को रेलवे स्टेशन पर टेंपरेचर नीचे दिया जाता है और इसका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इसलिए ठंड के मौसम में गर्म कपड़ों के साथ-साथ खान-पान और लाइफस्टाइल पर भी खास ध्यान रखना जरूरी है। ठंड की शुरुआत में कुछ खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए। क्योंकि इस महीने संक्रमण और ठंड से जुड़े होते हैं.

दिसंबर महीने में तेजी से गिरावट के कारण हमारा इम्युनिटी सिस्टम फ़्लोरिडा हो सकता है, और इसका असर डीएलएम पर भी पड़ता है। ऐसे में अगर सही सामान को फॉलो न किया जाए तो ठंड, खांसी, फ्लू जैसे कई स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव पड़ सकते हैं।

प्याज का सेवन
भारतीय घरों में सबसे ज्यादा प्याज का इस्तेमाल किया जाता है। इससे स्वास्थ्य को भी कई फायदे मिलते हैं, लेकिन ठंड में अपेक्षाकृत कम स्थिर या पूरी तरह से जिम्मेदार होना चाहिए। इसके कारण खाने से अपच, एसिडिटी और अन्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। यह काफी नुकसानदायक सिद्ध होता है।

अन्वेषित तासीर वाले फल और सिद्धांत
अनमोल दिनों में अनमोल तासीर वाली फूल और खेड़ा, तरबूज, पालक जैसे फूलों को कम खाने का मजा लें। इनमें से अधिक सेवन से शरीर में टेन्सी कापरेचर लो होता है, जिससे मोटापा-खांसी, गले में खराश जैसी समस्या हो सकती है। इस सीज़न में केवल ठंडा ही नहीं कच्चा खाना भी खाने से बचाया गया। ये पेट से जुड़े पोर्टफोलियो को बढ़ावा देने का काम करते हैं। ठंडे मौसम में गाजर, अदरक मेथी जैसे गर्म तासीर वाले भोजन को आहार में शामिल करने से मौसमी बीमारियाँ दूर होती हैं।

फार्मास्युटिकल उत्पादों का सेवन करने से परहेज
ठंड के दिनों में ब्रांडेड उत्पादों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए क्योंकि इससे घरघराहट और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। कोल्ड कोल्ड कोल्ड कोल्ड कोल्ड कोल्ड कोल्ड कोल्ड कोल्ड कोल्ड कोल्ड लेबल उत्पादों जैसे लॉजी और शेक को बाकी हिस्सों से निकाला जाता है। जो लोग खांसी और खांसी की समस्या से परेशान हैं उन्हें दही और छाछ के सेवन से भी बचना चाहिए। यही नहीं कॉलेज, कोल्ड ड्रिंक और फ़्रिज़ में रखा गया ठंडा पानी भी न पिएं। इससे सभी छाती और गले ठंडे हो सकते हैं, जिससे संक्रमण, गले में खराश की समस्या हो सकती है। वहीं, अमेरीकी सिस्टम भी ख़राब होता है, इसके कारण से कोलेजन सिस्टम भी जल्दी से ख़राब हो सकता है।

रेस्तरां और रेस्तरां
ओरिएंटल के सीज़न में प्रोसैस्ड फूड प्रोडक्ट्स के खाने से बचने की सलाह दी जाती है। इससे एलर्जी हो सकती है और किसी विशेषज्ञ को भी इसकी सलाह नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उच्च शर्करा होती है, जिससे शरीर में सफेद लाल कोशिकाओं की क्षमता कमजोर हो सकती है। खाद्य पदार्थ, फ्रोज़न और खाद्य पदार्थ जैसे खाद्य पदार्थों में आर्टिफिशियल फ्लेवर प्रिजर्वेटिव्स अधिक होते हैं, जो हमारे शरीर में सूजन और पानी की कमी के कारण बन सकते हैं।

नॉनवेज खाने से बचें
इन सभी में नीग्रो के साथ-साथ नॉनवेज जैसी हैवी का सेवन भी जरूरी है। यह धीमा हो सकता है, जिसके कारण कमजोरी, थकान और सुस्ती महसूस हो सकती है और आपका वजन भी तेजी से बढ़ सकता है। विशेष रूप से पूर्वी एशिया में रेड मीट और हाई फ़ीट वाले मीट का सेवन एकदम बंद कर दें। इनमें से अधिक प्रोटीन होने की वजह से गले में म्यूकस के निर्माण का खतरा रहता है।


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