सेहत – सुंदर बना हुआ पेड़! इसका आकर्षण, ताने और फूल में है जबरदस्त खजाना
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बलिया: धरती पर एक से बढ़कर एक औषधियाँ हैं। इनमें से उपयोग की गई सही जानकारी न होने से लोग सीखे हुए से अनन्य रहते हैं। कुछ ऐसी ही दवाइयों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिनके फायदे हैरान करने वाले हैं। लगभग हर जगह मिलने वाले औषधीय गुणों से भरपूर ये पेड़-पौधे लोगों के लिए किसी औषधि के जादू से कम नहीं हैं। तो आज बात कर रहे हैं कचनार के अध्ययन के बारे में. यह शरीर को सुन्दर बनाने के लिए उपयोगी माना जाता है। इसके अलावा कई अन्य उत्पाद भी मौजूद हैं।
शांति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज बांस बांस रोड मंझौली बलिया के अध्यक्ष डॉ. आरवीएन पांडे ने कहा कि यह एक विशेष औषधि है जो घावों को ठीक करने के लिए फायदेमंद है। यह दवा आर्किटेक्चरल से प्राकृतिक शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोगी उपयोगिता प्रदान करती है। इसका प्रयोग लोग इसी के साथ त्वचा पर करते हैं। इससे कोई खास निखार नहीं आता बल्कि खूबसूरती भी बढ़ती है।
सिर दर्द: लाल कचनार की मूर्ति को पीसकर पेस्ट बनाएं और इसे गोंद पर लगाएं। इससे सिर दर्द से छुटकारा मिलता है।
दांत दर्द: कचनार की मछली तने को दागे राख से दांतों पर मंजन करें। इससे दांत का दर्द ख़त्म हो जाता है।
चाले से उपकरण: कचनार के पेड़ के छात्रों और अनार के फूलों का मार्गदर्शन करने से मुंह के छात्रों को आराम मिलता है।
खांसी से बचाव: लाल कचनार के फूल का काढ़ा 20 मिली मात्रा में पीने से खांसी में काफी राहत मिलती है।
साफ़ ख़ून: ख़ून साफ़ करने के लिए यह बाज़ार में मिलने वाली कई औषधियों से भी बेहतर मंज़ूरी देती है। इसके फूल या फूल के काढ़े को ठंडा करके शहद के साथ दो बार सेवन करने से खून साफ हो जाता है।
पाचन तंत्र: लाल कचनार के एंटीऑक्सीडेंट का काढ़ा दिन में दो बार सेवन करने से पाचन तंत्र विकार ठीक होने के साथ-साथ मजबूत भी होता है।
फोड़ा-फूंसी: इसके जड़ो को चावलों के धोड़े हुए पानी के साथ पीसकर घाव पर लगाने से फोड़े जल्दी पक जाते हैं। घाव पर उसके शिष्यों को पीसकर बैठाने से बेहतर लाभ देखने को मिलते हैं।
अन्य लाभ: यह पेट के कीड़े, गैस, कब्जियत, बवासीर, पीलिया, ल्यूकोरिया, नाक कान से खून आना, मूत्र में खून आना, ट्यूमर आदि कई बीमारियों में बेहद और गुणकारी है।
पहले प्रकाशित : 5 दिसंबर, 2024, 15:28 IST
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