सेहत – ओरियल का सुपरफूड है देसी गुड़ का एक टुकड़ा, स्वाद और सेहत का है खजाना, रोजाना खाने से मिलेंगे ये लाजवाब फायदे
विवरण: असली में गुड़ का सेवन बड़े पैमाने पर किया जाता है। क्योंकि लोगों का मानना है कि गुड़ की तासीर गर्म होती है, जो हमारे शरीर को गर्म और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है। इसके अलावा, गुड़ में प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल, मैग्नेशियम, पोटेशियम, आयरन, कैल्शियम जैसे कई गुण और विटामिन पाए जाते हैं, जो इसे स्वास्थ्य के लिए बेहद आकर्षक बनाते हैं। पाचन तंत्र को मजबूत करने और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी गुड़ का अहम योगदान होता है।
यहां पर गुड़ की गुड़ की तैयारी होती है
वहीं, बाजार में आपको कई तरह के गुड़ मिलते हैं, लेकिन लैपटॉप की नगर पंचायत दढि़याल में तैयार करने वाला गुड़ अपने के लिए प्रसिद्ध है। यह गुड़ बिना किसी उत्पाद के तैयार किया जाता है और इसके स्वाद और गुणवत्ता का कोई मुकाबला नहीं है।
12 कुंतल जमीन से बना है इतना गुड़
यहां के कोल्हू से निकला गुड़ बिहार, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कई मूर्तियों में चोरी हो जाता है। दढि़याल में कुल 20 कोल्हू पर गुड़ बनता है और एक कोल्हू पर करीब 50 लोग काम करते हैं। कोल्हू के मालिक ने बताया कि वे पिछले 57 वर्षों से इस पारंपरिक तरीके से गुड़ बना रहे हैं। उनका कहना है कि करीब 12 कुंतल से लेकर 70 किलो गुड़ तैयार हो चुका है।
जानें गुड़ बनाने की प्रक्रिया
गुड़ बनाने की प्रक्रिया में फ्रैंचाइज़ी का रस निकाला जाता है, उसके बाद उसे थ्री वैली स्पेशल बोतली में फिल्टर कर के थोककर निकाला जाता है। इस दिए गए तरल को फिर से गरम-गरम चाक में डाला जाता है, ताकि उसे भेली का आकार दिया जा सके। एक बार गुड़ बनाने में लगभग 2 घंटे की मेहनत लगती है.
यहां जानें गुड़ की कीमत
प्रारूप में तैयार होने वाला यह शुद्ध देशी गुण 30 से 32 रुपये प्रति किलो के खाते से दर्ज किया जाता है। इसके निर्माण की पूरी प्रक्रिया में न तो किसी प्रकार का उत्पाद होता है, न ही किसी रसायन का उपयोग होता है। यही कारण है कि यहां के गुड़ बाजार में अपने गोदाम और गुणवत्ता के बारे में जाना जाता है।
जंगल के लिए रामबाण है ये गुड़
यूरोप में इसे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है। यह न केवल स्वाद में लाजवाब होता है। बल्कि इसके सेवन से शरीर को गर्मी मिलती है और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। इस प्रकार का गुड़ न केवल खाने में स्वादिष्ट है, बल्कि यह हमारे शरीर के लिए एक प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प भी है।
पहले प्रकाशित : 2 दिसंबर, 2024, 16:04 IST
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