सेहत – ठंड में बीपी के मरीज हो जाएं सावधान, तेज हुआ इस मौसमी बीमारी का प्रकोप, 1 महीने में अस्पताल आए 200 मरीज

संस्था: दिसंबर माह शुरू होने के साथ ही गुलाबी ठंड भी पड़ने लगी है। ठंड शुरू होने के बाद मंडलीय अस्पतालों में सांस और हृदय रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है। डूबे हुए और पिछड़े में कई रोगी पहुँच रहे हैं। ठंड के मौसम में बिजली के साथ ही अचानक से ब्लड बढ़ने से संकट की समस्या हो रही है।
यही वजह है कि 2 महीने में 100 से ज्यादा हार्ट और सांस के मरीज मंडलीय अस्पताल में पहुंच गए हैं। हालाँकि सभी मरीज़ ठीक होकर वापस घर लौट आये। चिकित्सकों ने शल्य चिकित्सा भंडार के साथ ही खान-पान ध्यान रखने की सलाह दी है।
मंडलीय अस्पताल के फ़िज़िशियन डॉ. सुनील सिंह ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि ठंड में ब्रेन हैमरेज, हार्ट अटैक और कोल्ड डायरिया के रोगी सबसे ज्यादा आते हैं। अगर बुजुर्ग हैं तो अपना विशेष प्रोविजनल पोस्ट। ठंड न लगना. जो भी दिमाग के मरीज हैं या दिल के मरीज हैं. वह अपनी दवा प्रतिदिन समय पर लें। बबीता के छात्र पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अगर सावधानी नहीं बरतेंगे तो बीमार पड़ सकते हैं।
इन बातों का ध्यान
डॉ. सुनील सिंह ने बताया कि घर से बाहर की सैर से पहले अच्छे-अच्छे सामानों को बाहर निकाला गया था। कोल्ड डायरिया के शिकार हो जाते हैं। इसलिए खाना खाने के साथ ही भरपेट पानी पिएं. उसके बाद ही कहीं पर.. छोटे बच्चों के माता-पिता की ठंड में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी बढ़ती है। बच्चों को निमोनिया से उबरने के लिए नॉच व जैकेट हमेशा पहनते रहते हैं। तनिक भी भारी पड़ सकता है।
समस्या होने पर उपचार
उन्होंने बताया कि ठंड में बुजुर्ग बच्चों को बहुत परेशानी होती है। यदि सबसे अधिक समस्या हो रही है तो विद्युतीय स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। हृदय और सांसारिक के रिश्तों को समस्या हो तो प्राथमिक उपचार लेकर आपरेशन सेंटर में इलाज के लिए खतरा हो सकता है। ठंड बढ़ने से दिल और दिमाग में अचानक से हेमरेज हो जाता है, जिससे बचने की संभावना भी कम रहती है।
पहले प्रकाशित : 7 दिसंबर, 2024, 06:18 IST
Source link