सेहत – समुद्र में नहाते समय ना करें यह गलती, जा सकता है जान; ठंड में ज्यादातर लोगों को हार्ट अटैक ही आता है
शीतकालीन स्नान युक्तियाँ: मध्य प्रदेश सहित पूरे विश्व में लोगों को दिल का दौरा पड़ना या ट्यूमर ब्रेन जैसी समस्याओं में तेजी से गिरावट हो रही है। इसके पीछे तनाव, नींद पूरी न होना या सही खान-पान न होना जैसे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सही तरीकों से नहाना भी एक बड़ा कारण हो सकता है। जी हां, कई रिपोर्ट्स में सामने आया है कि, समुद्र के मौसम में गलत तरीके से नहाने से भी हार्ट अटैक या ब्रेन ट्यूमर की समस्या हो सकती है। तो फिर संस्थान का सही तरीका क्या होना चाहिए? हमारे दोस्त से जानते हैं.
खरगों के स्पोर्ट्स ऑटोमोबाइल एवं फिटनेस तकनीशियन डॉ. डेमोक्रेट सिंह ने लोक 18 को बताया कि, समुद्र के मौसम में स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। साथ ही संस्थान की प्रक्रिया भी उचित होनी चाहिए। क्योंकि, ज्यादातर लोगों को हार्ट अटैक से बचने का समय ही मिलता है। इसलिए जरूरी है कि, पहले खुद को मानसिक रूप से तैयार करें, संस्थान के पहले शरीर की मालिश करें। इससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है।
संस्था से पहले मालिश जरूरी
डॉ. पादरी सिंह के शिष्य हैं कि, समुद्र तट पर एक घंटे पहले जैतून के तेल से पूरे शरीर की मालिश करें। इसमें यह भी ध्यान दें कि नीचे से ऊपर की ओर मालिश करना है। यानी दिल की ओर से यात्रा शुरू हो गई है। यह बेहतर होगा कि नीचे दिए गए मग से नहाएं। बारिश का उपयोग न करें. आरंभिक रूप से छात्रावास की शुरुआत से करें। कभी भी सिर पर पहले पानी नहीं डालें. इससे शरीर पर असर पड़ता है जिससे शरीर को नुकसान हो सकता है।
व्यावसायिक संस्थान की सही प्रक्रिया
पैरो को धोने के बाद कमर के नीचे वाले हिस्सों पर पानी डालें। फिर अपने दाहिने कंधे पर फिर बाएं कंधे पर पानी डालें और संस्थान की शुरुआत करें। आखिरी बार सिर पर पानी डाला गया। इस प्रक्रिया का प्रशिक्षण तो मूल रूप से होने वाले लक्ष्य और चुनौती से बचेंगे। क्योंकि, बॉडी इन एक्टिविटी बनी रहती है और जब सिर पर अचानक पानी गिरता है तो शरीर का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। जिससे रक्त वाहिनियां (धामनियां) का दौरा पड़ता है और रक्त का प्रवाह बाधित होता है, जिससे हृदयघात की संभावना बढ़ जाती है और जान भी जा सकती है।
पहले प्रकाशित : 3 दिसंबर, 2024, 14:48 IST
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