सेहत – छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता है… नहीं, होने वाली हैं ये बीमारियाँ, रहें सावधान!
गुस्सा हर इंसान की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है, लेकिन जब यह गंभीर हो जाता है तो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। गंभीर क्रोध से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, ब्रेन हेमरेज़, स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी गंभीर क्षति हो सकती है। इसलिए इसके नुकसान की रोकथाम और इसे नियंत्रित करना अत्यंत आवश्यक है।
हार्मोन्स की भूमिका
डॉ. श्यामल कुमार बिस्वास के अनुसार, एड्रेनालाईन में अचानक से तनाव हार्मोन तेजी से जारी होते हैं। ये हार्मोन रक्त वाहिकाओं को व्यवस्थित कर देते हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। इसके परिणामस्वरूप सांसें तेज हो जाती हैं और रक्तचाप बढ़ जाता है, जो हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
प्लेट प्लेट और टूटे हुए का संबंध
वेगेरियस एंजली प्लेटलैस की जमने की प्रक्रिया भी प्रभावित करती है। तनाव की स्थिति में प्लेट प्लेट रक्त वाहिकाओं में जमा हो जाते हैं, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। यह स्थिति अत्यंत खतरनाक सिद्ध हो सकती है।
असंतुलित का इम्मेरिक सिस्टम पर असर
लगातार गुस्सा करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। इससे तंत्रिकाओं पर तनाव बढ़ जाता है और रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है। परिणाम स्वरूप, इम्मयॉम सिस्टम फ़्लोरिडा हो जाता है और व्यक्तिगत सुरक्षा की पेशकश आसानी से की जा सकती है।
व्यवहार और रिश्ते पर क्रोध का प्रभाव
असंतुलित का प्रभाव केवल शरीर पर ही नहीं, बल्कि व्यक्ति के व्यवहार और उसके रिश्ते पर भी पड़ता है। क्रोधित क्रोध के कारण व्यक्तिगत ध्यान केन्द्रित नहीं किया जाता है और न ही उनके विद्वानों के साथ व्यवहार किया जाता है। बहस, रिश्ते, रिश्ते में कड़वाहट बढ़ जाती है, जिससे रिश्ता खत्म हो जाता है।
असमंजस को नियंत्रित करने के उपाय
तनाव को कम करने और तनाव से बचने के लिए ध्यान, योग या चिकित्सा कर सकते हैं। दोस्तों और परिवार को समय का साथ भी मानसिक शांति देता है। यदि गुस्सा नियंत्रण में नहीं आता है तो किसी पेशेवर की मदद से बेहतर विकल्प लिया जा सकता है।
पहले प्रकाशित : 5 दिसंबर, 2024, 13:12 IST
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