सेहत – कलौंजी के स्वास्थ्य लाभ गैस अपच से राहत दिलाते हैं और पेट दर्द से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है
अजमेर. हमारे किचन में कई ऐसे मौलिक अवशेष हैं, जो औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। लेकिन लोगों के पास इसकी जानकारी नहीं रहती है. कलौंजी भी इसी श्रेणी में आता है. कलौंजी का उपयोग मुख्य रूप से भारतीय शैली में किया जाता है। इसे ब्लैक सीड्स के नाम से भी जाना जाता है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण औषध एवं औषध बीज है। कलौंजी का उपयोग आयुर्वेद, यूनानी चिकित्सा और पाक शास्त्र में किया जाता रहा है।
कलौंजी के औषधीय गुण
कलौंजी को आयुर्वेद और इस्लामिक चिकित्सा में हर मर्ज की औषधि माना जाता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटी-सैंसिडिटी गुण होते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। इसका तेल बालों के झड़ने, डैंड्रफ और त्वचा की समस्याओं में होता है। कलौंजी का नियमित सेवन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को सुधारता है और गैस, अपच और पेट दर्द से राहत देता है। यह शेयरधारकों को नियंत्रित करके हृदय को स्वस्थ रखता है।
कलौंजी का धार्मिक महत्व
हिंदू संस्कृति में कलौंजी का उपयोग पूजा सामग्री के रूप में किया जाता है। नवग्रह एवं शनि पूजा में मुख्य रूप से इसका उपयोग होता है। इसे घर की सामग्री में पूरी तरह से जलाया जाता है ताकि पर्यावरण शुद्ध हो सके। इस्लामिक चिकित्सा में पैगंबर मोहम्मद ने कहा था कि कलौंजी में हर बीमारी का इलाज है, इसे इस्लामिक परंपरा में बेहद महत्व दिया गया है और इसे दवा के रूप में जाना जाता है। कई इस्लामी चिकित्सा पद्धतियों का भी उपयोग किया जाता है।
कलौंजी शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है
इसमें आचार, नान, पूरी और कैरी में मैकेनिकल स्वाद और सुगंध शामिल है। इसका तेल औषधीय उपयोग के लिए उपयोग या खपत के लिए लिया जाता है। पाचन तंत्र और वज़न के लिए इसे गर्म पानी या चाय में मिलाया जाता है। कलौंजी में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और आवश्यक घटक एसिड्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। यह शरीर को ऊर्जा और पोषण प्रदान करता है।
पहले प्रकाशित : 2 दिसंबर, 2024, 20:24 IST
अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
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