सेहत – हेल्थ टिप्स: रंगीन मौसम में बच्चों का रखें विशेष ध्यान, इन बीमारियों का बढ़ गया है खतरा, डॉक्टर से जानें कैसे करें बचाव

हरिकांत शर्मा/आगरा: आगरा का मौसम बदल रहा है। सर्दियाँ शुरू हो रही हैं। जब भी मौसम बदलता है, छोटे बच्चों में वायरल संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। छोटे बच्चों को ठंड लगना और ठंड से उल्टी दस्त और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। पॉल्यूशन के कारण बच्चों को सांस लेने में तकलीफ और एलर्जी हो सकती है। आगरा के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जे.
अलग-अलग मौसम में होने वाली आम बीमारी:
1. वायरल संक्रमण: समुद्र परिवर्तन के साथ-साथ बुखार और बुखार भी आम है।
2. निमोनिया: ठंड के कारण फेफड़ों पर असर पड़ सकता है, जिससे निमोनिया होने का ख़तरा बढ़ जाता है।
3. उल्टी और दस्त: ठंड लगना से बच्चों का पाचन तंत्र ख़राब हो सकता है।
4. सांस लेने में तकलीफ और एलर्जी: पॉल्यूशन के कारण डायबिटीज और एलर्जी की समस्या अधिक होती है।
बच्चों की देखभाल कैसे करें:
1. गर्म कपड़े और कपड़े: बच्चों को पूरी तरह से पहनने वाले गर्म कपड़े कपड़े, सुबह रात के समय पर दिखाए जाते हैं।
2. पोषक आहार आहार:बच्चों को ऐसा भोजन दें, जिसमें विटामिन सी और भरपूर मात्रा हो। इससे उनकी रोगज़नक़ संरचना क्षमता में वृद्धि होगी।
3. साफ-सफाई का ध्यान रखें: बच्चों के हाथ-पैर साफ करना और उन्हें बार-बार हाथ धोना की आदत डालना।
4. ठंडा पानी से बचाएं: बच्चों को ठंडा पानी न पिलाएं और न ही गर्म पानी का इस्तेमाल करें।
5. धूल-मिट्टी और पॉल्यूशन से बचाव: घर से बाहर बच्चों को मास्क, कपड़े और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
6. डॉक्टर से सलाह लें: किसी भी लक्षण के लिए तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
विशेषज्ञ की सलाह:
डॉ. जे. एन. ठेकेदार का कहना है कि मौसम में बदलाव पर बच्चों का खास ध्यान रखना जरूरी है। उनके खाने में गर्म पेय और सूप शामिल हैं। अगर बच्चे को बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ हो तो समय पर डॉक्टर से जांच कराएं। अक्सर जब भी मौसम बदलता है या ठंड अधिक होती है, तो जो बच्चे स्तनपान नहीं कराते हैं, उन बच्चों को ठंड लगना और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे बच्चों को ठंड से बचाव की अत्यंत आवश्यकता होती है। मौसमी मौसम में सावधानी और सही उपाय अपनाना बच्चों को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकता है। हर माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों की देखभाल और खान-पान का ध्यान रखें, ताकि वे इस मौसम में स्थिरता से दूर रहें।
पहले प्रकाशित : 9 दिसंबर, 2024, 06:09 IST
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