सेहत – हिंदी समाचार / फोटो गैलरी / जीवनशैली / मिल गया बाबा का असली इलाज! इन जगलों में मिली दुर्लभ जड़ी-बूटियां, सिर्फ 4 महीने में मिला बाबा का असली इलाज! इन जगलों में मिली दुर्लभ स्वास्थ्य-बूटियां, सिर्फ 4 जरूरी इलाज, गंभीर अस्थमा का इलाज करें: छत्तीसगढ़ का वन्य क्षेत्र, अपनी सांस्कृतिक विरासत और घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। इन जंगलों में केवल जैव विविधता ही नहीं, बल्कि स्वाद का खजाना भी छिपा है। यहां की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति, जहां स्थानीय वैद्युत पदार्थों से अपनाते आ रहे हैं, आज भी कई गंभीर समस्याओं का इलाज करना संभव है। स्थानीय वैद्यकीय दमे यानी बाबा जैसी जटिल समस्या का प्रभावी इलाज करते हैं। सुदूरवर्ती पूर्वी इलाके में पाई जाने वाली दुर्लभ दवा-बस्ती से बनी दवाइयों को राहत मिलती है। (रिपोर्टः रामकुमार/रायपुर) Local18{“vars”:{“gtag_id”:”G-4LJXB6XTLN”,”config”:{“G-4LJXB6XTLN”:{“groups”:”default”,”send_page_v iew”:false}}},”triggers”:{“trackEvent”:{“on”:”click”,”selector”:”#byline_agency_cp”,”request”:”even t”,”vars”:{“event_name”:”byline_agency_cp”,”cta_name”:”Local18″,”section”:””,”sub_section”:””,”article_id”:””,”type_of_article”:” “,”local18_district”:””,”domain”:”https://hindi.news18.com/”}}}}अंतिम अपडेट किया गया: 3 दिसंबर, 2024, 19:22 IST मनीष कुशवाह द्वारा संपादित01 बैंगलोर यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मनीसिंग कावड़े ने लोकल18 को बताया कि दमा रोग के रोगियों को सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। दम दम के साथ चलता है. यह हृदय का प्रभाव है. दमा रोग ठंड खांसी से शुरू होता है। दम दर्द का बहुत बड़ा हिस्सा रहता है।02 एलोपैथिक चिकित्सा में जीवन भर इसका औषधि खाना मौजूद है। लेकिन, आयुर्वेद में ज्यादातर तीन-चार महीने के अंदर दमा यानि मधुमेह रोग ठीक हो जाता है। छत्तीसगढ़ में स्थित समुद्री जीवों के प्राकृतिक उपचार के लिए यहां जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं। प्रमाणित वैधानिक मनीसिंग कावड़े ने स्वयं को इन निवेशकों के बीच-मजबूरियों को चुनकर लाया है और दामा को नामांकित किया है।03 उन्होंने बताया कि तीन से चार महीने के भीतर सबसे अच्छा परिणाम मिल गया है। दाग को दवा के रूप में दिया जाता है। इसके अलावा, चॉकलेट के अर्क से बनी दवा में चित्रात्मक प्रभाव का उपयोग किया जाता है। इसे ड्राप के रूप में दिया जाता है. दिल या गले में जो बलगम फंसता है वह तुरंत साफ हो जाता है। यह अचूक औषधि है।04 मनीसिंग कावड़े ने बताया कि आयुर्वेद में सैकड़ों बीमारी की एक दवा है। ज्यादातर बीमारियां वात, पित्त और कफ की वजह से होती हैं। आयुर्वेद के ये तीन दोष हैं, जो हमारे शरीर और मन की प्रकृति को नियंत्रित करते हैं। इन दोषों के अनुरूप असुविधा हो सकती है। दमा में कफ की मात्रा अधिक होने से सर्दी खांसी होती है।05 के साथ ही वायु दोष भी होता है। कफ और वायु दोष के कारण दम होता है। कमी या अधिकता से जो बीमारी होती है, उसके प्रतिपादक रेस्तरां की इस खास दवा से इसकी लत लग जाती है। शरीर में होती है कमी, मोटापा भी होता है ख़त्मअगली गैलरीअगली गैलरीडिस्क्लेमर: इस खबर में बताई गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह , दस्तावेज़ों से की गई बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
गंभीर अस्थमा का इलाज करें: छत्तीसगढ़ का जंगली इलाका, अपनी सांस्कृतिक विरासत और घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। इन जंगलों में केवल जैव विविधता ही नहीं, बल्कि स्वाद का खजाना भी छिपा है। यहां की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति, जहां स्थानीय वैद्युत पदार्थों से अपनाते आ रहे हैं, आज भी कई गंभीर समस्याओं का इलाज करना संभव है। स्थानीय वैद्यकीय दमे यानी बाबा जैसी जटिल समस्या का प्रभावी इलाज करते हैं। सुदूरवर्ती पूर्वी इलाके में पाई जाने वाली दुर्लभ दवा-बस्ती से बनी दवाइयों को राहत मिलती है। (रिपोर्टः रामकुमार/रायपुर)
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