सेहत – कलियुग में शोभायमान है पानी से भालू जैसा फल, शरीर में भरेंगे घोड़े जैसी सेना ! 50 रुपये में भर गया थैला

सिंघाड़े के स्वास्थ्य लाभ: पूर्वी की शुरुआत से ही सिंघाड़ा बाजार में लग रहा है. सिंघाड़ा को अंग्रेजी में वॉटर चेस्टनट कहा जाता है। यह एक अलग तरह का फल है, जो पानी में उगता है। इस फल को रॉ या डेमोकर दोनों तरीकों से जाना जाता है। सिंघाड़े का प्रयोग पूजा-पाठ में भी किया जाता है। सिंघाड़े का आटा भी बनाया जाता है, जिससे सेहत के लिए समृद्धि कम नहीं होती। सिंघाड़ा दिखने में हरा होता है, लेकिन अंदर से सफेद नारियल होता है। सिंघाड़ा अपने स्वाद और स्वास्थ्य पोषक तत्वों के बारे में जानें। असली में सिंघाड़ा खाने से शरीर को गजब के फायदे मिल सकते हैं।

हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार सिंघाड़ा में अच्छी मात्रा में स्ट्रॉबेरी, विटामिन सी और स्वाद होते हैं। इसकी वजह से सिंघाड़े को शरीर के लिए बेहद आकर्षक माना जाता है। इस फल के सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। सिंघाड़ा खाने से शरीर में फ्रोजन टॉक्सिक एलिमेंट्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है। सिंघाड़ा खाने से शरीर ऊर्जावान बना रहता है। सिंघाड़ा का सेवन शरीर की इम्युनिटी को भी प्राप्त करता है। यह शरीर की दीवारों से वजन की क्षमता हासिल करता है और स्टॉक-खांसी जैसे स्टूडियो से बचाव करता है।

आयुर्वेद में भी सिंघाड़ा को शरीर को प्रशिक्षित करने वाला माना जाता है। यह हर उम्र के लोगों के लिए जादुई होता है। दिल की सेहत के लिए सिंघाड़ा बेहद जादुई है। इसमें पोटैशियम की अच्छी मात्रा पाई होती है, जो ब्लड को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह दिल को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है और दिल की चुनौती का जोखिम कम करता है। सिंघाड़ा में पाए जाने वाले कोलेस्ट्रॉल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित किया जाता है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा भी कम होता है। सिंघाड़े में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं और सुंदर बनाए रखते हैं। एंटी-जॉर्जिंग से भरपूर सिंघाड़ा आपके चेहरे की ताकत को कम कर सकता है।

सिंघाड़े में कम प्राकृतिकता होती है, जिससे यह वजन में भी मदद करता है। जो लोग अपना वजन नियंत्रित करना चाहते हैं, उनके लिए सिंघाड़ा एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इससे भूख को शांत करने और लंबे समय तक पेट भरने में मदद मिलती है, जिससे अधिक खाने की आदत कम हो जाती है। इसमें स्टार्च शुगर होता है, जो शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है। कई अध्ययनों में रिप्रोडक्टिव स्वास्थ्य के बारे में सोचा गया है। सिंघाड़ा खाने से पुरुषों का स्पर्म कोट बढ़ सकता है। यह महिलाओं के लिए भी टॉनिक का काम कर सकता है।

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